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जिस 'डर' से सीएम त्रिवेंद्र ने गैरसैंण जाने से किया मना, उस डर का हरदा ने ऐसे किया सामना

गैरसैंण में शीतकालीन सत्र नहीं कराने पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा था कि वहां पर ठंड ज्यादा है. इसीलिए वहां सत्र नहीं कराया जा रहा है. सर्दियों में भी गैरसैंण में सत्र कराया जा सकता है. इसका जवाब देने के लिए हरीश रावत ने बुधवार को भराड़ीसैंण में एक दिवसीय सांकेतिक धरना दिया.

uttarakhand
हरदा का सांकेतिक धर
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Published : Dec 4, 2019, 6:25 PM IST

Updated : Dec 4, 2019, 11:00 PM IST

चमोली: उत्तराखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र गैरसैंण में नहीं किए जाने के विरोध में पूर्व सीएम हरीश रावत ने बुधवार को भराड़ीसैंण विधानसभा भवन के सामने एक दिवसीय सांकेतिक धरना दिया. इस दौरान उन्होंने त्रिवेंद्र सरकार पर भी निशाना साधा. भराड़ीसैंण में पूर्व डिप्टी स्पीकर अनुसूया प्रसाद मैखुरी, पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेंद्र भंडारी, पूर्व विधायक ललित फ़र्श्वान और सरिता आर्य समेत सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद थे.

हरीश रावत ने कहा कि उत्तराखंड एक हिमालयी राज्य है, यहां ठंड होना स्वभाविक है, लेकिन प्रदेश सरकार ठंड का बहाना बनाकर गैरसैंण का विकास रोक देना चाहती है. प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को गैरसैंण और प्रदेश की जनता माफी मांगनी चाहिए.

पूर्व सीएम हरीश रावत ने भराड़ीसैंण में किया धरना.

पढ़ें- BJP विधायक और मेयर में ठनी, शिलापट्ट पर नाम नहीं होने से हैं नाराज

हरीश रावत दोपहर करीब 12 बजे गैरसैंण पहुंचे थे, जहां कांग्रेसियों ने उनका फूल माला से स्वागत किया. इसके बाद हरीश रावत ने गैरसैंण के मुख्य बाजार में एक रैली निकाली जो रामलीला मैदान पर खत्म हुई. रामलीला मैदान में हरीश रावत ने वीर चंद्र सिंह गढ़वाली की मूर्ति पर माल्यार्पण किया.

इस दौरान हरीश रातव ने जनता से कहा कि प्रदेश में जो भी जनकल्याणकारी योजनाएं कांग्रेस ने शुरू की थी उन्हें बीजेपी ने बंद कर दिया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने भराड़ीसैण में सब कुछ तैयार कर के दिया था. अब प्रदेश सरकार गैरसैंण को स्थायी राजधानी घोषित क्यों नहीं करती है? बीते तीन सालों से प्रदेश का विकास पूरी तरह से ठप पड़ हुआ है.

पढ़ें- शीतकालीन सत्र: सदन में विधायक चैंपियन को सत्तापक्ष से अलग बैठाया गया

बता दें कि गैरसैंण में शीतकालीन सत्र नहीं कराने को लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा था कि वहां पर ठंड काफी ज्यादा है. इसीलिए वहां सत्र नहीं कराया जा रहा है. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र को जवाब देने के लिए हरीश रावत ने बुधवार को भराड़ीसैंण में एक दिवसीय सांकेतिक धरना दिया.

चमोली: उत्तराखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र गैरसैंण में नहीं किए जाने के विरोध में पूर्व सीएम हरीश रावत ने बुधवार को भराड़ीसैंण विधानसभा भवन के सामने एक दिवसीय सांकेतिक धरना दिया. इस दौरान उन्होंने त्रिवेंद्र सरकार पर भी निशाना साधा. भराड़ीसैंण में पूर्व डिप्टी स्पीकर अनुसूया प्रसाद मैखुरी, पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेंद्र भंडारी, पूर्व विधायक ललित फ़र्श्वान और सरिता आर्य समेत सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद थे.

हरीश रावत ने कहा कि उत्तराखंड एक हिमालयी राज्य है, यहां ठंड होना स्वभाविक है, लेकिन प्रदेश सरकार ठंड का बहाना बनाकर गैरसैंण का विकास रोक देना चाहती है. प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को गैरसैंण और प्रदेश की जनता माफी मांगनी चाहिए.

पूर्व सीएम हरीश रावत ने भराड़ीसैंण में किया धरना.

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हरीश रावत दोपहर करीब 12 बजे गैरसैंण पहुंचे थे, जहां कांग्रेसियों ने उनका फूल माला से स्वागत किया. इसके बाद हरीश रावत ने गैरसैंण के मुख्य बाजार में एक रैली निकाली जो रामलीला मैदान पर खत्म हुई. रामलीला मैदान में हरीश रावत ने वीर चंद्र सिंह गढ़वाली की मूर्ति पर माल्यार्पण किया.

इस दौरान हरीश रातव ने जनता से कहा कि प्रदेश में जो भी जनकल्याणकारी योजनाएं कांग्रेस ने शुरू की थी उन्हें बीजेपी ने बंद कर दिया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने भराड़ीसैण में सब कुछ तैयार कर के दिया था. अब प्रदेश सरकार गैरसैंण को स्थायी राजधानी घोषित क्यों नहीं करती है? बीते तीन सालों से प्रदेश का विकास पूरी तरह से ठप पड़ हुआ है.

पढ़ें- शीतकालीन सत्र: सदन में विधायक चैंपियन को सत्तापक्ष से अलग बैठाया गया

बता दें कि गैरसैंण में शीतकालीन सत्र नहीं कराने को लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा था कि वहां पर ठंड काफी ज्यादा है. इसीलिए वहां सत्र नहीं कराया जा रहा है. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र को जवाब देने के लिए हरीश रावत ने बुधवार को भराड़ीसैंण में एक दिवसीय सांकेतिक धरना दिया.

Intro:चमोली जनपद में स्थित गैरसैण के भराड़ीसैंण विधानसभा भवन में विधानसभा का शीतकालीन सत्र न किए जाने से नाराज पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गैरसैण और भराड़ीसैंण में सांकेतिक धरना दिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि उत्तराखंड हिमालयी प्रदेश है ,यंहा ठंड तो होगी ही मगर मौजूदा प्रदेश सरकार ठंड के बहाने गैरसैण का विकास रोक देना चाहती है। प्रदेश के मुख्यमंत्री को गैरसैण और प्रदेश की जनता माफी मांगनी चाहिए। इस दौरान पूर्व डिप्टी स्पीकर अनुसूया प्रसाद मैखुरी, पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेंद्र भंडारी, पूर्व विधायक ललित फ़र्श्वान,सरिता आर्य सहित सैकड़ों की संख्या में कांग्रेसी कार्यकर्ता मौजूद थे।

विस्वल बाईट मेल से भेजी है ।


Body:उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत आज दोपहर करीब 12:00 बजे गैरसैण पहुंचे। यहां पहुंचने के बाद कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने हरीश रावत का फूल मालाओं से जोरदार स्वागत किया ।हरीश रावत के गैरसैण आगमन पर कांग्रेसियों की रैली मुख्य बाजार होते हुए रामलीला मैदान पहुंची ।यहां पहुंचने के बाद हरीश रावत ने वीर चंद्र सिंह गढ़वाली की मूर्ति पर माल्यार्पण किया। गैरसैण में विधानसभा का शीतकालीन सत्र आयोजित किए जाने से प्रदेश की सत्ता पर काबिज भाजपा सरकार से खफा पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सैकड़ो कांग्रेसियों की मौजूदगी में उपवास शुरू किया। जनता को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि प्रदेश में जो भी जनकल्याणकारी योजनाएं कांग्रेस ने शुरू की थी मगर आज भाजपा सरकार ने सभी योजनाओं को बंद कर दिया है।

बाईट--हरीश रावत--पूर्व मुख्यमंत्री उत्तराखंड।
बाईट--राजेन्द्र भंडारी--पूर्व कैबिनेट मंत्री उत्तराखंड।


Conclusion:साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रदेश सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि हमने भराड़ीसैण में सब कुछ तैयार करके दे दिया है, अब क्यों नहीं प्रदेश सरकार स्थाई राजधानी गैरसैंण को घोषित कर देती है।बीते 3 सालों में प्रदेश का विकास पूरी तरह से ठप पड़ गया है ,भाजपा की प्रदेश सरकार इन 3 सालों में विकास के नाम पर एक ईंट खड़ी नहीं कर पाई है। उत्तराखंड एक हिमालय प्रदेश है यंहा ठंडा होने से स्वभाविक है ,मगर त्रिवेंद्र सरकार का गैरसैण में सत्र करवाने को लेकर ठंड का बहाना बना रही है ।इस बात पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को जनता से माफी माँगनी चाहिए।

बाईट--अनसूया प्रसाद मैखुरी--पूर्व डिप्टी स्पीकर उत्तराखंड विधानसभा।
Last Updated : Dec 4, 2019, 11:00 PM IST
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