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गढ़वाल राइफल का जवान रोहित पंचतत्व में विलीन, शोक में पूरी तरह से बंद रहा बाजार - बीकानेर में चमोली के जवान की मौत

राजस्थान के बीकानेर में ड्यूटी के दौरान दम तोड़ने वाले जवान रोहित की हुई अंतेष्टी. नम आंखों से सैकड़ों लोगों ने दी विदाई.

cremation of soldier rohit in chamoli
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Published : Feb 5, 2019, 6:10 PM IST

चमोली: घाट ब्लॉक के सैंती गांव के सैनिक रोहित का आज मंगलवार को नंदाकिनी और चुफलागाड़ के संगम पर सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. रोहित के पार्थिव शरीर को उनके भाई राजेंद्र प्रसाद ने दी मुखाग्नि दी. दरअसल, सैनिक राजस्थान के बीकानेर में तैनात था, ड्यूटी के दौरान तबीयत बिगड़ने से गढ़वाल राइफल के जवान रोहित मौत हो गई थी.

जवान रोहित पंचतत्व में विलीन
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बीती दो फरवरी को 22 वर्षीय रोहित की मौत की खबर मिलते ही उनके घर में मातम पसर गया. आज उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए पैतृक गांव सैंती लाया गया. गांव में गढ़वाल स्काउट के बैंड की धुनों के बीच सैनिक की अंतिम यात्रा निकाली गई. सैकड़ों लोगों की मौजूदगी में गमगीन माहौल में पैतृक घाट नंदाकिनी नदी और चुफ्लागाड़ के संगम पर सैन्य सम्मान के साथ सैनिक रोहित को अंतिम विदाई दी गई.

सैनिक के शोक में घाट बाजार पूरी तरह बंद रहा. इस दौरान थराली विधायक मुन्नी देवी शाह, तहसीलदार चमोली सोहन सिंह रांगड़, पूर्व सैनिक, स्थानीय लोगों के साथ गढ़वाल स्काउट और गढ़वाल राइफल्स के अधिकारी और जवान मौजूद रहे.

बता दें कि रोहित पुत्र मथुरा प्रसाद बीते 2017 में लैंसडाउन में गढ़वाल राइफल में भर्ती हुआ था. अभी उसकी तैनाती बीकानेर राजस्थान में थी. रोहित एक महीने की छुट्टी बिताकर बीते 17 जनवरी को बीकानेर के लिए लौटा था. वो अपने परिवार का एकमात्र सहारा था. रोहित की मौत की सूचना मिलते ही उसकी मां लीला देवी और बहिन किरन का रो-रोकर बुरा हाल है. साथ ही गांव में मातम छाया हुआ है. घटना के बाद सेंती गांव के एक भी घर के चूल्हे नहीं जले हैं.

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चमोली: घाट ब्लॉक के सैंती गांव के सैनिक रोहित का आज मंगलवार को नंदाकिनी और चुफलागाड़ के संगम पर सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. रोहित के पार्थिव शरीर को उनके भाई राजेंद्र प्रसाद ने दी मुखाग्नि दी. दरअसल, सैनिक राजस्थान के बीकानेर में तैनात था, ड्यूटी के दौरान तबीयत बिगड़ने से गढ़वाल राइफल के जवान रोहित मौत हो गई थी.

जवान रोहित पंचतत्व में विलीन
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बीती दो फरवरी को 22 वर्षीय रोहित की मौत की खबर मिलते ही उनके घर में मातम पसर गया. आज उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए पैतृक गांव सैंती लाया गया. गांव में गढ़वाल स्काउट के बैंड की धुनों के बीच सैनिक की अंतिम यात्रा निकाली गई. सैकड़ों लोगों की मौजूदगी में गमगीन माहौल में पैतृक घाट नंदाकिनी नदी और चुफ्लागाड़ के संगम पर सैन्य सम्मान के साथ सैनिक रोहित को अंतिम विदाई दी गई.

सैनिक के शोक में घाट बाजार पूरी तरह बंद रहा. इस दौरान थराली विधायक मुन्नी देवी शाह, तहसीलदार चमोली सोहन सिंह रांगड़, पूर्व सैनिक, स्थानीय लोगों के साथ गढ़वाल स्काउट और गढ़वाल राइफल्स के अधिकारी और जवान मौजूद रहे.

बता दें कि रोहित पुत्र मथुरा प्रसाद बीते 2017 में लैंसडाउन में गढ़वाल राइफल में भर्ती हुआ था. अभी उसकी तैनाती बीकानेर राजस्थान में थी. रोहित एक महीने की छुट्टी बिताकर बीते 17 जनवरी को बीकानेर के लिए लौटा था. वो अपने परिवार का एकमात्र सहारा था. रोहित की मौत की सूचना मिलते ही उसकी मां लीला देवी और बहिन किरन का रो-रोकर बुरा हाल है. साथ ही गांव में मातम छाया हुआ है. घटना के बाद सेंती गांव के एक भी घर के चूल्हे नहीं जले हैं.

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गढ़वाल राइफल का जवान रोहित पंचतत्व में विलीन, शोक में पूरी तरह से बंद रहा बाजार 





चमोली: घाट ब्लॉक के सैंती गांव के सैनिक रोहित का आज मंगलवार को नंदाकिनी और चुफलागाड़ के संगम पर सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. रोहित के पार्थिव शरीर को उनके भाई राजेंद्र प्रसाद ने दी मुखाग्नि दी. दरअसल, सैनिक राजस्थान के बीकानेर में तैनात था, ड्यूटी के दौरान तबीयत बिगड़ने से गढ़वाल राइफल के जवान रोहित मौत हो गई थी. 



बीती दो फरवरी को 22 वर्षीय रोहित की मौत की खबर मिलते ही उनके घर में मातम पसर गया. आज उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए पैतृक गांव सैंती लाया गया. गांव में गढ़वाल स्काउट के बैंड की धुनों के बीच सैनिक की अंतिम यात्रा निकाली गई. सैकड़ों लोगों की मौजूदगी में गमगीन माहौल में पैतृक घाट नंदाकिनी नदी और चुफ्लागाड़ के संगम पर सैन्य सम्मान के साथ सैनिक रोहित को अंतिम विदाई दी गई.



सैनिक के शोक में घाट बाजार पूरी तरह बंद रहा. इस दौरान थराली विधायक मुन्नी देवी शाह,  तहसीलदार चमोली सोहन सिंह रांगड़, पूर्व सैनिक, स्थानीय लोगों के साथ गढ़वाल स्काउट और गढ़वाल राइफल्स के अधिकारी और जवान मौजूद रहे.



बता दें कि रोहित पुत्र मथुरा प्रसाद बीते 2017 में लैंसडाउन में गढ़वाल राइफल में भर्ती हुआ था. अभी उसकी तैनाती बीकानेर राजस्थान में थी. रोहित एक महीने की छुट्टी बिताकर बीते 17 जनवरी को बीकानेर के लिए लौटा था. वो अपने परिवार का एकमात्र सहारा था. रोहित की मौत की सूचना मिलते ही उसकी मां लीला देवी और बहिन किरन का रो-रोकर बुरा हाल है. साथ ही गांव में मातम छाया हुआ है. घटना के बाद सेंती गांव के एक भी घर के चूल्हे नहीं जले हैं. 


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