चमोली: उत्तराखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र गैरसैंण में नहीं किए जाने के विरोध में पूर्व सीएम हरीश रावत ने बुधवार को भराड़ीसैंण विधानसभा भवन के सामने एक दिवसीय सांकेतिक धरना दिया. इस दौरान उन्होंने त्रिवेंद्र सरकार पर भी निशाना साधा. भराड़ीसैंण में पूर्व डिप्टी स्पीकर अनुसूया प्रसाद मैखुरी, पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेंद्र भंडारी, पूर्व विधायक ललित फ़र्श्वान और सरिता आर्य समेत सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद थे.
हरीश रावत ने कहा कि उत्तराखंड एक हिमालयी राज्य है, यहां ठंड होना स्वभाविक है, लेकिन प्रदेश सरकार ठंड का बहाना बनाकर गैरसैंण का विकास रोक देना चाहती है. प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को गैरसैंण और प्रदेश की जनता माफी मांगनी चाहिए.
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हरीश रावत दोपहर करीब 12 बजे गैरसैंण पहुंचे थे, जहां कांग्रेसियों ने उनका फूल माला से स्वागत किया. इसके बाद हरीश रावत ने गैरसैंण के मुख्य बाजार में एक रैली निकाली जो रामलीला मैदान पर खत्म हुई. रामलीला मैदान में हरीश रावत ने वीर चंद्र सिंह गढ़वाली की मूर्ति पर माल्यार्पण किया.
इस दौरान हरीश रातव ने जनता से कहा कि प्रदेश में जो भी जनकल्याणकारी योजनाएं कांग्रेस ने शुरू की थी उन्हें बीजेपी ने बंद कर दिया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने भराड़ीसैण में सब कुछ तैयार कर के दिया था. अब प्रदेश सरकार गैरसैंण को स्थायी राजधानी घोषित क्यों नहीं करती है? बीते तीन सालों से प्रदेश का विकास पूरी तरह से ठप पड़ हुआ है.
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बता दें कि गैरसैंण में शीतकालीन सत्र नहीं कराने को लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा था कि वहां पर ठंड काफी ज्यादा है. इसीलिए वहां सत्र नहीं कराया जा रहा है. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र को जवाब देने के लिए हरीश रावत ने बुधवार को भराड़ीसैंण में एक दिवसीय सांकेतिक धरना दिया.