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Joshimath Sinking: पुनर्वास को लेकर स्थानीय लोगों की राय लेगी जिला प्रशासन, इस संस्था ने 20 घर बनाने का दिया ऑफर

जोशीमठ आपदा पीड़ितों की हर कोई अपने स्तर पर मदद करने के लिए आगे आ रहा है. एक तरफ सरकार जहां पीड़ितों से सुझाव लेकर पुनर्वास प्रक्रियाओं पर काम कर रही है, तो वहीं लायंस इंटरनेशनल ने भी मदद के लिए हाथ बढ़ाते से सरकार को आपदा पीड़ितों के लिए 20 घर बनाने का ऑफर किया है. हालांकि इसके लिए जमीन सरकार को ही उपलब्ध करानी होगी.

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Published : Jan 19, 2023, 4:45 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड के जोशीमठ शहर को संकट के उभारने के लिए सरकार और चमोली का स्थानीय प्रशासन हर संभव प्रयास कर रहा है. वहीं कुछ निजी संस्थानों ने भी सरकार और जोशीमठ के लोगों की मदद के लिए हाथ बढ़ाया है. जोशीमठ आपदा प्रभावितों की मदद के लिए लायंस इंटरनेशनल मंडल ने हाथ बढ़ाया है. मंडल के पदाधिकारियों का कहना है कि यदि सरकार आपदा पीड़ितों के लिए जमीन उपलब्ध कराती है तो ऐसे में लायंस इंटरनेशनल मंडल प्रभावितों को 20 फैब्रिकेटेड मकान उपलब्ध कराने की पहल करेगा, जो भूकंप के लिहाज से भी सुरक्षित हैं.

वहीं, जोशीमठ आपदा पीड़ितों के पुनर्वास को लेकर चमोली जिलाधिकारी हिमांशु खुराना का कहना है कि जोशीमठ में मौजूदा स्थिति को देखते हुए, वो पुनर्वास के संबंध में प्रभावित परिवारों के सुझाव और राय मांग रहे हैं. प्रशासन लोगों से सुझाव चाहते हैं, ताकि पुनर्वास प्रक्रियाओं को बेहतर ढंग से अंजाम दिया जा सकें.
पढ़ें- Joshimath Sinking: सीएम धामी ने की राहत कार्यों की समीक्षा, शहरों के ड्रेनेज सिस्टम चेक करने का आदेश

वहीं सरकार की मदद के लिए आगे आए लायंस इंटरनेशनल के मंडल अध्यक्ष रजनीश गोयल ने कहा कि जोशीमठ में आई आपदा चिंता का विषय है. ऐसे में आपदा प्रभावितों को राहत देने के लिए लायंस इंटरनेशनल मंडल की ओर से अभी तक दो सौ कंबल, खाने का सामान, फर्स्ट एड किट फल और जैकेट वितरित किए जा चुके हैं. इसके अलावा पानीपत से अच्छी गुणवत्ता के और कंबलों का ऑर्डर दिया जा चुका है, जिसे आपदा प्रभावितों के बीच जल्द वितरित किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि जल्द ही मंडल बहुत बड़ी खेप लेकर जोशीमठ पहुंचेगा. उन्होंने कहा कि यदि सरकार चाहे तो करीब 5 लाख रुपये की लागत से बनने वाले स्ट्रक्चरल लोहे और लकड़ी के 400 फुट के घर आपदा प्रभावितों के लिए उपलब्ध करा सकते हैं. मकान बनाने के लिए बाकायदा इंटरनेशनल संस्था से अनुदान को लेकर वार्ता की गई है और उन्हें उम्मीद है कि यह अनुदान आपदा प्रभावितों के मकान तैयार करने के लिए मिल सकता है. ऐसे में सरकार यदि हमें कहेगी कि इस तरह के घरों की रिक्वायरमेंट है तो मंडल इन घरों को प्रोवाइड करने के लिए तैयार है.
पढ़ें- Joshimath Disaster: क्या शोध रिपोर्ट लेकर सो जाता है आपदा प्रबंधन विभाग? नहीं तो बच जाता जोशीमठ

वहीं, उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के लिए हानिकारक इलेक्ट्रॉनिक कचरे का भी लायंस इंटरनेशनल मंडल निस्तारण करेगा. रजनीश गोयल का कहना है कि वास्तव में आज इलेक्ट्रॉनिक कचरा जो उत्पन्न हो रहा है, उन इलेक्ट्रॉनिक गैजेट के प्रति लोगों को जागरूक होना जरूरी है. क्योंकि आज जो इलेक्ट्रॉनिक कचरा उत्पन्न हो रहा है, उसे हम इस्तेमाल नहीं करते और समय-समय पर कबाड़ी को दे दिया करते हैं.

कबाड़ी इन कंप्यूटर लैपटॉप मोबाइल सीपीयू को छोटे-छोटे बच्चों से प्लास्टिक और लोहा अलग-अलग करवाता है और इस प्रोसेस के तहत बहुत लीड कैपेसिटर टूटते हैं तो टॉक्सिक गैस रिलीज होती है, जो उन बच्चों के लिए हानिकारक होती है. इसलिए लॉयन इंडिया ने एक मुहिम की शुरुआत की है, जिसमें 13 जनवरी से 13 फरवरी तक समूचे देश से इलेक्ट्रॉनिक वेस्ट 400 केंद्रों के माध्यम से एकत्रित किया जा रहा है और उत्तराखंड में भी यह मुहिम शुरू हो चुकी है.

देहरादून: उत्तराखंड के जोशीमठ शहर को संकट के उभारने के लिए सरकार और चमोली का स्थानीय प्रशासन हर संभव प्रयास कर रहा है. वहीं कुछ निजी संस्थानों ने भी सरकार और जोशीमठ के लोगों की मदद के लिए हाथ बढ़ाया है. जोशीमठ आपदा प्रभावितों की मदद के लिए लायंस इंटरनेशनल मंडल ने हाथ बढ़ाया है. मंडल के पदाधिकारियों का कहना है कि यदि सरकार आपदा पीड़ितों के लिए जमीन उपलब्ध कराती है तो ऐसे में लायंस इंटरनेशनल मंडल प्रभावितों को 20 फैब्रिकेटेड मकान उपलब्ध कराने की पहल करेगा, जो भूकंप के लिहाज से भी सुरक्षित हैं.

वहीं, जोशीमठ आपदा पीड़ितों के पुनर्वास को लेकर चमोली जिलाधिकारी हिमांशु खुराना का कहना है कि जोशीमठ में मौजूदा स्थिति को देखते हुए, वो पुनर्वास के संबंध में प्रभावित परिवारों के सुझाव और राय मांग रहे हैं. प्रशासन लोगों से सुझाव चाहते हैं, ताकि पुनर्वास प्रक्रियाओं को बेहतर ढंग से अंजाम दिया जा सकें.
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वहीं सरकार की मदद के लिए आगे आए लायंस इंटरनेशनल के मंडल अध्यक्ष रजनीश गोयल ने कहा कि जोशीमठ में आई आपदा चिंता का विषय है. ऐसे में आपदा प्रभावितों को राहत देने के लिए लायंस इंटरनेशनल मंडल की ओर से अभी तक दो सौ कंबल, खाने का सामान, फर्स्ट एड किट फल और जैकेट वितरित किए जा चुके हैं. इसके अलावा पानीपत से अच्छी गुणवत्ता के और कंबलों का ऑर्डर दिया जा चुका है, जिसे आपदा प्रभावितों के बीच जल्द वितरित किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि जल्द ही मंडल बहुत बड़ी खेप लेकर जोशीमठ पहुंचेगा. उन्होंने कहा कि यदि सरकार चाहे तो करीब 5 लाख रुपये की लागत से बनने वाले स्ट्रक्चरल लोहे और लकड़ी के 400 फुट के घर आपदा प्रभावितों के लिए उपलब्ध करा सकते हैं. मकान बनाने के लिए बाकायदा इंटरनेशनल संस्था से अनुदान को लेकर वार्ता की गई है और उन्हें उम्मीद है कि यह अनुदान आपदा प्रभावितों के मकान तैयार करने के लिए मिल सकता है. ऐसे में सरकार यदि हमें कहेगी कि इस तरह के घरों की रिक्वायरमेंट है तो मंडल इन घरों को प्रोवाइड करने के लिए तैयार है.
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वहीं, उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के लिए हानिकारक इलेक्ट्रॉनिक कचरे का भी लायंस इंटरनेशनल मंडल निस्तारण करेगा. रजनीश गोयल का कहना है कि वास्तव में आज इलेक्ट्रॉनिक कचरा जो उत्पन्न हो रहा है, उन इलेक्ट्रॉनिक गैजेट के प्रति लोगों को जागरूक होना जरूरी है. क्योंकि आज जो इलेक्ट्रॉनिक कचरा उत्पन्न हो रहा है, उसे हम इस्तेमाल नहीं करते और समय-समय पर कबाड़ी को दे दिया करते हैं.

कबाड़ी इन कंप्यूटर लैपटॉप मोबाइल सीपीयू को छोटे-छोटे बच्चों से प्लास्टिक और लोहा अलग-अलग करवाता है और इस प्रोसेस के तहत बहुत लीड कैपेसिटर टूटते हैं तो टॉक्सिक गैस रिलीज होती है, जो उन बच्चों के लिए हानिकारक होती है. इसलिए लॉयन इंडिया ने एक मुहिम की शुरुआत की है, जिसमें 13 जनवरी से 13 फरवरी तक समूचे देश से इलेक्ट्रॉनिक वेस्ट 400 केंद्रों के माध्यम से एकत्रित किया जा रहा है और उत्तराखंड में भी यह मुहिम शुरू हो चुकी है.

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