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चमोली: बहन से दुष्कर्म करने वाले भाई को मिला आजीवन कारावास

विशेष सत्र न्यायाधीश राजेंद्र चौहान की अदालत ने फुफेरी बहन से दुष्कर्म करने वाले आरोपी को उम्रकैद की सजा सुनाई है. साथ ही आरोपी पर एक लाख पांच सौ रुपये का आर्थिक दंड भी लगाया है.

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Published : Nov 27, 2019, 11:45 PM IST

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कांसेप्ट इमेज.

चमोली: साल 2017 में फुफेरी नाबालिग बहन के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही आरोपी पर एक लाख पांच सौ रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. अदालत ने आरोपी को पोक्सो अधिनियम, अपहरण, डराने-धमकाने, शादी करने के लिए विवश करने के मामले में दोषी करार दिया है. बता दें कि पुलिस ने ऑपरेशन स्माइल चलाकर दोनों को पुलिस जांच के दौरान बनबसा बैराज के समीप पकड़ लिया था.

विशेष सत्र न्यायाधीश राजेंद्र सिंह चौहान की अदालत ने फुफेरी बहन को भगाकर और डरा धमका कर दुष्कर्म करने के आरोप में सजा सुनाई है. अभियुक्त 7 मार्च 2018 से जेल में बंद है. बता दें कि मामला 29 नवंबर 2017 का है, जब जिले के एक थाने में पीड़िता के पिता ने एक प्रार्थना पत्र देकर कहा कि 28 नवंबर 2017 को उनकी बेटी स्कूल गई थी, लेकिन घर न पहुंचने पर उसकी खोजबीन की गई. पुलिस को तहरीर दी गई. पुलिस पूछताछ में कुछ लोगों ने आरोपी द्वारा नाबालिग को वाहन में बैठाकर गोपेश्वर तक ले जाते हुए देखा गया.

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड कैबिनेटः 2020 में होगा वेलनेस समिट, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शिरकत करेंगे

पीड़ित पिता ने बताया कि उनकी बहन का लड़के का उनके घर पर आना जाना लगा रहता था. पुलिस जांच के दौरान बनबसा बैराज के समीप पीड़िता को आरोपी के साथ पकड़ लिया गया. 5 मार्च 2018 को पुलिस ने आरोपी को न्यायालय में पेश किया. इसके बाद न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

बुधवार को विशेष न्यायाधीश राजेंद्र सिंह चौहान ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के बाद आरोपी को पोक्सो अधिनियम, अपहरण, डराने-धमकाने, शादी करने के लिए विवश करने जैसे मामलों में दोषी करार दिया. साथ ही आरोपी को आजीवन कारावास सहित एक लाख पांच सौ रुपये का आर्थिक दंड लगाया.

चमोली: साल 2017 में फुफेरी नाबालिग बहन के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही आरोपी पर एक लाख पांच सौ रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. अदालत ने आरोपी को पोक्सो अधिनियम, अपहरण, डराने-धमकाने, शादी करने के लिए विवश करने के मामले में दोषी करार दिया है. बता दें कि पुलिस ने ऑपरेशन स्माइल चलाकर दोनों को पुलिस जांच के दौरान बनबसा बैराज के समीप पकड़ लिया था.

विशेष सत्र न्यायाधीश राजेंद्र सिंह चौहान की अदालत ने फुफेरी बहन को भगाकर और डरा धमका कर दुष्कर्म करने के आरोप में सजा सुनाई है. अभियुक्त 7 मार्च 2018 से जेल में बंद है. बता दें कि मामला 29 नवंबर 2017 का है, जब जिले के एक थाने में पीड़िता के पिता ने एक प्रार्थना पत्र देकर कहा कि 28 नवंबर 2017 को उनकी बेटी स्कूल गई थी, लेकिन घर न पहुंचने पर उसकी खोजबीन की गई. पुलिस को तहरीर दी गई. पुलिस पूछताछ में कुछ लोगों ने आरोपी द्वारा नाबालिग को वाहन में बैठाकर गोपेश्वर तक ले जाते हुए देखा गया.

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पीड़ित पिता ने बताया कि उनकी बहन का लड़के का उनके घर पर आना जाना लगा रहता था. पुलिस जांच के दौरान बनबसा बैराज के समीप पीड़िता को आरोपी के साथ पकड़ लिया गया. 5 मार्च 2018 को पुलिस ने आरोपी को न्यायालय में पेश किया. इसके बाद न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

बुधवार को विशेष न्यायाधीश राजेंद्र सिंह चौहान ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के बाद आरोपी को पोक्सो अधिनियम, अपहरण, डराने-धमकाने, शादी करने के लिए विवश करने जैसे मामलों में दोषी करार दिया. साथ ही आरोपी को आजीवन कारावास सहित एक लाख पांच सौ रुपये का आर्थिक दंड लगाया.

Intro:विशेष सत्र न्यायाधीश राजेंद्र सिंह चौहान की अदालत ने अपनी बुआ की नाबालिग बेटी को भगाकर नेपाल ले जाने व दुराचार के मामले में अभियुक्त को विभिन्न धाराओं में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 100500 रुपये के अर्थदंड से भी दंडित किया है अभियुक्त 7 मार्च 2018 से जेल में बंद है।

वीडियो मेल से भेजी है।


Body:बता दे कि मामला 29 नवंबर 2017 का है जिले के एक थाने में पीड़िता के पिता ने एक प्रार्थना पत्र देकर कहा कि 28 नवंबर 2017 को उनकी बेटी स्कूल गई थी लेकिन घर नहीं पहुंची काफी ढूंढ खोज करने पर भी उनकी बेटी का कोई सुराग नहीं मिला है। पुलिस ने मुकदमा पंजीकृत कर मामले की तफ्तीश शुरू की। पुलिस को कुछ लोगों ने बताया कि पीड़िता को एक युवक वाहन में बैठाकर गोपेश्वर तक लाया था। पुलिस की ओर से मामले में पीड़िता के माता-पिता से पूछताछ की गई उसके पिता ने पुलिस को बताया उनकी बहन का लड़का उनके घर पर आता जाता रहता था, जिसपर पुलिस ने विवेचना शुरू की पुलिस की ऑपरेशन स्माइल टीम की ओर से संपूर्ण प्रदेश में दोनों की तलाश की गई। ढूंढ़खोज के दौरान बनबसा बैराज के समीप पीड़िता को उक्त के साथ पकड़ा गया। 5 मार्च 2018 को पुलिस ने आरोपी को न्यायालय में पेश किया और न्यायलय के द्वारा आरोपी को जेल भेज दिया।


Conclusion: मामले में आज बुधवार को विशेष न्यायाधीश राजेंद्र सिंह चौहान ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के बाद पोक्सो अधिनियम ,अपरहण, डराने धमकाने ,शादी करने के लिए विवश करने के मामले में दोषी पाने पर अभियुक्त को आजीवन कारावास और एक लाख पांच सौ रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है ।सरकार की ओर से मामले की पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता मोहन पंत के द्वारा की गई।
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