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चतुर्थ केदार भगवान रुद्रनाथ की डोली धाम के लिए रवाना, 19 मई को खुलेंगे कपाट

चतुर्थ केदार भगवान रुद्रनाथ की उत्सव डोली मंगलवार को कैलाश के लिए रवाना हो गई है. गुरुवार 19 मई को सुबह ब्रह्ममुहूर्त में रुद्रनाथ मंदिर के कपाट खुलेंगे. बता दें कि 11500 फीट की ऊंचाईं पर स्थित रुद्रनाथ मंदिर में भगवान के मुख मंडल के दर्शन होते हैं.

Lord Rudranath
भगवान रुद्रनाथ
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Published : May 17, 2022, 2:26 PM IST

Updated : May 17, 2022, 6:07 PM IST

चमोलीः पंच केदारों में एक चतुर्थ केदार भगवान रुद्रनाथ (Fourth Kedar Lord Rudranath) की चल विग्रह डोली अपने शीतकालीन गद्दी स्थल गोपीनाथ मंदिर (Winter Gaddi Sthal Gopinath Temple) से मंगलवार को पूजा-अर्चना के बाद उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित अपने ग्रीष्मकालीन गद्दी स्थल के लिए रवाना हुई. इस दौरान हक हकूकधारी और मुख्य पुजारी के साथ सैकड़ों की संख्या में अन्य लोग मौजूद रहे. 19 मई को ब्रह्म मुहूर्त में विधि विधान के साथ भगवान रुद्रनाथ जी के कपाट (doors of Rudranath Dham) आम श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे.

मुख्य पुजारी हरीश भट्ट के मुताबिक, भगवान रुद्रनाथ अपने शीतकालीन गद्दी स्थल गोपीनाथ मंदिर से रुद्रनाथ के लिए निकल गए हैं. भगवान रुद्रनाथ की उत्सव डोली गोपेश्वर मंदिर से प्रस्थान कर रात्रि प्रवास के लिए पनार बुग्याल पहुंचेगी. 19 मई को तड़के ही डोली भक्तों के साथ प्रस्थान कर रुद्रनाथ मंदिर पहुंचेगी और पांच महीने के लिए भगवान रुद्रनाथ के कपाट आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे. उन्होंने बताया कि यह परंपरा पौराणिक काल से चली आ रही है. इस परंपरा के निर्वाहन में उन्हें सेवा करने का मौका मिलता है.
ये भी पढ़ेंः द्वितीय केदार भगवान मदमहेश्वर शीतकालीन गद्दीस्थल से धाम के लिए रवाना, 19 मई को खुलेंगे कपाट

11500 फीट की ऊंचाईं पर स्थित भगवान रुद्रनाथ हिमालय के पंच केदारों में एक हैं. भगवान रुद्रनाथ जी का मंदिर सगर गांव से लगभग 19 किलोमीटर दूरी तय करके पहुंचा जा सकता है. केदारनाथ में जहां भगवान शिव के पृष्ठ भाग के त्रिकोणात्मक ज्योर्तिलिंग के दर्शन होते हैं. मध्यमहेश्वर में मध्य भाग के, तुंगनाथ में भुजा बांह और रुद्रनाथ में भगवान के मुख मंडल के दर्शन होते हैं. कल्पेश्वर में प्रभू की जटा रूप के दर्शन होते हैं. अब ग्रीष्मकाल में 5 माह तक भगवान भोलेनाथ कैलाश में विराजमान रहेंगे. 3600 मीटर की ऊंचाई पर स्थित रुद्रनाथ मंदिर में भोलेनाथ के मुख के दर्शन होते हैं.

गौर हो कि चतुर्थ केदार भगवान रुद्रनाथ के कपाट हर साल मई में खोले जाते हैं और अक्टूबर को शीतकाल के लिए बंद किए जाते हैं. शीतकालीन गद्दी गोपेश्वर के गोपीनाथ मंदिर में रखी जाती है, जहां श्रद्धालु शीतकाल में भी भगवान रुद्रनाथ जी के दर्शन गोपीनाथ मंदिर में कर सकते हैं.

चमोलीः पंच केदारों में एक चतुर्थ केदार भगवान रुद्रनाथ (Fourth Kedar Lord Rudranath) की चल विग्रह डोली अपने शीतकालीन गद्दी स्थल गोपीनाथ मंदिर (Winter Gaddi Sthal Gopinath Temple) से मंगलवार को पूजा-अर्चना के बाद उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित अपने ग्रीष्मकालीन गद्दी स्थल के लिए रवाना हुई. इस दौरान हक हकूकधारी और मुख्य पुजारी के साथ सैकड़ों की संख्या में अन्य लोग मौजूद रहे. 19 मई को ब्रह्म मुहूर्त में विधि विधान के साथ भगवान रुद्रनाथ जी के कपाट (doors of Rudranath Dham) आम श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे.

मुख्य पुजारी हरीश भट्ट के मुताबिक, भगवान रुद्रनाथ अपने शीतकालीन गद्दी स्थल गोपीनाथ मंदिर से रुद्रनाथ के लिए निकल गए हैं. भगवान रुद्रनाथ की उत्सव डोली गोपेश्वर मंदिर से प्रस्थान कर रात्रि प्रवास के लिए पनार बुग्याल पहुंचेगी. 19 मई को तड़के ही डोली भक्तों के साथ प्रस्थान कर रुद्रनाथ मंदिर पहुंचेगी और पांच महीने के लिए भगवान रुद्रनाथ के कपाट आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे. उन्होंने बताया कि यह परंपरा पौराणिक काल से चली आ रही है. इस परंपरा के निर्वाहन में उन्हें सेवा करने का मौका मिलता है.
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11500 फीट की ऊंचाईं पर स्थित भगवान रुद्रनाथ हिमालय के पंच केदारों में एक हैं. भगवान रुद्रनाथ जी का मंदिर सगर गांव से लगभग 19 किलोमीटर दूरी तय करके पहुंचा जा सकता है. केदारनाथ में जहां भगवान शिव के पृष्ठ भाग के त्रिकोणात्मक ज्योर्तिलिंग के दर्शन होते हैं. मध्यमहेश्वर में मध्य भाग के, तुंगनाथ में भुजा बांह और रुद्रनाथ में भगवान के मुख मंडल के दर्शन होते हैं. कल्पेश्वर में प्रभू की जटा रूप के दर्शन होते हैं. अब ग्रीष्मकाल में 5 माह तक भगवान भोलेनाथ कैलाश में विराजमान रहेंगे. 3600 मीटर की ऊंचाई पर स्थित रुद्रनाथ मंदिर में भोलेनाथ के मुख के दर्शन होते हैं.

गौर हो कि चतुर्थ केदार भगवान रुद्रनाथ के कपाट हर साल मई में खोले जाते हैं और अक्टूबर को शीतकाल के लिए बंद किए जाते हैं. शीतकालीन गद्दी गोपेश्वर के गोपीनाथ मंदिर में रखी जाती है, जहां श्रद्धालु शीतकाल में भी भगवान रुद्रनाथ जी के दर्शन गोपीनाथ मंदिर में कर सकते हैं.

Last Updated : May 17, 2022, 6:07 PM IST
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