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त्रिवेंद्र सरकार की एयर एंबुलेंस 'हवा' में, मरीज के परिजनों ने 2 लाख रुपये में मंगाया हेलीकॉप्टर - मरीज को अस्पताल

घाट विकासखंड के उस्तोली गांव निवासी प्रदीप सिंह (26) सीढ़ियों से गिरकर घायल हो गया. जिसे परिजनों ने हायर सेंटर ले जाने के लिए अपने निजी खर्चों से दो लाख रुपये में एक हेलीकॉप्टर मंगाया और एयरलिफ्ट कर ऋषिकेश पहुंचाया गया.

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हेलीकॉप्टर
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Published : Feb 6, 2020, 11:12 PM IST

Updated : Feb 7, 2020, 12:19 AM IST

चमोलीः सरकार भले ही प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लाख दावे करती हो, लेकिन धरातल पर जमीनी हकीकत ठीक उलट है. इतना ही नहीं सूबे के मुखिया त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बीते साल एयर एंबुलेंस की सुविधा देने की घोषणा की थी, लेकिन उनके दावे सफेद हाथी साबित हुए. इसकी बानगी चमोली जिले में देखने को मिली. जहां पर गंभीर रूप से घायल एक मरीज को ऋषिकेश एम्स ले जाने के लिए परिजनों को निजी खर्चे पर दो लाख रुपये में हेलीकॉप्टर मंगानी पड़ी. जिसे एयरलिफ्ट कर ऋषिकेश पहुंचाया गया.

सूबे में स्वास्थ्य सुविधाओं की सरकार के दावों की पोल तब खुलती है, जब कोई गंभीर रूप से बीमार हो या घायल हो. उन्हें हेली सेवा के माध्यम से जिले से बाहर हायर सेंटर ले जाना हो. ऐसा ही एक मामला गुरुवार को चमोली से सामने आया है. जानकारी के मुताबिक, घाट के उस्तोली गांव के प्रदीप सिंह (26) बुधवार की रात घाट बाजार से खाना खाने के बाद अपने कमरे पर सोने जा रहा था. तभी अचानक वो सीढ़ियों से गिर गया.

मरीज के परिजनों ने 2 लाख रुपये में बुक कराया हेलीकॉप्टर.

ये भी पढ़ेंः ऐसे कैसे बनेगा डिजिटल इंडिया सरकार! टावर तो लगा दिए, पर नेटवर्क गायब

गंभीर चोट लगने के कारण मौके से उठ नहीं पाया और पूरी रात कड़ाके की ठंड में पड़ा रहा. सुबह होने पर ग्रामीणों और परिजनों ने उसे सीएचसी घाट में भर्ती करवाया. जहां डॉक्टरों ने उसकी गंभीर हालत को देखते हुए जिला अस्पताल गोपेश्वर रेफर कर दिया. जिसके बाद परिजन उसे लेकर गोपेश्वर पहुंचे. जहां पर डॉक्टरों ने हाथ खड़े कर दिए और हायर सेंटर ले जाने की सलाह दी.

जिस पर परिजनों ने शासन-प्रशासन और विधायकों से हेलीकॉप्टर की मांग की, लेकिन कहीं से कोई सकारात्मक जबाव नहीं मिला. जिसके बाद में परिजनों के खुद के खर्चा उठाने की बात करने पर चमोली जिला प्रशासन ने देहरादून से हेलीकॉप्टर मंगाई और घायल को ऋषिकेश भेजा. जिसे ऋषिकेश के आईडीपीएल हेलीपैड से एंबुलेंस के जरिए एम्स अस्पताल पहुंचाया.

ये भी पढ़ेंः पिथौरागढ़: विधायक निधि खर्च करने में कंजूस साबित हुए ये विधायक, महज 15 फीसदी ही कर पाए खर्च

परिजन महावीर सिंह ने बताया कि घायल को ऋषिकेश ले जाने के लिए उनकी ओर से शासन-प्रशासन से लेकर सरकार तक गुहार लगाई गई. सभी ने हामी तो भरी, लेकिन किसी ने भी हेलीकॉप्टर नहीं भेजा. जिसके बाद में ग्रामीणों और परिजनों ने आपसी सहयोग से दो लाख रुपये में हेलीकॉप्टर मंगाकर घायल को ऋषिकेश रेफर पहुंचाया. जिसका भुगतान उन्होंने चेक के रूप में किया है. जबकि, डॉक्टरों ने घायल प्रदीप के सिर का ऑपरेशन करने की बात कही है.

वहीं, मामले पर जिलाधिकारी स्वाति एस भदोरिया का कहना है कि सरकार की ओर से जारी नियम के अनुसार एयर एंबुलेंस तीन अवस्था में ही निःशुल्क उपलब्ध कराई जा सकती है, आपदा की स्थिति, गर्भवती महिला को तत्काल इलाज देने और आपातकाल में सामूहिक रूप से किसी के कहीं फंस जाने पर. इस मामले में जब परिजनों ने हेलीकॉप्टर का किराया खुद देने की सहमति दी उसके बाद ही हेलीकॉप्टर की सुविधा दी गई.

चमोलीः सरकार भले ही प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लाख दावे करती हो, लेकिन धरातल पर जमीनी हकीकत ठीक उलट है. इतना ही नहीं सूबे के मुखिया त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बीते साल एयर एंबुलेंस की सुविधा देने की घोषणा की थी, लेकिन उनके दावे सफेद हाथी साबित हुए. इसकी बानगी चमोली जिले में देखने को मिली. जहां पर गंभीर रूप से घायल एक मरीज को ऋषिकेश एम्स ले जाने के लिए परिजनों को निजी खर्चे पर दो लाख रुपये में हेलीकॉप्टर मंगानी पड़ी. जिसे एयरलिफ्ट कर ऋषिकेश पहुंचाया गया.

सूबे में स्वास्थ्य सुविधाओं की सरकार के दावों की पोल तब खुलती है, जब कोई गंभीर रूप से बीमार हो या घायल हो. उन्हें हेली सेवा के माध्यम से जिले से बाहर हायर सेंटर ले जाना हो. ऐसा ही एक मामला गुरुवार को चमोली से सामने आया है. जानकारी के मुताबिक, घाट के उस्तोली गांव के प्रदीप सिंह (26) बुधवार की रात घाट बाजार से खाना खाने के बाद अपने कमरे पर सोने जा रहा था. तभी अचानक वो सीढ़ियों से गिर गया.

मरीज के परिजनों ने 2 लाख रुपये में बुक कराया हेलीकॉप्टर.

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गंभीर चोट लगने के कारण मौके से उठ नहीं पाया और पूरी रात कड़ाके की ठंड में पड़ा रहा. सुबह होने पर ग्रामीणों और परिजनों ने उसे सीएचसी घाट में भर्ती करवाया. जहां डॉक्टरों ने उसकी गंभीर हालत को देखते हुए जिला अस्पताल गोपेश्वर रेफर कर दिया. जिसके बाद परिजन उसे लेकर गोपेश्वर पहुंचे. जहां पर डॉक्टरों ने हाथ खड़े कर दिए और हायर सेंटर ले जाने की सलाह दी.

जिस पर परिजनों ने शासन-प्रशासन और विधायकों से हेलीकॉप्टर की मांग की, लेकिन कहीं से कोई सकारात्मक जबाव नहीं मिला. जिसके बाद में परिजनों के खुद के खर्चा उठाने की बात करने पर चमोली जिला प्रशासन ने देहरादून से हेलीकॉप्टर मंगाई और घायल को ऋषिकेश भेजा. जिसे ऋषिकेश के आईडीपीएल हेलीपैड से एंबुलेंस के जरिए एम्स अस्पताल पहुंचाया.

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परिजन महावीर सिंह ने बताया कि घायल को ऋषिकेश ले जाने के लिए उनकी ओर से शासन-प्रशासन से लेकर सरकार तक गुहार लगाई गई. सभी ने हामी तो भरी, लेकिन किसी ने भी हेलीकॉप्टर नहीं भेजा. जिसके बाद में ग्रामीणों और परिजनों ने आपसी सहयोग से दो लाख रुपये में हेलीकॉप्टर मंगाकर घायल को ऋषिकेश रेफर पहुंचाया. जिसका भुगतान उन्होंने चेक के रूप में किया है. जबकि, डॉक्टरों ने घायल प्रदीप के सिर का ऑपरेशन करने की बात कही है.

वहीं, मामले पर जिलाधिकारी स्वाति एस भदोरिया का कहना है कि सरकार की ओर से जारी नियम के अनुसार एयर एंबुलेंस तीन अवस्था में ही निःशुल्क उपलब्ध कराई जा सकती है, आपदा की स्थिति, गर्भवती महिला को तत्काल इलाज देने और आपातकाल में सामूहिक रूप से किसी के कहीं फंस जाने पर. इस मामले में जब परिजनों ने हेलीकॉप्टर का किराया खुद देने की सहमति दी उसके बाद ही हेलीकॉप्टर की सुविधा दी गई.

Intro:चमोली जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं की सरकार के दावों की पोल तब खुलती है जब कोई गंभीर रूप से बीमार हो अथवा घायल हो और उन्हें हेली सेवा के माध्यम से जिले से बाहर हायर सेंटर ले जाना हो।

चमोली में गुरूवार एक ऐसा ही मामला तब सामने आया जब विकास खंड घाट के उस्तोली निवासी प्रदीप सिंह रावत को गंभीर रूप से घायल होने की दशा में हायर सेंटर ले जाने के लिए परिजनों को काफी मसक्कत करनी पड़ी। बाद में स्वयं के खर्चे पर देहरादून से दो लाख रुपये में हेलीकाप्टर मंगा कर उसे देहरादून भेजा गया।

बाईट-महावीर सिंह -परिजन।
Body:घटना के अनुसार प्रदीप सिंह उम्र 26 वर्ष पुत्र दिग्पाल सिंह निवासी घाट उस्तोली बुधवार की रात्रि को घाट बाजार से खाना खाने के बाद अपने कमरे पर सोने जा रहा था तो अचानक वह सीडियों से गिर गया। गंभीर चोट लगने के कारण वहां से उठ नहीं पाया और पूरी रात्रि वहीं पड़ा रहा। सुबह जब लोग इधर उधर जाने लगे तो तब किसी ने उसे देख कर उस्तोली के प्रधान महावीर सिंह रावत व पूर्व प्रधान मनोज रावत को इसकी जानकारी दी। जिसके बाद परिजनों ने आकर उसे सीएचसी घाट में भर्ती करवाया जहां चिकित्सकों ने उसकी गंभीर हालत को देखते हुए उसे जिला चिकित्सालय गोपेश्वर रेफर कर दिया। दोपहर में जब वह गोपेश्वर पहुंचे तो यहां भी चिकित्सकों ने उसकी स्थिति को देखते हुए उसे हायर सेंटर ले जाने की सलाह दी। जिस पर परिजनों ने शासन-प्रशासन व सरकार के विधायकों से हेलीकाप्टर की मांग की लेकिन कहीं से कोई सकारात्म जबाव नहीं मिला बाद में परिजनों के स्वयं के खर्चा उठाने की बात करने के बाद चमोली प्रशासन ने देहरादून से हेलीकाप्टर बुलाकर घायल को देहरादून भेजा है। महावीर सिंह का कहना है कि घायल को देहरादून ले जाने के लिए उनके ओर से शासन-प्रशासन से लेकर सरकार तक गुहार लगायी गई लेकिन सभी ने हामी तो भरी मगर किसी ने भी हेलीकाप्टर को नहीं मंगाया और ना ही भेजा गया। बाद में ग्रामीणों व परिजनों ने आपसी सहयोग से दो लाख रुपये में हेलीकाप्टर मंगा कर घायल को देहरादून रेफर किया है।Conclusion:मामले पर ज़िलाधिकारी चमोली स्वाति एस भदोरिया का कहना है कि सरकार द्वारा जारी नियम के अनुसार एयर एम्बुलेंस तीन अवस्था में ही निशुक्ल उपलब्ध करायी जा सकती है । आपदा की स्थिति आने पर, गर्भवती महिला को तत्काल उपचार देने और आपातकाल में सामूहिक रूप से कोई कहीं फंस जाता है , तो तत्काल सहायता के लिये ही एयर एम्बलेंस की निशुल्क उपलब्धता शासन और प्रशासन करता है । इस मामले में जब परिजनों ने हैलीकाप्टर का किराया स्वयं देने की सहमति दी तो तब यह हैलीकाप्टर सुविधा दी गयी।
Last Updated : Feb 7, 2020, 12:19 AM IST
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