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थराली में प्रशासन की नाक के नीचे चल रहा अवैध मोबाइल स्टोन क्रशर - थराली में अवैध खनन

उत्तराखंड में अवैध खनन का ये कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी अवैध खनन से जुड़े हुए कई मामले सामने आ चुके है, लेकिन प्रशासन कोई कार्रवाई करने को तैयार नहीं है.

tharali
मोबाइल स्टोन क्रेशर
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Published : Dec 3, 2019, 5:29 PM IST

Updated : Dec 3, 2019, 6:12 PM IST

थराली: उत्तराखंड में अवैध खनन का खेल लगातार जारी है. जिस पर पुलिस और प्रशासन रोक लगा पाने में नाकाम साबित हो रहा है. ऐसा ही कुछ हाल पिंडर घाटी में देखने को मिल रहा है. यहां अवैध रूप से चल रहे मोबाइल स्टोन क्रशरों के सामने प्रशासन ने घुटने टेक दिए हैं.

प्रशासन की नाक के नीचे अवैध खनन.

कर्णप्रयाग-ग्वालदम मोटर मार्ग पर तलवाड़ी में बांज के पेड़ों के बीच में मोबाइल स्टोन क्रशर लगा हुआ है, जहां धड़ल्ले से पत्थरों की पिसाई हो रही है. हालांकि, स्टोन क्रशर स्वामी का कहना है कि उनके पास जिलाधिकारी की अनुमति है, लेकिन बड़ा सवाल ये है कि जब उपजिलाधिकारी थराली किशन सिंह नेगी इस बात से इनकार कर रहे हैं.

पढ़ें- उत्तराखंड: कड़ाके की ठंड से बढ़ी लोगों की मुश्किलें, कोहरा बढ़ा रहा टेंशन

पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष राजेश चौहान, विक्रम कनवासी, भूपेंद्र फर्सवाण, मोहन, भरत सैंजवाल आदि ने बताया कि स्टोन क्रशर इकाई मानकों के अनुरूप उचित स्थान पर नहीं है. जिला प्रशासन ने बाज के पेड़ों के बीच आखिर स्टोन क्रशर लगाने की अनुमति कैसे दे दी ये भी चर्चा का विषय है. बता दें कि पिंडर घाटी में पिछले तीन साल से कोई भी खनन का पट्टा नहीं दिया गया है.

इससे पहले देवाल के बेराधार में भी एक अवैध स्टोन क्रशर स्थापित करने का मामला सामने आया था. स्थानीय लोगों का कहना है कि शासन-प्रशासन को सूचना देने के बावजूद भी स्टोन क्रशर स्वामी के विरुद्ध कोई कठोर कार्रवाई नहीं हुई है.

पढ़ें- 'कमांडो 3' के सीन पर फिर मचा बवाल, पहलवानों ने की पीएम से यह मांग

वहीं, इस बारे में उपजिलाधिकारी थराली किशन सिंह नेगी का कहना है कि उन्हें मोबाइल स्टोन क्रशर स्थापना की कोई जानकारी नहीं है. इस विषय पर वह जांच करेंगे.

थराली: उत्तराखंड में अवैध खनन का खेल लगातार जारी है. जिस पर पुलिस और प्रशासन रोक लगा पाने में नाकाम साबित हो रहा है. ऐसा ही कुछ हाल पिंडर घाटी में देखने को मिल रहा है. यहां अवैध रूप से चल रहे मोबाइल स्टोन क्रशरों के सामने प्रशासन ने घुटने टेक दिए हैं.

प्रशासन की नाक के नीचे अवैध खनन.

कर्णप्रयाग-ग्वालदम मोटर मार्ग पर तलवाड़ी में बांज के पेड़ों के बीच में मोबाइल स्टोन क्रशर लगा हुआ है, जहां धड़ल्ले से पत्थरों की पिसाई हो रही है. हालांकि, स्टोन क्रशर स्वामी का कहना है कि उनके पास जिलाधिकारी की अनुमति है, लेकिन बड़ा सवाल ये है कि जब उपजिलाधिकारी थराली किशन सिंह नेगी इस बात से इनकार कर रहे हैं.

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पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष राजेश चौहान, विक्रम कनवासी, भूपेंद्र फर्सवाण, मोहन, भरत सैंजवाल आदि ने बताया कि स्टोन क्रशर इकाई मानकों के अनुरूप उचित स्थान पर नहीं है. जिला प्रशासन ने बाज के पेड़ों के बीच आखिर स्टोन क्रशर लगाने की अनुमति कैसे दे दी ये भी चर्चा का विषय है. बता दें कि पिंडर घाटी में पिछले तीन साल से कोई भी खनन का पट्टा नहीं दिया गया है.

इससे पहले देवाल के बेराधार में भी एक अवैध स्टोन क्रशर स्थापित करने का मामला सामने आया था. स्थानीय लोगों का कहना है कि शासन-प्रशासन को सूचना देने के बावजूद भी स्टोन क्रशर स्वामी के विरुद्ध कोई कठोर कार्रवाई नहीं हुई है.

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वहीं, इस बारे में उपजिलाधिकारी थराली किशन सिंह नेगी का कहना है कि उन्हें मोबाइल स्टोन क्रशर स्थापना की कोई जानकारी नहीं है. इस विषय पर वह जांच करेंगे.

Intro:थराली।पिंडर घाटी में खनन माफियाओं के हौसले बुलंद , नियमों को ताक पर रख चल रहे हैं, स्टोन क्रेशर।

पिंडर घाटी में खनन माफियाओं के हौसले इस कदर बुलन्द है ,कि शासन प्रशासन भी इन पर काबू नहीं कर पा रहा हैBody:रिपोर्ट--गिरीश चंदोला

स्थान--थराली(tharali)

स्लग-- नियमो को धता बताते स्टोन क्रेशर


थराली।पिंडर घाटी में खनन माफियाओं के हौसले बुलंद , नियमों को ताक पर रख चल रहे हैं, स्टोन क्रेशर।

पिंडर घाटी में खनन माफियाओं के हौसले इस कदर बुलन्द है ,कि शासन प्रशासन भी इन पर काबू नहीं कर पा रहा है। पहले अवैध खनन और अब नियमों को ताक पर रख लग रहे मोबाइल स्टोन क्रैशरो के आगे शासन प्रशासन भी घुटने टेकता नजर आ रहा है। अब एक नया मामला प्रकाश में आया है।


कर्णप्रयाग- ग्वालदम मोटर मार्ग पर तलवाड़ी में बांज के पेड़ो के एकदम बीच एक मोबाइल स्टोन क्रेशर लगा हुआ है ,जहां धड़ल्ले से पत्थरों की पिसाई हो रही है। हालांकि स्टोन क्रेशर स्वामी का कहना है। कि उनके पास जिलाधिकारी की वैधानिक अनुमति है ,लेकिन सवाल यह उठता है कि स्टोन क्रेशर नियमावली एवं जिला अधिकारी की अनुमति में दिए गए मानकों के अनुसार स्टोन क्रेशर नहीं लगा हुआ है। स्थानीय पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष राजेश चौहान, विक्रम कनवासी, भूपेंद्र फर्सवाण,मोहन , भरत सैंजवाल आदि ने बताया कि स्टोन क्रेशर इकाई मानको के अनुरूप उचित स्थान पर नहीं है,साथ ही स्थानीय लोगो ने कहा कि यहां स्थापित स्टोन क्रेशर नियमो को ताक पर रखकर स्थापित किया गया है ,जिला प्रशासन द्वारा बाज के पेड़ों के बीच आखिर क्यों स्टोन क्रेशर लगाने की अनुमति दी गई यह चर्चा का विषय है ।बता दें कि पिंडर घाटी में पिछले 3 वर्षों से कोई भी खनन का पट्टा नहीं है ।


बावजूद इसके जिलाधिकारी की स्टोन क्रेशर स्थापित करने की अनुमति भी चर्चा का विषय बनी हुई है। नियमों को धता बताते इन मोबाइल स्टोन क्रेशर को लेकर शासन प्रशासन भी बोना नजर आता दिख रहा है।
इससे पूर्व देवाल के बेराधार में भी एक अवैध स्टोन क्रेशर स्थापित करने का मामला सामने आया था, स्थानीय लोगों का कहना है कि शासन प्रशासन को सूचना देने के बावजूद भी स्टोन क्रेशर स्वामी के विरुद्ध कोई कठोर कार्यवाही नहीं हो पाई जिससे पिंडर घाटी में खनन माफियाओं का हौसला बुलंद हुआ है।


Conclusion:Byte उपजिलाधिकारी थराली किशन सिंह नेगी ने बताया कि उन्हें मोबाइल स्टोन क्रेशर स्थापना की कोई जानकारी नहीं है,इस विषय पर वह जांच करेंगे।
Last Updated : Dec 3, 2019, 6:12 PM IST
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