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रात्रि जागरण और भजन कीर्तन के बाद ननिहाल देवराड़ा से मायके कुरुड़ को चली मां नंदा की डोली, उत्सव में डूबे लोग

Maa Nanda doli leaves for Kurud from Devrada उत्तराखंड की कुल देवी मां नंदा की लोकजात यात्रा देवराड़ा से सिद्धपीठ कुरुड़ रवाना हो गई है. देवराड़ा मां नंदा का ननिहाल है. कुरुड़ मां नंदा का मायका है. मां नंदा की डोली देवराड़ा में छह माह के प्रवास पर थी. प्रवास संपन्न होने पर डोली कुरुड़ के लिए रवाना हो गई. अपने विभिन्न यात्रों पड़ावों से होते हुए मां नंदा की डोली 12 जनवरी 2024 को सिद्धपीठ कुरुड़ में विराजमान होगी.

Maa Nanda doli
कुरुड़ को रवाना हुई मां नंदा की डोली
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 22, 2023, 2:03 PM IST

Updated : Dec 22, 2023, 3:32 PM IST

कुरुड़ को रवाना हुई मां नंदा की डोली

थराली: रात्रि जागरण और भजन कीर्तन के बाद शुक्रवार सुबह मां नंदा की उत्सव डोली को भावुक विदाई दी गई. प्रतिवर्ष लोकजात के रूप में चलने वाली नंदा देवी की उत्सव डोली सिद्धपीठ देवराड़ा में 6 माह प्रवास के बाद शुक्रवार को सिद्धपीठ कुरुड़ के लिए रवाना हो गयी. इससे पूर्व गुरुवार दोपहर बाद से ही नंदा देवी की डोली के विदाई के अवसर पर मंदिर प्रांगण में मेले का आयोजन किया गया.

मां नंदा की उत्सव डोली की विदाई: मेले में लोकगीतों, जागर और झोड़े गाकर अपनी अधिष्ठात्री देवी मां नंदा की डोली विदाई को उत्सव रूप में भक्तों ने मनाया. रात्रि जागरण के बाद नंदा की उत्सव डोली अपने अगले पड़ाव सुनाऊ के लिए चल पड़ी. वहां से उत्सव डोली रात्रि विश्राम के लिए बज्वाड़ गांव पहुंचेगी. सिद्धपीठ देवराड़ा से कुरुड़ को चली नंदा देवी की उत्सव डोली 21 पड़ावों को पार करते हुए 12 जनवरी को सिद्धपीठ कुरुड़ में विराजमान होगी.

12 जनवरी को सिद्धपीठ कुरुड़ पहुंचेगी मां नंदा की डोली: आपको बता दें कि देवी नंदा की उत्सव डोली हर वर्ष लोकजात के रूप में अपने मायके कुरुड़ से वेदनी के लिए चलती है. जहां वेदनी कुंड में स्नान के बाद डोली के साथ वेदनी तक भेजे गए भक्तों के चढ़ावे को कैलाश को विदा किया जाता है. देवी नंदा की उत्सव डोली विभिन्न पड़ावों को पार करते हुए अपने ननिहाल सिद्धपीठ देवराड़ा में विराजमान होती है.

उत्तराखंड की कुल देवी हैं मां नंदा: मां नंदा उत्तराखंड की कुल देवी मानी जाती हैं. उत्तराखंड के गढ़वाल और कुमाऊं दोनों मंडलों में मां नंदा की पूजा की जाती है. मां नंदा की पूजा करने के यहां प्राचीन काल से ही प्रमाण मिलते हैं. रूप मंडन के अनुसार मां पार्वती मां गौरा के 6 रूपों में से एक हैं. भगवती के छह अंगभूता देवियों में से मां नंदा भी एक हैं. मां नंदा को नव दुर्गा में से भी एक माना जाता है. नैनीताल और अल्मोड़ा में मां नंदा उत्सव पर मेले लगते हैं.
ये भी पढ़ें: अल्मोड़ा में मां नंदा सुनंदा की झलक पाने को बेताब दिखे भक्त, हजारों लोगों ने किए दर्शन

कुरुड़ को रवाना हुई मां नंदा की डोली

थराली: रात्रि जागरण और भजन कीर्तन के बाद शुक्रवार सुबह मां नंदा की उत्सव डोली को भावुक विदाई दी गई. प्रतिवर्ष लोकजात के रूप में चलने वाली नंदा देवी की उत्सव डोली सिद्धपीठ देवराड़ा में 6 माह प्रवास के बाद शुक्रवार को सिद्धपीठ कुरुड़ के लिए रवाना हो गयी. इससे पूर्व गुरुवार दोपहर बाद से ही नंदा देवी की डोली के विदाई के अवसर पर मंदिर प्रांगण में मेले का आयोजन किया गया.

मां नंदा की उत्सव डोली की विदाई: मेले में लोकगीतों, जागर और झोड़े गाकर अपनी अधिष्ठात्री देवी मां नंदा की डोली विदाई को उत्सव रूप में भक्तों ने मनाया. रात्रि जागरण के बाद नंदा की उत्सव डोली अपने अगले पड़ाव सुनाऊ के लिए चल पड़ी. वहां से उत्सव डोली रात्रि विश्राम के लिए बज्वाड़ गांव पहुंचेगी. सिद्धपीठ देवराड़ा से कुरुड़ को चली नंदा देवी की उत्सव डोली 21 पड़ावों को पार करते हुए 12 जनवरी को सिद्धपीठ कुरुड़ में विराजमान होगी.

12 जनवरी को सिद्धपीठ कुरुड़ पहुंचेगी मां नंदा की डोली: आपको बता दें कि देवी नंदा की उत्सव डोली हर वर्ष लोकजात के रूप में अपने मायके कुरुड़ से वेदनी के लिए चलती है. जहां वेदनी कुंड में स्नान के बाद डोली के साथ वेदनी तक भेजे गए भक्तों के चढ़ावे को कैलाश को विदा किया जाता है. देवी नंदा की उत्सव डोली विभिन्न पड़ावों को पार करते हुए अपने ननिहाल सिद्धपीठ देवराड़ा में विराजमान होती है.

उत्तराखंड की कुल देवी हैं मां नंदा: मां नंदा उत्तराखंड की कुल देवी मानी जाती हैं. उत्तराखंड के गढ़वाल और कुमाऊं दोनों मंडलों में मां नंदा की पूजा की जाती है. मां नंदा की पूजा करने के यहां प्राचीन काल से ही प्रमाण मिलते हैं. रूप मंडन के अनुसार मां पार्वती मां गौरा के 6 रूपों में से एक हैं. भगवती के छह अंगभूता देवियों में से मां नंदा भी एक हैं. मां नंदा को नव दुर्गा में से भी एक माना जाता है. नैनीताल और अल्मोड़ा में मां नंदा उत्सव पर मेले लगते हैं.
ये भी पढ़ें: अल्मोड़ा में मां नंदा सुनंदा की झलक पाने को बेताब दिखे भक्त, हजारों लोगों ने किए दर्शन

Last Updated : Dec 22, 2023, 3:32 PM IST
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