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चमोली: अल्ट्रासाउंड मशीन न होने से गर्भवती महिलाओं को हो रही परेशानी

जिले में सरकारी अस्पातालों में अल्ट्रासाउंड मशीन न होने से गर्भवाती महिलाओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसके चलते महिलाओं को अल्ट्रासांउड के लिए अन्य जिलों की तरफ रुख करना पड़ता है. वहीं, प्रशासन सुविधा को सुधारने के कई दावे करती है लेकिन ये दावे धरातल पर हवाई होते दिख रहें है.

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अल्ट्रासाउंड मशीन न होने से गर्भवती महिलाओं को हो रही परेशानी
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Published : Feb 6, 2020, 10:27 AM IST

चमोली: जिले के सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल बनी हुई है. एक ओर अस्पताल जहां डॉक्टरों की कम से जूझ रहे हैं. वहीं, जिला अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं के लिए एक अदद अल्ट्रासाउंड मशीन तक उपलब्ध नहीं हैं. ऐसे में गर्भवती महिलाओं को अल्ट्रासांउड के लिए अन्य जिलों का रुख करना पड़ रहा है.

अल्ट्रासाउंड मशीन न होने से गर्भवती महिलाओं को हो रही परेशानी.

गौरतलब है कि चमोली में जिला चिकित्सालय सहित 44 चिकित्सालयों और स्वास्थ्य केंद्रों का संचालन किया जा रहा है. लेकिन जिले में उप जिला चिकित्सालय में एक-एक रेडियोलॉस्जिट, सर्जन व गायनेकोलॉजिस्ट तैनात है. इसमें रेडियोलॉजिस्ट जहां जिला चिकित्सालय में तैनात हैं. वहीं, सर्जन और गायनेकोलॉजिस्ट उप जिला चिकित्सालय कर्णप्रयाग में तैनात किये गये हैं. जिससे गर्भवती महिलाओं सहित मरीजों को खासी दिक्कतों का समाना करना पड़ रहा हैं.

यें भी पढ़ें: ऑनलाइन वेश्यावृत्ति का धंधा करने वाले दो आरोपी गिरफ्तार, ऐसे करते थे सौदा

वहीं, चमोली जिले में 615 ग्राम पंचायतें व 7 नगरीय क्षेत्र हैं. ऐसे में यहां लाखों लोगों की आबादी के स्वस्थ्य को सरकार ने भगवान भरोसे छोड़ा दिया गया है. जिसके चलते जिला अस्पताल समेत अन्य चिकित्सालयों और स्वास्थ्य केंद्रों में अव्यवस्थाओं का अंबार लगा हुआ है. इस मामले में मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. केके सिंह ने बताया कि गायनेकोलॉजिस्ट, एनेस्थीसिया के डॉक्टर व रेडियोलॉजिस्ट की मांग की गई है. ऐसे में शासन की ओर से तैनाती किये जाने पर व्यवस्थाएं जल्द ही दुरुस्त कर ली जाएगी. साथ ही ज़िला अस्पताल में नई अल्ट्रसाउंड मशीन लगवाने को लेकर शासन से पत्राचार किया गया है.

चमोली: जिले के सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल बनी हुई है. एक ओर अस्पताल जहां डॉक्टरों की कम से जूझ रहे हैं. वहीं, जिला अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं के लिए एक अदद अल्ट्रासाउंड मशीन तक उपलब्ध नहीं हैं. ऐसे में गर्भवती महिलाओं को अल्ट्रासांउड के लिए अन्य जिलों का रुख करना पड़ रहा है.

अल्ट्रासाउंड मशीन न होने से गर्भवती महिलाओं को हो रही परेशानी.

गौरतलब है कि चमोली में जिला चिकित्सालय सहित 44 चिकित्सालयों और स्वास्थ्य केंद्रों का संचालन किया जा रहा है. लेकिन जिले में उप जिला चिकित्सालय में एक-एक रेडियोलॉस्जिट, सर्जन व गायनेकोलॉजिस्ट तैनात है. इसमें रेडियोलॉजिस्ट जहां जिला चिकित्सालय में तैनात हैं. वहीं, सर्जन और गायनेकोलॉजिस्ट उप जिला चिकित्सालय कर्णप्रयाग में तैनात किये गये हैं. जिससे गर्भवती महिलाओं सहित मरीजों को खासी दिक्कतों का समाना करना पड़ रहा हैं.

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वहीं, चमोली जिले में 615 ग्राम पंचायतें व 7 नगरीय क्षेत्र हैं. ऐसे में यहां लाखों लोगों की आबादी के स्वस्थ्य को सरकार ने भगवान भरोसे छोड़ा दिया गया है. जिसके चलते जिला अस्पताल समेत अन्य चिकित्सालयों और स्वास्थ्य केंद्रों में अव्यवस्थाओं का अंबार लगा हुआ है. इस मामले में मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. केके सिंह ने बताया कि गायनेकोलॉजिस्ट, एनेस्थीसिया के डॉक्टर व रेडियोलॉजिस्ट की मांग की गई है. ऐसे में शासन की ओर से तैनाती किये जाने पर व्यवस्थाएं जल्द ही दुरुस्त कर ली जाएगी. साथ ही ज़िला अस्पताल में नई अल्ट्रसाउंड मशीन लगवाने को लेकर शासन से पत्राचार किया गया है.

Intro:चिकित्सकों की कमी से जूझ रहे चमोली जिले में अब अल्ट्रासाउंड की सुविधा को लेकर गर्भवती महिलाओं के सम्मुख संकट खड़ा होने लगा है। जिले में जिला चिकित्सालय गोपेश्वर के अलावा कहीं भी अल्ट्रासाउंड की सुविधा नहीं मिल पा रही है। ऐसे में अब महिलाओं को अल्ट्रासाउंड की सुविधा के लिये बाहरी क्षेत्रों की दौड़ लगानी पड़ रही है।
Body:चमोली जिले में जिला चिकित्सालय सहित 44 चिकित्सालयों और स्वास्थ्य केंद्रों का संचालन किया जा रहा है। लेकिन जिले में उप जिला चिकित्सालय में एक-एक रेडियोलॉस्जिट, सर्जन व गायनोक्लॉजिस्ट तैनात हैं। इसमें रेडियोलॉजिस्ट जहां जिला चिकित्सालय में तैनात हैं, वहीं सर्जन और गायनाक्लॉजिस्ट उप जिला चिकित्सालय कर्णप्रयाग में तैनात किये गये हैं। जिससे गर्भवती महिलाओं सहित मरीजों के खासी दिक्कतों का समाना करना पड़ रहा है। चमोली जिले में 615 ग्राम पंचायतें व 7 नगरीय क्षेत्र हैं। हैं। ऐसे में सैकड़ों ग्राम पंचायतों और नगर क्षेत्र के लाखों लोगों के स्वस्थ्य को यहां सरकार की ओर से भगवान भरोसे छोड़ा गया है।

राज्य के पहाड़ी जिलों में स्वास्थ्य सुविधा को लेकर विभागीय अधिकारियों,शासन और सरकार की संवेदनशीलता का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है,कि गर्भवती महिलाओं को महज एक अल्ट्रासाउंड करवाने को लेकर रुद्रप्रयाग और श्रीनगर 100 किलोमीटर की दौड़ लगानी पड़ रही है ।

Conclusion:मामले पर मुख्य चिकित्साधिकारी चमोली डॉ. के के सिंह का कहना है कि गाइनोकोलॉजिस्ट ,एनेस्थीसिया के डॉक्टर व रेडियोलॉजिस्ट की मांग की गई है। शासन की ओर से तैनाती किये जाने पर व्यवस्थाएं दुरुस्त कर ली जाएंगी।साथ ही ज़िला अस्पताल में नई अल्ट्रसाउंड मशीन लगवाने को लेकर शासन से पत्राचार किया गया है।


बाईट-डा. केके सिंह, मुख्य चिकित्सधिकारी, चमोली।
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