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चमोली: बर्फबारी के बाद से जोशीमठ-मलारी बॉर्डर रोड बंद, रास्ता खोलने में जुटे BRO के जवान

भारत-चीन सीमा को जोड़ने वाले जोशीमठ-मलारी बॉर्डर पर अभी भी 10 से 15 फीट तक बर्फ जमी हुई है. बीआरओ के जवान बर्फटाने का काम कर रहे हैं.

Chamoli Hindi News
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Published : Feb 28, 2020, 11:50 AM IST

चमोली: फरवही माह समाप्त होने को है और चमोली जिले के कई इलाके अभी भी बर्फ से अटे हुए हैं, तापमान माइनस से नीचे हैं. वहीं, बीआरओ के जवान नीति और जोशीमठ-मलारी बॉर्डर रोड से बर्फ हटाकर रास्ते को साफ करने में जुटे हुए हैं, ताकि बॉर्डर तक सैन्य वाहनों की आवाजाही बनी रहे.

जोशीमठ-मलारी बॉर्डर रोड पर जमी बर्फ.

भारत चीन सीमा को जोड़ने वाले जोशीमठ में बीआरओ के जवान बर्फ हटाने वाली मशीनों से रास्तों को साफ करने में लगे हुए हैं. मलारी से 5 किलोमीटर आगे तक सड़क से बर्फ हटाने का काम सीमा सड़क संगठन के द्वारा पूरा किया जा चुका है. जबकि, सीमा के ऊपरी इलाकों में बॉर्डर तक जाने वाली सड़कों से बर्फ हटाने का काम जारी है. वहां पर अभी भी 10 से 15 फीट मोटी बर्फ जमी हुई है, जिससे सेना के वाहनों को आवाजाही में दिक्कतें हो रही है.

पढ़ें- उत्तराखंड बजट 2020: सरकार को ब्याज-पेंशन की बड़ी टेंशन, प्रदेश मांगे फुल अटेंशन

बीआरओ के कमांडर पारस शर्मा ने बताया कि सड़क खोलने के लिए 5 किलोमीटर के सेक्टर में 4 सौ मजदूर, ऑपरेटर, अधिकारी, इंजीनियर का स्टाफ रहता है. साथ ही एक मशीन पर दो आपरेटर और एक हेल्पर नियुक्त रहता है, जिसमे कि एक सेक्शन स्टाफ सड़क को खोलने का कार्य करता है.

चमोली: फरवही माह समाप्त होने को है और चमोली जिले के कई इलाके अभी भी बर्फ से अटे हुए हैं, तापमान माइनस से नीचे हैं. वहीं, बीआरओ के जवान नीति और जोशीमठ-मलारी बॉर्डर रोड से बर्फ हटाकर रास्ते को साफ करने में जुटे हुए हैं, ताकि बॉर्डर तक सैन्य वाहनों की आवाजाही बनी रहे.

जोशीमठ-मलारी बॉर्डर रोड पर जमी बर्फ.

भारत चीन सीमा को जोड़ने वाले जोशीमठ में बीआरओ के जवान बर्फ हटाने वाली मशीनों से रास्तों को साफ करने में लगे हुए हैं. मलारी से 5 किलोमीटर आगे तक सड़क से बर्फ हटाने का काम सीमा सड़क संगठन के द्वारा पूरा किया जा चुका है. जबकि, सीमा के ऊपरी इलाकों में बॉर्डर तक जाने वाली सड़कों से बर्फ हटाने का काम जारी है. वहां पर अभी भी 10 से 15 फीट मोटी बर्फ जमी हुई है, जिससे सेना के वाहनों को आवाजाही में दिक्कतें हो रही है.

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बीआरओ के कमांडर पारस शर्मा ने बताया कि सड़क खोलने के लिए 5 किलोमीटर के सेक्टर में 4 सौ मजदूर, ऑपरेटर, अधिकारी, इंजीनियर का स्टाफ रहता है. साथ ही एक मशीन पर दो आपरेटर और एक हेल्पर नियुक्त रहता है, जिसमे कि एक सेक्शन स्टाफ सड़क को खोलने का कार्य करता है.

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