ETV Bharat / state

फूलों की घाटी में खिला जापानी 'ब्लू पॉपी', देखने खिंचे चले आते हैं विदेशी सैलानी

'फूलों की घाटी' में इन दिनों जापानी फूल 'ब्लू पॉपी' अपनी खूबसूरत छटा बिखेर रहा है. ब्लू पॉपी को हिमालयी फूलों की रानी भी कहा जाता है.

Japanese Blue Poppy Flower
Japanese Blue Poppy Flower
author img

By

Published : Jul 8, 2021, 6:50 PM IST

चमोली: विश्व धरोहर 'फूलों की घाटी' में इन दिनों जापानी फूल 'ब्लू पॉपी' अपनी खूबसूरत छटा बिखेर रहा है. कहा जाता है कि यह फूल करीब चार दशक पहले घाटी में मेहमान बनकर आया था. तब से यह घाटी का स्थायी सदस्य बन गया. इस फूल को जापानी सैलानी खासा पसंद करते हैं.

ब्लू पॉपी को हिमालयी फूलों की रानी भी कहा जाता है. जुलाई से अगस्त के आखिर तक हेमकुंड साहिब व फूलों की घाटी में यह फूल प्रचुर मात्रा में खिलता है. दुनिया में ब्लू पॉपी की 40 प्रजातियां मौजूद हैं. इनमें से 20 तो भारत में ही पाई जाती हैं. इस फूल की जड़ों को जहरीला माना जाता है.

Japanese Blue Poppy Flower
फूलों की घाटी में खिला जापानी 'ब्लू पॉपी' फूल.

समुद्र तल से करीब 12,500 फीट की ऊंचाई पर 87.5 वर्ग किमी. क्षेत्रफल में फैली फूलों की घाटी जैव विविधिता का खजाना है. यहां पर दुनिया के दुर्लभ के प्रजाति के फूल, वन्य जीव-जंतु, जड़ी-बूटियां व पक्षी पाए जाते हैं. फूलों की घाटी को साल 1982 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया और साल 2005 में यूनेस्को ने इसे विश्व प्राकृतिक धरोहर का दर्जा प्रदान किया है.

ब्लू पॉपी के फूलों की घाटी में आने की कहानी भी काफी रोचक है. साल 1986 तक यह फूल घाटी में नजर नहीं आता था. इसी वर्ष जापान के शोध छात्र चो बकांबे फूलों पर शोध के लिए फूलों की घाटी आए. इसी दौरान उन्होंने जापान में पसंद किए जाने वाले ब्लू पॉपी के बीज घाटी में बिखेरे. तीन साल बाद जब वह दोबारा फूलों की घाटी आए तो वहां ब्लू पॉपी की क्यारी सजी थी. तब से यह फूल लगातार यहां खिल रहा है.

पढ़ें- दोस्त की सलाह से लखपति बन गए सूरजमणि, मछली पालन से एक साल में कमा रहे लाखों

जापान में ब्लू पॉपी को खासा पसंद किया जाता है. फूलों की घाटी में इसे देखना उनके लिए सुखद अहसास जैसा है. फूलों की घाटी स्थित वन क्षेत्राधिकारी बृजमोहन भारती के मुताबिक फूलों की घाटी के लंबे-चौड़े क्षेत्र में 'ब्लू पॉपी' अपनी दस्तक दे चुका है. इस फूल को जापानी पर्यटक विशेष रूप से पसंद करते हैं.

चमोली: विश्व धरोहर 'फूलों की घाटी' में इन दिनों जापानी फूल 'ब्लू पॉपी' अपनी खूबसूरत छटा बिखेर रहा है. कहा जाता है कि यह फूल करीब चार दशक पहले घाटी में मेहमान बनकर आया था. तब से यह घाटी का स्थायी सदस्य बन गया. इस फूल को जापानी सैलानी खासा पसंद करते हैं.

ब्लू पॉपी को हिमालयी फूलों की रानी भी कहा जाता है. जुलाई से अगस्त के आखिर तक हेमकुंड साहिब व फूलों की घाटी में यह फूल प्रचुर मात्रा में खिलता है. दुनिया में ब्लू पॉपी की 40 प्रजातियां मौजूद हैं. इनमें से 20 तो भारत में ही पाई जाती हैं. इस फूल की जड़ों को जहरीला माना जाता है.

Japanese Blue Poppy Flower
फूलों की घाटी में खिला जापानी 'ब्लू पॉपी' फूल.

समुद्र तल से करीब 12,500 फीट की ऊंचाई पर 87.5 वर्ग किमी. क्षेत्रफल में फैली फूलों की घाटी जैव विविधिता का खजाना है. यहां पर दुनिया के दुर्लभ के प्रजाति के फूल, वन्य जीव-जंतु, जड़ी-बूटियां व पक्षी पाए जाते हैं. फूलों की घाटी को साल 1982 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया और साल 2005 में यूनेस्को ने इसे विश्व प्राकृतिक धरोहर का दर्जा प्रदान किया है.

ब्लू पॉपी के फूलों की घाटी में आने की कहानी भी काफी रोचक है. साल 1986 तक यह फूल घाटी में नजर नहीं आता था. इसी वर्ष जापान के शोध छात्र चो बकांबे फूलों पर शोध के लिए फूलों की घाटी आए. इसी दौरान उन्होंने जापान में पसंद किए जाने वाले ब्लू पॉपी के बीज घाटी में बिखेरे. तीन साल बाद जब वह दोबारा फूलों की घाटी आए तो वहां ब्लू पॉपी की क्यारी सजी थी. तब से यह फूल लगातार यहां खिल रहा है.

पढ़ें- दोस्त की सलाह से लखपति बन गए सूरजमणि, मछली पालन से एक साल में कमा रहे लाखों

जापान में ब्लू पॉपी को खासा पसंद किया जाता है. फूलों की घाटी में इसे देखना उनके लिए सुखद अहसास जैसा है. फूलों की घाटी स्थित वन क्षेत्राधिकारी बृजमोहन भारती के मुताबिक फूलों की घाटी के लंबे-चौड़े क्षेत्र में 'ब्लू पॉपी' अपनी दस्तक दे चुका है. इस फूल को जापानी पर्यटक विशेष रूप से पसंद करते हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.