थराली: नारायणबगड़ क्षेत्र के गैरबारम गांव सहित आसपास के तमाम गांवों के लोगों में लगातार दूसरे दिन भी गुलदार की दहशत बनी रही. ग्रामीणों के अनुरोध पर वन विभाग ने गुलदार को पकड़ने के लिए राज्य के दो प्रख्यात शिकारियों को बुलाया है.
गौरतलब है कि सोमवार को गैरबारम गांव में शाम सात बजे 11 वर्षीय दृष्टिका को आदमखोर गुलदार घर के पास से उठाकर ले गया था. इसके बाद मंगलवार को राजस्व पुलिस ने दृष्टिका का पोस्टमार्टम करवा कर शव परिजनों को सौंप दिया था. मंगलवार को दृष्टिका का दाह संस्कार कर दिया गया. सोमवार देर शाम की वारदात का असर मंगलवार शाम को भी देखने को मिला. गैरबारम, मलतुरा गांव सहित आसपास के तमाम अन्य गांवों में मंगलवार शाम होते ही सन्नटा छा गया.
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इलाके के अधिकांश लोग अपने घरों में दुबक गए. महिलाएं भी जल्द ही खेतों से काम निपटाकर वापस घर लौट आईं. गुलदार की दहशत को देखते हुए ग्रामीणों ने वन विभाग से मदद की गुहार लगाई. जिसके बाद बदरीनाथ वन प्रभाग गोपेश्वर के प्रभागीय वनाधिकारी आशुतोष सिंह की ठोस शिफारिश पर मंगलवार देर शाम ही प्रमुख वन संरक्षक वन्यजीव/मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक राजीव भर्तरी ने कुछ शर्तों के साथ गुलदार को आदमखोर घोषित कर पकड़ने, मारने के लिए एक माह तक का समय देते हुए आदेश जारी कर दिए हैं. इसके बाद अब आदमखोर को मारने के लिए वन विभाग ने प्रयास तेज कर दिये हैं.
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डीएफओ आशुतोष सिंह ने बताया की पीड़ित परिवार को मंगलवार को ही 90 हजार रुपए का चेक दे दिया गया है. शेष 2 लाख 10 हजार रुपए जल्द ही परिवार को दे दिये जाएंगे. उन्होंने बताया गुलदार को मारने के लिए शिकारी लखपत सिंह रावत गैरसैंण से और जॉय हुकील पौड़ी से गैरबारम गांव पहुंच चुके हैं. बुधवार को दोनों ही शिकारियों ने घटनास्थल और आसपास के इलाकों का गहन निरीक्षण कर वन विभाग के स्थानीय कार्मिकों से आवश्यक जानकारियां प्राप्त की.