चमोली: चमोली में लगातार बारिश हो रही है. इससे जनपद में कई लिंक मोटरमार्ग भी बंद चल रहे हैं. बीते दिनों रैणी गांव के पास ऋषिगंगा के उफान पर आने से रैणी गांव के ठीक नीचे हो रहे कटाव के कारण भारत-चीन सीमा को जोड़ने वाले वैली ब्रिज के ऊपर भी खतरा मंडरा रहा है. पुल की नींव में ऋषिगंगा के तेज बहाव से कटाव हुआ है. रैणी गांव के पास भूधंसाव के कारण बीते 2 दिनों से जोशीमठ-नीती बॉर्डर सड़क बन्द चल रही है.
बता दें कि बीती 7 फरवरी को रैणी गांव के पास ऋषिगंगा में आई भीषण आपदा की चपेट में रैणी में भारत-चीन सीमा को जोड़ने वाला आरसीसी पुल भी आ गया था. इसके बाद बीआरओ के द्वारा कड़ी मश्क्कत के बाद यहां पर वैली ब्रिज बनाकर वाहनों की आवाजाही सुचारू की गई थी.
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इन दिनों घाटी में लगातार हो रही तेज बारिश से ऋषिगंगा उफान पर है. नदी के तेज बहाव ने वैली ब्रिज की नींव में कटाव शुरू कर दिया है, जिससे पुल पर भी खतरा मंडरा रहा है. अगर समय रहते ट्रीटमेंट शुरू नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में पुल भी क्षतिग्रस्त हो सकता है. इससे एक बार फिर लंबे समय के लिए भारत-चीन सीमा पर वाहनों की अवाजाही ठप पड़ सकती है. स्थानीय ग्रामीणों ने भी प्रशासन से पुल की तरफ ध्यान देने की गुहार लगाई है.
रैणी गांव के ग्रामीण कर रहे विस्थापन की मांग
वहीं, भारत-चीन सीमा को जोड़ने वाले जोशीमठ-नीति बॉर्डर सड़क को खोलने का कार्य अभी भी शुरू नहीं हो पाया है. बुधवार को ग्रामीणों ने प्रशासन से रैणी गांव को विस्थापित करने की मांग को लेकर बीआरओ को मार्ग सुचारू करने का काम शुरू नहीं करने दिया. जिसके बाद प्रशासन और ग्रामीणों के मध्य हुई वार्ता भी विफल रही. ग्रामीण गांव को तत्काल विस्थापित करने की मांग कर रहे हैं.
रैणी गांव के ग्रामीणों की मांग है कि जब तक उन्हें विस्थापित नहीं किया जाता है. तब तक गांव के लोग बीआरओ को सड़क मार्ग नहीं खोलने का काम शुरू करने नहीं दिया जाएगा. वहीं रैणी के पास सड़क खोलने का कार्य शुरू न हो पाने से अब दिक्कतें बढ़ गई हैं. भारत चीन सीमा पर सीमावर्ती क्षेत्रों में आवश्यक चीजों सहित रसद सामग्री को पहुंचाने में भी भारी दिक्कतें हो रही हैं. दूसरी तरफ ग्रामीण क्षेत्रों में बीमार व्यक्तियों को अस्पताल पहुंचाने में भी परेशानी हो रही है. सड़क पूरी तरह ध्वस्त होने से मौके पर भारतीय सेना के जवान लोगों को एक छोर से दूसरे छोर पर पहुंचाने में मदद कर रहे हैं.