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चमोली के कई गांवों में आज भी नहीं मोबाइल कनेक्टिविटी, कैसे साकार होगा डिजिटल इंडिया का सपना?

चमोली जिले के थराली विकासखंड के रतगांव, तालगैर ,रुईसान ऐसे गांव हैं जहां आज भी दूरसंचार सेवाएं नहीं पहुंच पाई हैं.

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Published : Jan 6, 2020, 3:04 PM IST

थरालीः देश में हर चीज डिजिटल हो रही है. जन्म प्रमाणपत्र से लेकर पहचान और मृत्यु तक के प्रमाणपत्र डिजिटल स्वरूप में आमजन तक पहुंच रहे हैं, लेकिन चमोली जिले में डिजिटल विकास की कुछ तस्वीरें निकलकर आई हैं जो संचार की क्रांति से एकदम विपरीत हैं.

चमोली जिले के थराली विकासखंड के रतगांव, तालगैर ,रुईसान ऐसे गांव हैं जो आज भी दूरसंचार व्यवस्थाओं से पूरी तरह महरूम हैं, यहां दूरसंचार व्यवस्थाएं न के बराबर हैं.

चमोली जिले में दूरसंचार सेवाओं का अभाव.

इन गांवों में बमुश्किल ही मोबाइल नेटवर्क के सिग्नल मिल पाते हैं, वहीं देवाल विकासखंड के भी घेस, हिमनी बलाण तो पिण्डर घाटी के खेता, मानमती, सौरीगाड़, तोरती, लिंगड़ी, झालिया ऐसे गांव हैं जहां आज भी मोबाइल कनेक्टिविटी नहीं पहुंच सकी है. हालांकि पिंडरघाटी में खेता गांव में बीएसएनएल का एक अदद मोबाइल टावर लगा जरूर है लेकिन आये दिन लाइन खराब होने की वजह से सिग्नल कम ही मिलते हैं.

इसका ताजा उदाहरण बीते दिनों घेस-हिमनी मोटरमार्ग पर हुई दुर्घटना है, जहां सड़क दुर्घटना ने 9 लोगों की जिंदगियां लील ली थीं. इस दुर्घटना के प्रत्यक्षदर्शी बताते हैं कि मोबाइल कनेक्टिविटी से यदि ये गांव जुड़े होते तो समय रहते स्थानीय प्रशासन को सूचना दी जा सकती थी, जिससे राहत बचाव कार्य जल्दी हो जाता और समय पर उन्हें अस्पताल लाया जा सकता था.

यह भी पढ़ेंः नए साल पर देवप्रयाग के 28 गांवों को मिला तोहफा, पूरी हुई वर्षों पुरानी मांग

देवाल के दूरस्थ गांव पिण्डरघाटी के स्थानीय लोगों ने बताया कि खेता में जरूर एक टावर लगा है लेकिन आये दिन लाइन खराब होने की वजह से सिग्नल नहीं मिल पाते हैं. इससे ऊपर दूरस्थ गांवों में संचार की कोई सुविधा नहीं है. वहीं देवाल के ब्लॉक प्रमुख दर्शन दानू ने कहा कि देवाल के कई गांव आज भी संचार सुविधाओं से महरूम हैं. सरकार को चाहिए कि डिजिटल इंडिया के तहत हर गांव को मोबाइल कनेक्टिविटी से जोड़ा जाए.

थरालीः देश में हर चीज डिजिटल हो रही है. जन्म प्रमाणपत्र से लेकर पहचान और मृत्यु तक के प्रमाणपत्र डिजिटल स्वरूप में आमजन तक पहुंच रहे हैं, लेकिन चमोली जिले में डिजिटल विकास की कुछ तस्वीरें निकलकर आई हैं जो संचार की क्रांति से एकदम विपरीत हैं.

चमोली जिले के थराली विकासखंड के रतगांव, तालगैर ,रुईसान ऐसे गांव हैं जो आज भी दूरसंचार व्यवस्थाओं से पूरी तरह महरूम हैं, यहां दूरसंचार व्यवस्थाएं न के बराबर हैं.

चमोली जिले में दूरसंचार सेवाओं का अभाव.

इन गांवों में बमुश्किल ही मोबाइल नेटवर्क के सिग्नल मिल पाते हैं, वहीं देवाल विकासखंड के भी घेस, हिमनी बलाण तो पिण्डर घाटी के खेता, मानमती, सौरीगाड़, तोरती, लिंगड़ी, झालिया ऐसे गांव हैं जहां आज भी मोबाइल कनेक्टिविटी नहीं पहुंच सकी है. हालांकि पिंडरघाटी में खेता गांव में बीएसएनएल का एक अदद मोबाइल टावर लगा जरूर है लेकिन आये दिन लाइन खराब होने की वजह से सिग्नल कम ही मिलते हैं.

इसका ताजा उदाहरण बीते दिनों घेस-हिमनी मोटरमार्ग पर हुई दुर्घटना है, जहां सड़क दुर्घटना ने 9 लोगों की जिंदगियां लील ली थीं. इस दुर्घटना के प्रत्यक्षदर्शी बताते हैं कि मोबाइल कनेक्टिविटी से यदि ये गांव जुड़े होते तो समय रहते स्थानीय प्रशासन को सूचना दी जा सकती थी, जिससे राहत बचाव कार्य जल्दी हो जाता और समय पर उन्हें अस्पताल लाया जा सकता था.

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देवाल के दूरस्थ गांव पिण्डरघाटी के स्थानीय लोगों ने बताया कि खेता में जरूर एक टावर लगा है लेकिन आये दिन लाइन खराब होने की वजह से सिग्नल नहीं मिल पाते हैं. इससे ऊपर दूरस्थ गांवों में संचार की कोई सुविधा नहीं है. वहीं देवाल के ब्लॉक प्रमुख दर्शन दानू ने कहा कि देवाल के कई गांव आज भी संचार सुविधाओं से महरूम हैं. सरकार को चाहिए कि डिजिटल इंडिया के तहत हर गांव को मोबाइल कनेक्टिविटी से जोड़ा जाए.

Intro:देश डिजिटल हो रहा है, जन्म के प्रमाण पत्र से लेकर पहचान और मृत्यु तक के प्रमाण पत्र डिजिटल स्वरूप में आमजन तक पहुंच रहे हैं, डिजिटल होते भारत ने मेक इन इंडिया से लेकर डिजिटल इंडिया तक न जाने कितनी योजनाएं और 2g से लेकर 4g तक कितनी संचार क्रांतियां देखी जिसका नतीजा है कि आप घर बैठे बैठे संचार की अनूठी दुनिया के माध्यम से डिजिटली अपने प्रमाण पत्र बनवा सकते हैं, Body:स्थान /थराली

रिपोर्ट / गिरीश चंदोला

स्लग -डिजिटल होते भारत की असली तस्वीर




एंकर-देश डिजिटल हो रहा है, जन्म के प्रमाण पत्र से लेकर पहचान और मृत्यु तक के प्रमाण पत्र डिजिटल स्वरूप में आमजन तक पहुंच रहे हैं, डिजिटल होते भारत ने मेक इन इंडिया से लेकर डिजिटल इंडिया तक न जाने कितनी योजनाएं और 2g से लेकर 4g तक कितनी संचार क्रांतियां देखी जिसका नतीजा है कि आप घर बैठे बैठे संचार की अनूठी दुनिया के माध्यम से डिजिटली अपने प्रमाण पत्र बनवा सकते हैं, खुद से कोसों दूर अपने परिजनों से मोबाइल के जरिये ,बातचीत कर सकते हैं लेकिन इन सब के बीच डिजिटल विकास की कुछ तस्वीरें निकल कर आई हैं चमोली जिले से जहां के अधिकांश गांव आज भी दूरसंचार व्यवस्था से कोसों दूर हैं।

थराली विकासखण्ड के रतगांव, तालगैर ,रुईसान ऐसे गांव हैं जो आज भी दूरसंचार व्यवस्थाओं से पूरी तरह महरूम हैं ,इन गांवों में बमुश्किल ही मोबाइल नेटवर्क के सिग्नल मिल पाते हैं, वहीं देवाल विकासखण्ड के भी घेस ,हिमनी बलाण तो पिण्डर घाटी की ओर खेता, मानमती, सौरीगाड़,तोरती, लिंगड़ी,झालिया,ऐसे गांव हैं जहां आज भी मोबाइल कनेक्टिविटी नही पहुंच सकी हैं ,जिसका नतीजा है कि दौड़ती भागती दूरसंचार व्यवस्थाओं से ये ग्रामीण आज भी कोसो दूर है ,कंप्यूटर के इस युग मे इन गांवों के ग्रामीणों को आज भी दूर दराज में बैठे अपने परिजनों से बातचीत के लिए डाक सेवा की मदद लेनी होती है हालांकि पिंडरघाटी में खेता गांव में bsnl का एक अदद मोबाइल टावर लगा जरूर है लेकिन आये दिन लाइन खराब होने की वजह से सिंग्नल कम ही मिलते हैं ऐसे में इन दूरस्थ गांवों में यदि कोई दुर्घटना भी घटित होती है तो मोबाइल कनेक्टिविटी के अभाव में ये ग्रामीण राहत बचाव कार्यो के लिए प्रशासन की न कोई मदद ले सकते हैं और न ही उन्हें कोई सूचना दे पाते हैं इसका ताजा उदाहरण बीते दिनों घेस हिमनी मोटरमार्ग पर हुई दुर्घटना है जहां सड़क दुर्घटना ने 9 लोगो की जिंदगियां लील ली थी इस दुर्घटना के प्रत्यक्षदर्शी बताते हैं कि मोबाइल कनेक्टिविटी से यदि ये गांव आच्छादित होते तो समय रहते स्थानीय प्रशासन को सूचना दी जा सकती थी जिससे राहत बचाव कार्य जल्दी हो जाता और संभावना रहती की समय पर उन्हें निकालकर अस्प्ताल लाया जाता ,बहरहाल सरकार और प्रशासन को भी चाहिए कि डिजिटल इंडिया की एक अलग ही तस्वीर बताते कनेक्टिविटी से दूर इन गांवों में भी बेहतर संचार सुविधाएं मुहैया करवाई जाए


Vo-देवाल के दूरस्थ गांव पिण्डरघाटी के स्थानीय लोगों ने बताया कि खेता में जरूर एक bsnl का टावर लगा है लेकिन आये दिन लाइन खराब होने की वजह से सिग्नल नही मिल पाते हैं और इससे ऊपर दूरस्थ गांवों में संचार की कोई सुविधा नहीं है।

Byte-जसपाल गड़िया क्षेत्र पंचायत सदस्य खेता

Byte-खिलाप राम स्थानीय
Byte-स्थानीय

Vo-वहीं देवाल के ब्लॉक प्रमुख दर्शन दानू ने कहा कि देवाल के कई गांव आज भी संचार सुविधाओं से महरूम है सरकार को चाहिए कि डिजिटल इंडिया के तहत हर गांव को कनेक्टिविटी से जोड़ा जाए

Byte-दर्शन दानू ब्लॉक प्रमुख देवालConclusion:Vo-देवाल के दूरस्थ गांव पिण्डरघाटी के स्थानीय लोगों ने बताया कि खेता में जरूर एक bsnl का टावर लगा है लेकिन आये दिन लाइन खराब होने की वजह से सिग्नल नही मिल पाते हैं और इससे ऊपर दूरस्थ गांवों में संचार की कोई सुविधा नहीं है।

Byte-जसपाल गड़िया ,क्षेत्र पंचायत सदस्य खेता

Byte-खिलाप राम स्थानीय

Byte-स्थानीय

Vo-वहीं देवाल के ब्लॉक प्रमुख दर्शन दानू ने कहा कि देवाल के कई गांव आज भी संचार सुविधाओं से महरूम है सरकार को चाहिए कि डिजिटल इंडिया के तहत हर गांव को कनेक्टिविटी से जोड़ा जाए

Byte-दर्शन दानू ब्लॉक प्रमुख देवाल
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