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'चिपको आंदोलन' के प्रणेता पद्मश्री चंडी प्रसाद भट्ट ने किया पौधरोपण, पर्यावरण दिवस पर कही ये बड़ी बात

आज पूरे विश्व में पर्यावरण दिवस मनाया जा रहा है. कोरोना महामारी के इस दौर में पूरे विश्व के लोग अलग-अलग ढंग से विश्व पर्यावरण दिवस को मना रहे हैं. ऐसे में चमोली निवासी पर्यावरणविद् चंडी प्रसाद भट्ट ने ग्रामीणों के साथ मिलकर पौधरोपण कर सभी से पर्यावरण की सुरक्षा करने का आग्रह किया है.

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पर्यायवरणविद चंडी प्रसाद भट्ट ने किया पौधरोपण.
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Published : Jun 5, 2020, 1:47 PM IST

Updated : Jun 5, 2020, 2:24 PM IST

चमोली: आज पूरे विश्व में पर्यावरण दिवस मनाया जा रहा है. कोरोना महामारी के इस दौर में पूरे विश्व के लोग अलग-अलग ढंग से विश्व पर्यावरण दिवस को मना रहे हैं. कोई पौधा रोपण कर रहा है तो कोई सोशल मीडिया के जरिए पर्यावरण को बचाने के लिए पोस्ट के जरिए संदेश दे रहा है. इस अवसर पर पर्यायवरणविद् चंडी प्रसाद भट्ट ने ग्रामीणों के साथ मिलकर पौधरोपण किया.

पर्यायवरणविद् चंडी प्रसाद भट्ट ने किया पौधा रोपण.

बता दें कि उत्तराखंड के चमोली जनपद में पर्यावरण और पेड़ों को बचाने के लिए चलाई गई अनोखी मुहिम 'चिपको आंदोलन' विश्व विख्यात है. चमोली जनपद की मंडल घाटी और रैणी गांव से ही 'चिपको आंदोलन' की शुरुआत हुई थी, जिसके बाद पूरे विश्व में पेड़ों और जंगलों को बचाने के लिए इस अनोखे आंदोलन की पूरे विश्व में चर्चा हुई. 'चिपको आंदोलन' से जुड़े चमोली जिले के गोपेश्वर गांव निवासी पर्यावरणविद् चंडी प्रसाद भट्ट को पर्यावरण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने पर पद्म भूषण, पद्म श्री, रैमन मैक्ससे, महात्मा गांधी शांति पुरुष्कार सहित अन्य कई पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है.

यह भी पढ़ें: सरकार ने कार्यस्थल, रेस्त्रां और धार्मिक स्थलों के लिए गाइडलाइन जारी की

विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर भट्ट का कहना है कि सभी को प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग अपने जीवन को बचाने मात्र भर ही करना चाहिए न कि भोग-विलास के लिए. हमें अपने आने वाली पीढ़ी को धरती पर हरियाली लौटा कर देनी है. कोरोना के इस दौर में लॉकडाउन के चलते प्रकृति ने पर्यावरण को खुद ही संतुलित कर लिया है और वातावरण पहले की अपेक्षा से अब अधिक स्वच्छ और सुंदर भी हो गया है.

चमोली: आज पूरे विश्व में पर्यावरण दिवस मनाया जा रहा है. कोरोना महामारी के इस दौर में पूरे विश्व के लोग अलग-अलग ढंग से विश्व पर्यावरण दिवस को मना रहे हैं. कोई पौधा रोपण कर रहा है तो कोई सोशल मीडिया के जरिए पर्यावरण को बचाने के लिए पोस्ट के जरिए संदेश दे रहा है. इस अवसर पर पर्यायवरणविद् चंडी प्रसाद भट्ट ने ग्रामीणों के साथ मिलकर पौधरोपण किया.

पर्यायवरणविद् चंडी प्रसाद भट्ट ने किया पौधा रोपण.

बता दें कि उत्तराखंड के चमोली जनपद में पर्यावरण और पेड़ों को बचाने के लिए चलाई गई अनोखी मुहिम 'चिपको आंदोलन' विश्व विख्यात है. चमोली जनपद की मंडल घाटी और रैणी गांव से ही 'चिपको आंदोलन' की शुरुआत हुई थी, जिसके बाद पूरे विश्व में पेड़ों और जंगलों को बचाने के लिए इस अनोखे आंदोलन की पूरे विश्व में चर्चा हुई. 'चिपको आंदोलन' से जुड़े चमोली जिले के गोपेश्वर गांव निवासी पर्यावरणविद् चंडी प्रसाद भट्ट को पर्यावरण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने पर पद्म भूषण, पद्म श्री, रैमन मैक्ससे, महात्मा गांधी शांति पुरुष्कार सहित अन्य कई पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है.

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विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर भट्ट का कहना है कि सभी को प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग अपने जीवन को बचाने मात्र भर ही करना चाहिए न कि भोग-विलास के लिए. हमें अपने आने वाली पीढ़ी को धरती पर हरियाली लौटा कर देनी है. कोरोना के इस दौर में लॉकडाउन के चलते प्रकृति ने पर्यावरण को खुद ही संतुलित कर लिया है और वातावरण पहले की अपेक्षा से अब अधिक स्वच्छ और सुंदर भी हो गया है.

Last Updated : Jun 5, 2020, 2:24 PM IST
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