चमोली: 19 जुलाई 2023 को चमोली जिले में अलकनंदा नदी के किनारे निर्माणाधीन नमामि गंगे परियोजना के सीवेज प्लांट में करंट लगने से 16 लोगों की जान चली गई थी. इस हादसे में कई तरह की लापरवाही होने की बातें सामने आई थी. इस मामले पर एसटीपी प्लांट का संचालन कर रही कंपनी को दोषी पाया गया है, साथ ही 4 लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है. वहीं, अब हादसे में मृतकों के परिजनों ने जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन करते हुए 25 लाख मुआवजा और नौकरी दिए जाने की मांग की है.
बुधवार को चमोली करंट हादसे में मृत 16 लोगों के परिजनों ने 25 लाख मुआवजा और नौकरी दिए जाने की मांग को लेकर दशोली ब्लॉक के फर्स्वाणपट्टी के आधे दर्जन से अधिक गांव के लोगों के साथ जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन किया. ग्रामीणों द्वारा काफी देर तक कार्यालय गेट पर प्रदर्शन करने के बाद चमोली डीएम हिमांशु खुराना लोगों के पास पहुंचे और उनकी समस्याएं सुनी. इस दौरान ग्रामीणों ने डीएम को ज्ञापन सौंपा. डीएम ने भी शासन से वार्ता करने के बाद 7 दिनों के भीतर हरसंभव मदद का भरोसा दिया. इसके बाद ग्रामीण शांत हुए.
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वहीं, ग्रामीणों के प्रदर्शन को बदरीनाथ विधायक राजेंद्र भंडारी ने भी समर्थन दिया. उन्होंने कहा कि ग्रामीण और वह घटना के दिन से ही मृतकों के परिजनों को मुआवजे और सरकारी नौकरी की मांग सरकार से कर रहे हैं. लेकिन सरकार की तरफ से इस दिशा में कोई भी सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया है.
ये है पूरा मामला: 19 जुलाई को चमोली जिले में अलकनंदा नदी के किनारे निर्माणाधीन नमामि गंगे परियोजना के अंतर्गत संचालित सीवर ट्रीटमेंट प्लाट (एसटीपी) में करंट लगाने से 16 लोगों की मौत हो गई थी. वहीं 11 लोग बुरी तरह झुलस गए गए थे. इस घटना पर सीएम ने मजिस्ट्रियल जांच बैठाई थी. जांच में 39 बयानों के आधार पर जांच अधिकारी ने एसटीपी का संचालन कर रही कंपनी व जल संस्थान और विद्युत विभाग के अधिकारियों को दोषी ठहराया है. मामले में 4 लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है.
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