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खुल गए चतुर्थ केदार भगवान रुद्रनाथ के कपाट - चमोली न्यूज

रुद्रनाथ में भगवान शिव के मुखारविंद के दर्शन होते हैं जो अपने आप में इस मंदिर की विशेष महत्ता है. यहां दर्शन करने हजारों की संख्या में देश-विदेश के श्रद्धालु हर वर्ष 22 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई चढ़कर पहुंचते हैं. इस बार कोरोना महामारी के चलते श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए अनुमति नहीं दी गई है.

चतुर्थ केदार भगवान रुद्रनाथ
चतुर्थ केदार भगवान रुद्रनाथ
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Published : May 18, 2020, 9:50 AM IST

चमोली: चतुर्थ केदार भगवान रुद्रनाथ के कपाट आज (सोमवार) ब्रह्ममुहूर्त में सुबह पांच बजे विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना कर खोले गए. हालांकि लॉकडाउन के चलते अभी श्रद्धालुओं को धाम में जाने के अनुमति नहीं है.

बीती 16 मई को भगवान रुद्रनाथ की डोली अपने शीतकालीन गद्दीस्थल गोपीनाथ मंदिर गोपेश्वर से हिमालय क्षेत्र में स्थित रुद्रनाथ मंदिर के लिए पुजारियों की सीमित संख्या के साथ रवाना हुई थी. 16 मई को डोली रात्रि विश्राम के लिए पनार बुग्याल में रुकी थी. 17 मई शाम को डोली भगवान रुद्रनाथ मंदिर पहुंची और आज (18 मई) सुबह पांच बजे ग्रीष्मकाल के लिए भगवान रुद्रनाथ के कपाट खोल दिये गए हैं. कपाट खुलने के बाद पुजारी महादेव भट्ट ने भगवान रुद्रनाथ का महाअभिषेक पाठ किया.

पढ़ें- बदरीनाथ में क्यों नहीं बजाया जाता शंख, ये है पौराणिक मान्यता

बता दें कि रुद्रनाथ में भगवान शिव के मुखारविंद के दर्शन होते हैं जो अपने आप में इस मंदिर की विशेष महत्ता है. शिव के मुखारविंद दर्शन के लिए हजारों की संख्या देश-विदेश से हर वर्ष श्रद्धालु 22 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई चढ़ने के बाद पहुंचते हैं. इस बार कोरोना महामारी के चलते श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए अनुमति नहीं दी गई है.

चमोली: चतुर्थ केदार भगवान रुद्रनाथ के कपाट आज (सोमवार) ब्रह्ममुहूर्त में सुबह पांच बजे विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना कर खोले गए. हालांकि लॉकडाउन के चलते अभी श्रद्धालुओं को धाम में जाने के अनुमति नहीं है.

बीती 16 मई को भगवान रुद्रनाथ की डोली अपने शीतकालीन गद्दीस्थल गोपीनाथ मंदिर गोपेश्वर से हिमालय क्षेत्र में स्थित रुद्रनाथ मंदिर के लिए पुजारियों की सीमित संख्या के साथ रवाना हुई थी. 16 मई को डोली रात्रि विश्राम के लिए पनार बुग्याल में रुकी थी. 17 मई शाम को डोली भगवान रुद्रनाथ मंदिर पहुंची और आज (18 मई) सुबह पांच बजे ग्रीष्मकाल के लिए भगवान रुद्रनाथ के कपाट खोल दिये गए हैं. कपाट खुलने के बाद पुजारी महादेव भट्ट ने भगवान रुद्रनाथ का महाअभिषेक पाठ किया.

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बता दें कि रुद्रनाथ में भगवान शिव के मुखारविंद के दर्शन होते हैं जो अपने आप में इस मंदिर की विशेष महत्ता है. शिव के मुखारविंद दर्शन के लिए हजारों की संख्या देश-विदेश से हर वर्ष श्रद्धालु 22 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई चढ़ने के बाद पहुंचते हैं. इस बार कोरोना महामारी के चलते श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए अनुमति नहीं दी गई है.

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