थराली: उत्तराखंड में अवैध खनन का खेल लगातार जारी है. जिस पर पुलिस और प्रशासन रोक लगा पाने में नाकाम साबित हो रहा है. ऐसा ही कुछ हाल पिंडर घाटी में देखने को मिल रहा है. यहां अवैध रूप से चल रहे मोबाइल स्टोन क्रशरों के सामने प्रशासन ने घुटने टेक दिए हैं.
कर्णप्रयाग-ग्वालदम मोटर मार्ग पर तलवाड़ी में बांज के पेड़ों के बीच में मोबाइल स्टोन क्रशर लगा हुआ है, जहां धड़ल्ले से पत्थरों की पिसाई हो रही है. हालांकि, स्टोन क्रशर स्वामी का कहना है कि उनके पास जिलाधिकारी की अनुमति है, लेकिन बड़ा सवाल ये है कि जब उपजिलाधिकारी थराली किशन सिंह नेगी इस बात से इनकार कर रहे हैं.
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पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष राजेश चौहान, विक्रम कनवासी, भूपेंद्र फर्सवाण, मोहन, भरत सैंजवाल आदि ने बताया कि स्टोन क्रशर इकाई मानकों के अनुरूप उचित स्थान पर नहीं है. जिला प्रशासन ने बाज के पेड़ों के बीच आखिर स्टोन क्रशर लगाने की अनुमति कैसे दे दी ये भी चर्चा का विषय है. बता दें कि पिंडर घाटी में पिछले तीन साल से कोई भी खनन का पट्टा नहीं दिया गया है.
इससे पहले देवाल के बेराधार में भी एक अवैध स्टोन क्रशर स्थापित करने का मामला सामने आया था. स्थानीय लोगों का कहना है कि शासन-प्रशासन को सूचना देने के बावजूद भी स्टोन क्रशर स्वामी के विरुद्ध कोई कठोर कार्रवाई नहीं हुई है.
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वहीं, इस बारे में उपजिलाधिकारी थराली किशन सिंह नेगी का कहना है कि उन्हें मोबाइल स्टोन क्रशर स्थापना की कोई जानकारी नहीं है. इस विषय पर वह जांच करेंगे.