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चमोली: माणा गांव के ग्रामीणों ने चीन के खिलाफ किया प्रदर्शन

भारत-चीन सीमा से लगे अंतिम गांव माणा में स्थानीय लोगों ने चीन के खिलाफ नारेबाजी कर चीनी सामान के बहिष्कार की अपील की है.

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चीन के खिलाफ लोगों ने किया प्रदर्शन.
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Published : Jun 28, 2020, 5:27 PM IST

Updated : Jun 28, 2020, 5:58 PM IST

चमोली: भारत-चीन सीमा पर बीते दिनों हुई झड़प में सैनिकों के बलिदान के बाद लोगों का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा है. चीन के खिलाफ लगातार विरोध प्रदर्शन जारी है. इसी कड़ी में भारत-चीन सीमा से लगे अंतिम गांव माणा में भी स्थानीय लोगों ने चीन के खिलाफ नारेबाजी कर चीनी सामान के बहिष्कार की अपील की है.

ग्राम प्रधान पीतांबर मोल्फा का कहना है कि अगर भारत और चीन के बीच युद्ध की स्थिति बनती है तो स्थानीय ग्रामीण हर कदम पर सेना और देश का साथ देंगे. क्योंकि सीमा के नजदीक रहने के कारण उन्हें सेना की द्वितीय रक्षा पंक्ति भी कहा जाता है. इस दौरान माणा गांव की महिलाओं ने कहा कि सुरक्षा बलों द्वारा उन्हें ट्रेनिंग दी गई है. ऐसे में अगर आवश्यकता पड़ती है तो वह सेना के पीछे-पीछे चीन से युद्व करने को तैयार हैं.

माणा गांव के ग्रामीणों ने चीन के खिलाफ किया प्रदर्शन

ये भी पढ़ें: अवैध कीड़ा जड़ी और वन्य जीव मांस के साथ चार तस्कर गिरफ्तार

बता दें कि उत्तराखंड के बदरीनाथ से महज चार किलोमीटर की दूरी पर भारत का अंतिम गांव माणा स्थित है. गांव को लेकर ऐसी मान्यता है कि अगर कोई अपनी गरीबी छुड़ाना चाहता है कि एक बार माणा गांव जरूर जाए. वहां के लोग बताते है कि इस माणा गांव को भगवान शिव का आशीर्वाद मिला है कि जो भी यहां आएगा, उसकी गरीबी दूर हो जाएगी. चीन की सीमा से लगे उत्तराखंड का ये आखिरी गांव है. वैसे इस गांव का संबंध महाभारत काल से भी जुड़ हुआ है.

चमोली: भारत-चीन सीमा पर बीते दिनों हुई झड़प में सैनिकों के बलिदान के बाद लोगों का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा है. चीन के खिलाफ लगातार विरोध प्रदर्शन जारी है. इसी कड़ी में भारत-चीन सीमा से लगे अंतिम गांव माणा में भी स्थानीय लोगों ने चीन के खिलाफ नारेबाजी कर चीनी सामान के बहिष्कार की अपील की है.

ग्राम प्रधान पीतांबर मोल्फा का कहना है कि अगर भारत और चीन के बीच युद्ध की स्थिति बनती है तो स्थानीय ग्रामीण हर कदम पर सेना और देश का साथ देंगे. क्योंकि सीमा के नजदीक रहने के कारण उन्हें सेना की द्वितीय रक्षा पंक्ति भी कहा जाता है. इस दौरान माणा गांव की महिलाओं ने कहा कि सुरक्षा बलों द्वारा उन्हें ट्रेनिंग दी गई है. ऐसे में अगर आवश्यकता पड़ती है तो वह सेना के पीछे-पीछे चीन से युद्व करने को तैयार हैं.

माणा गांव के ग्रामीणों ने चीन के खिलाफ किया प्रदर्शन

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बता दें कि उत्तराखंड के बदरीनाथ से महज चार किलोमीटर की दूरी पर भारत का अंतिम गांव माणा स्थित है. गांव को लेकर ऐसी मान्यता है कि अगर कोई अपनी गरीबी छुड़ाना चाहता है कि एक बार माणा गांव जरूर जाए. वहां के लोग बताते है कि इस माणा गांव को भगवान शिव का आशीर्वाद मिला है कि जो भी यहां आएगा, उसकी गरीबी दूर हो जाएगी. चीन की सीमा से लगे उत्तराखंड का ये आखिरी गांव है. वैसे इस गांव का संबंध महाभारत काल से भी जुड़ हुआ है.

Last Updated : Jun 28, 2020, 5:58 PM IST
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