गैरसैंण/देहरादूनः पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने गैरसैंण के भराड़ीसैंण विधानसभा के बाहर धरना दिया. हरीश रावत राज्य सरकार द्वारा गैरसैंण में बजट सत्र ना करने और गैरसैंण को स्थाई राजधानी ना बनाने से नाराज होकर गैरसैंण में धरने पर बैठ गए. इस दौरान उनके साथ जागेश्वर से पूर्व विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल समेत सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहे. हरीश रावत ने कहा कि प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में विधानसभा बजट सत्र आहूत ना करना भाजपा सरकार की पहाड़ विरोधी मानसिकता को दर्शाता है.
हरीश रावत ने कहा कि 'यहां आज हमारा मकसद किसी को बुरा-भला कहना नहीं है. हमारा मकसद सत्ता में बैठे लोगों को उनकी जनता के प्रति कर्तव्य को समझाना है. चाहे भराड़ीसैंण हो या गैरसैंण, इस पर हमारा या हरीश रावत का पैसा नहीं है, इस पर उत्तराखंड की जनता का पैसा लगा है. क्योंकि भराड़ीसैंण विधानसभा निर्माण के दौरान हमारी सरकार थी. हमने और हमारी सरकार ने अपना कर्तव्य पूरा किया. जबकि लोगों ने भी राज्य बनाने से पहले या बनने से पहले ही गैरसैंण राजधानी का संकल्प दे दिया था'.
आगे उन्होंने कहा कि 'मैं उन परिस्थितियों के इतिहास में नहीं जाना चाहता हूं. भराड़ीसैंण चयनित हुआ, यहां कैबिनेट की मीटिंग की गई और जितने यहां के शीर्ष लोग हैं जो अपने को यहां की राजनीति का संचालक कहते हैं, वो किसी न किसी रूप से भराड़ीसैंण एवं गैरसैंण के साथ जुड़े रहे हैं. यदि लोगों की भावनाएं गैरसैंण-भराड़ीसैंण बनी तो इन भावनाओं को इस स्तर तक लाने में उन सब का योगदान है'.
हरीश रावत ने धामी सरकार को पहाड़ विरोधी बताया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने गैरसैंण के विकास के लिए सड़क, शिक्षा, पेयजल, स्वास्थ्य, शहरी विकास आदि के लिए जो रोडमैप तैयार किया था, उसके लिए पर्याप्त वित्तिय व्यवस्था की आधारशिला रखी थी. आज भाजपा सरकार उसे एक इंच भी आगे नहीं बढ़ा सकी है.