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जोशीमठ-नीती मार्ग रैणी गांव के पास ऋषिगंगा में समाया, गांव के लोग फिर खौफजदा - रात में बारिश

रैणी गांव गांव के लोगों की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं.जोशीमठ-नीती बॉर्डर सड़क का एक बड़ा हिस्सा भूस्खलन की चपेट में आने से ऋषिगंगा में समा गया है. जिससे वाहनों की आवाजाही बाधित हो गई है.

Part of Niti border road obstructed by subsidence near Raini village
जोशीमठ -नीति बॉर्डर सड़क का हिस्सा रैणी गाँव के पास धंसने से बाधित
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Published : Jun 15, 2021, 12:59 PM IST

चमोली: रैणी गांव के पास जोशीमठ-नीती बॉर्डर सड़क का एक बड़ा हिस्सा भूस्खलन की चपेट में आने से ऋषिगंगा में समा गया है. जिससे सीमांत क्षेत्रों में रहने वाले लोगों सहित भारत चीन सीमा पर तैनात जवानों को रसद पहुंचाने वाले सेना के वाहनों की आवाजाही थम गई है. रैणी गांव के निचले हिस्से में हो रहे भूस्खलन से जहां सड़क धंस गई है. वहीं रैणी गांव और गौरा देवी के स्मारक को भी खतरा पैदा हो गया है.

गौर हो कि बीती 7 फरवरी को रैणी गांव के पास ऋषिगंगा में आई भीषण आपदा के बाद रैणी गांव में रह रहे लोगों की मुसीबतें अभी भी थमने का नाम नहीं ले रही हैं. रैणी गांव के निचले भाग में ऋषिगंगा ने कटाव शुरू कर दिया है. जिससे रैणी में सड़क धंसने के साथ-साथ गांवों के घरों में दरारें भी आने की बात ग्रामीण बता रहे हैं.

Raini village Chamoli
रैणी गांव के पास ऋषिगंगा में समाई रोड.
Raini village Chamoli
मार्ग भूस्खलन की चपेट में आने से आवाजाही बाधित.

पढ़ें-हरिद्वार कुंभ में कोविड टेस्ट में फर्जीवाड़ा, DM ने बनाई जांच कमेटी

ग्रामीणों का कहना है कि वह खौफ के साये में जीने को मजबूर हैं.रात में बारिश होते ही ग्रामीण अपने घरों को छोड़कर गुफाओं में रात बिताने को मजबूर हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि आपदा के बाद से स्थानीय प्रशासन ने एक बार भी आकर ग्रामीणों की सुध नहीं ली.जिससे ग्रामीणों में प्रशासन के खिलाफ खासा रोष है.

चमोली: रैणी गांव के पास जोशीमठ-नीती बॉर्डर सड़क का एक बड़ा हिस्सा भूस्खलन की चपेट में आने से ऋषिगंगा में समा गया है. जिससे सीमांत क्षेत्रों में रहने वाले लोगों सहित भारत चीन सीमा पर तैनात जवानों को रसद पहुंचाने वाले सेना के वाहनों की आवाजाही थम गई है. रैणी गांव के निचले हिस्से में हो रहे भूस्खलन से जहां सड़क धंस गई है. वहीं रैणी गांव और गौरा देवी के स्मारक को भी खतरा पैदा हो गया है.

गौर हो कि बीती 7 फरवरी को रैणी गांव के पास ऋषिगंगा में आई भीषण आपदा के बाद रैणी गांव में रह रहे लोगों की मुसीबतें अभी भी थमने का नाम नहीं ले रही हैं. रैणी गांव के निचले भाग में ऋषिगंगा ने कटाव शुरू कर दिया है. जिससे रैणी में सड़क धंसने के साथ-साथ गांवों के घरों में दरारें भी आने की बात ग्रामीण बता रहे हैं.

Raini village Chamoli
रैणी गांव के पास ऋषिगंगा में समाई रोड.
Raini village Chamoli
मार्ग भूस्खलन की चपेट में आने से आवाजाही बाधित.

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ग्रामीणों का कहना है कि वह खौफ के साये में जीने को मजबूर हैं.रात में बारिश होते ही ग्रामीण अपने घरों को छोड़कर गुफाओं में रात बिताने को मजबूर हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि आपदा के बाद से स्थानीय प्रशासन ने एक बार भी आकर ग्रामीणों की सुध नहीं ली.जिससे ग्रामीणों में प्रशासन के खिलाफ खासा रोष है.

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