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Gairsain Congress Protest: बजट सत्र के पहले दिन कांग्रेस के तेवर कड़े, सदन से सड़क तक सरकार को घेरा

उत्तराखंड विधानसभा के बजट सत्र का पहला दिन ही हंगामेदार रहा. कांग्रेस ने सदन से लेकर सड़क तक सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. बजट सत्र के पहले पहले दिन कांग्रेस ने भराड़ीसैंण विधानसभा के घेराव करने का प्रयास किया है. कांग्रेस ने अपने विरोध प्रदर्शन में अडानी पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट का मुद्दा भी उठाया है.

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गैरसैंण में कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन...
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Published : Mar 13, 2023, 3:37 PM IST

Updated : Mar 13, 2023, 6:36 PM IST

बजट सत्र के पहले दिन कांग्रेस के तेवर कड़े

गैरसैंण: उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण स्थित भराड़ीसैंण विधानसभा में आज 13 मार्च को राज्यपाल गुरमीत सिंह के अभिभाषण के साथ ही बजट सत्र की शुरुआत हो गई है. बजट सत्र के पहले दिन ही सदन और सड़क पर कांग्रेसियों ने जमकर हंगामा किया है. सदन के अंदर जहां कांग्रेसी विधायक सरकार के खिलाफ आक्रोश में दिखे तो वहीं, सड़क पर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया.

गैरसैंण में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने अडानी पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट को लेकर काफी हंगाम किया और भराड़ीसैंण विधानसभा भवन का घेराव करने का भी प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें बैरिकेडिंग लगाकर पहले ही रोक लिया. इस दौरान कांग्रेस और पुलिस के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई. बाजवूद इसके पुलिस ने कांग्रेसियों को आगे बढ़ने नहीं दिया.
पढ़ें- Budget Session 2023 Begins: भराड़ीसैंण में बजट सत्र शुरू, कांग्रेस ने किया प्रदर्शन, शिमली में रोके गए हरीश रावत

बजट सत्र के पहले दिन उत्तराखंड कांग्रेस ने प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के नेतृत्व में भराड़ीसैंण स्थित विधान भवन का घेराव किया. पूरे प्रदेश से हजारों की संख्या में कांग्रेसी सुबह 11 बजे से ही जंगलचट्टी पहुंचना शुरू हो गए थे. धामी सरकार की नीतियों के खिलाफ पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी भराड़ीसैंण पहुंच रहे थे, लेकिन पुलिस ने उनके काफिले को विधानसभा भवन से करीब 40 किलोमीटर पहले शिमली में रोकने का प्रयास किया. यहां कांग्रेसियों की पुलिस ने काफी बहस हुई, लेकिन पुलिस ने उन्हें आगे नहीं बढ़ने दिया. गौर हो कि धरने प्रदर्शन को देखते हुए प्रशासन ने भराड़ीसैंण विधानसभा भवन के आसपास धारा 144 लगाई है. पुलिस की पूरा प्रयास है कि किसी भी प्रदर्शनकारी को विधानसभा के आसपास न जाने दिया जाए.

उत्तराखंड कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने बताया कि कुमाऊं के कांग्रेस जनों को आठ स्थानों पर और गढ़वाल के कांग्रेस जनों को 12 स्थानों पर पुलिस प्रशासन ने बैरिकेडिंग लगाकर रोकने का प्रयास किया. इस दौरान पुलिस प्रशासन के साथ कांग्रेस जनों की नोकझोंक भी हुई. कांग्रेस का आरोप है कि नोकझोंक के दौरान महिलाओं के साथ अभद्रता की गई और पूर्व विधायक ललित फर्स्वाण चोटिल हो गए, उनके सिर पर टांके पर आए हैं. यही नहीं, पुलिस के साथ धक्का मुक्की में महिला कांग्रेस की अध्यक्ष ज्योति रौतेला के कपड़े तक फट गए. गरिमा दसौनी ने बताया कि मजिस्ट्रेट ने घेराव के दौरान चार हजार कांग्रेस जनों की उपस्थिति की बात कही है.
पढ़ें- Uttarakhand Cabinet Meeting में विधायकों की निधि बढ़ाकर की पांच करोड़, महिला मंगल दल के लिए भी खुशखबरी

गरिमा ने बताया कि, अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के निर्देशानुसार 13 मार्च 2023 को देशभर के कांग्रेस जनों द्वारा गौतम अडानी समूह के प्रकरण पर मोदी सरकार की चुप्पी और संवैधानिक संस्थानों के दुरुपयोग और विपक्ष के दमन को लेकर घेराव किया गया. वहीं, पिछले दिनों उत्तराखंड में जो कुछ भी हुआ उसके मद्देनजर प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने एक कदम आगे बढ़ते हुए गैरसैंण में गतिमान बजट सत्र के दौरान राज्य सरकार को घेरने का कार्यक्रम तय किया और कांग्रेस कार्यकर्ताओं को गैरसैंण चलो का नारा दिया.

उत्तराखंड कांग्रेस ने प्रदेश में लगातार हो रहे भर्ती घोटाले, राज्य में बढ़ती बेरोजगारी, भ्रष्टाचार में डूबी सरकार, युवाओं की नौकरियों को बेचने, अंकिता भंडारी हत्याकांड में वीआईपी के नाम का खुलासा, बढ़ती महंगाई, युवाओं पर लाठीचार्ज, बिगड़ती कानून व्यवस्था, जोशीमठ मामले पर सरकार की उदासीनता, गन्ना किसानों के बकाया भुगतान और समर्थन मूल्य को लेकर कांग्रेस ने हल्ला बोल किया.

वहीं, कूच के दौरान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने पुलिस प्रशासन की बर्बरता और धामी सरकार की हठधर्मिता की निंदा की. माहरा ने बताया कि प्रदेश में आज परिस्थितियां बद से बदतर हो गई हैं. न महिलाएं खुद को सुरक्षित महसूस कर रही हैं, न युवा को कोई रोशनी की किरण नजर आ रही है, किसानों की दुर्दशा हो रही है, व्यापारी नोटबंदी और जीएसटी से पहले ही परेशान हैं. ऐसे में जो सरकार गरीब जनता की न होकर मुट्ठी भर पूंजीपतियों को संरक्षण देने वाली बन जाए तो विपक्षी दल को हल्ला बोलकर सरकार को आइना दिखाना ही पड़ता है.
पढ़ें- Governor's Speech in Budget Session: विपक्ष का हंगामा, सीएम बोले- कांग्रेस के पास कोई मुद्दा नहीं

इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी राज्य की वर्तमान सरकार को जनता की सीबीआई जांच की मांग को अनसुना करने के लिए घेरा. रावत ने कहा कि आज गन्ना किसानों का बहुत बुरा हाल है. ऐसे में राज्य सरकार को चाहिए कि वह अपने बड़े-बड़े बंगलों और एसी कमरों से बाहर निकलकर किसानों का जो बकाया भुगतान होना है उस पर भी गौर करे. रावत ने कहा कि आज जिस तरह से अधीनस्थ सेवा चयन आयोग और लोक सेवा चयन आयोग से प्रदेश के युवाओं का भरोसा और विश्वास उठ रहा है, वो प्रदेश के लिए शुभ संकेत नहीं है. अंकिता हत्याकांड में अभी तक वीआईपी का नाम सामने नहीं आया है, जिससे दिन प्रतिदिन प्रदेश की जनता में रोष बढ़ता चला जा रहा है.

बता दें कि कांग्रेस ने पहले अपनी मंशा जाहिर कर दी थी कि इस बार का सत्र हंगामेदार रहेगा क्योंकि कांग्रेस ने महंगाई, अंकिता हत्याकांड, भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक और उसकी सीबीआई जांच की मांग समेत कई मुद्दों पर पहले से ही सरकार को घेरने की तैयारी कर रखी है.

बजट सत्र के पहले दिन कांग्रेस के तेवर कड़े

गैरसैंण: उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण स्थित भराड़ीसैंण विधानसभा में आज 13 मार्च को राज्यपाल गुरमीत सिंह के अभिभाषण के साथ ही बजट सत्र की शुरुआत हो गई है. बजट सत्र के पहले दिन ही सदन और सड़क पर कांग्रेसियों ने जमकर हंगामा किया है. सदन के अंदर जहां कांग्रेसी विधायक सरकार के खिलाफ आक्रोश में दिखे तो वहीं, सड़क पर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया.

गैरसैंण में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने अडानी पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट को लेकर काफी हंगाम किया और भराड़ीसैंण विधानसभा भवन का घेराव करने का भी प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें बैरिकेडिंग लगाकर पहले ही रोक लिया. इस दौरान कांग्रेस और पुलिस के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई. बाजवूद इसके पुलिस ने कांग्रेसियों को आगे बढ़ने नहीं दिया.
पढ़ें- Budget Session 2023 Begins: भराड़ीसैंण में बजट सत्र शुरू, कांग्रेस ने किया प्रदर्शन, शिमली में रोके गए हरीश रावत

बजट सत्र के पहले दिन उत्तराखंड कांग्रेस ने प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के नेतृत्व में भराड़ीसैंण स्थित विधान भवन का घेराव किया. पूरे प्रदेश से हजारों की संख्या में कांग्रेसी सुबह 11 बजे से ही जंगलचट्टी पहुंचना शुरू हो गए थे. धामी सरकार की नीतियों के खिलाफ पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी भराड़ीसैंण पहुंच रहे थे, लेकिन पुलिस ने उनके काफिले को विधानसभा भवन से करीब 40 किलोमीटर पहले शिमली में रोकने का प्रयास किया. यहां कांग्रेसियों की पुलिस ने काफी बहस हुई, लेकिन पुलिस ने उन्हें आगे नहीं बढ़ने दिया. गौर हो कि धरने प्रदर्शन को देखते हुए प्रशासन ने भराड़ीसैंण विधानसभा भवन के आसपास धारा 144 लगाई है. पुलिस की पूरा प्रयास है कि किसी भी प्रदर्शनकारी को विधानसभा के आसपास न जाने दिया जाए.

उत्तराखंड कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने बताया कि कुमाऊं के कांग्रेस जनों को आठ स्थानों पर और गढ़वाल के कांग्रेस जनों को 12 स्थानों पर पुलिस प्रशासन ने बैरिकेडिंग लगाकर रोकने का प्रयास किया. इस दौरान पुलिस प्रशासन के साथ कांग्रेस जनों की नोकझोंक भी हुई. कांग्रेस का आरोप है कि नोकझोंक के दौरान महिलाओं के साथ अभद्रता की गई और पूर्व विधायक ललित फर्स्वाण चोटिल हो गए, उनके सिर पर टांके पर आए हैं. यही नहीं, पुलिस के साथ धक्का मुक्की में महिला कांग्रेस की अध्यक्ष ज्योति रौतेला के कपड़े तक फट गए. गरिमा दसौनी ने बताया कि मजिस्ट्रेट ने घेराव के दौरान चार हजार कांग्रेस जनों की उपस्थिति की बात कही है.
पढ़ें- Uttarakhand Cabinet Meeting में विधायकों की निधि बढ़ाकर की पांच करोड़, महिला मंगल दल के लिए भी खुशखबरी

गरिमा ने बताया कि, अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के निर्देशानुसार 13 मार्च 2023 को देशभर के कांग्रेस जनों द्वारा गौतम अडानी समूह के प्रकरण पर मोदी सरकार की चुप्पी और संवैधानिक संस्थानों के दुरुपयोग और विपक्ष के दमन को लेकर घेराव किया गया. वहीं, पिछले दिनों उत्तराखंड में जो कुछ भी हुआ उसके मद्देनजर प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने एक कदम आगे बढ़ते हुए गैरसैंण में गतिमान बजट सत्र के दौरान राज्य सरकार को घेरने का कार्यक्रम तय किया और कांग्रेस कार्यकर्ताओं को गैरसैंण चलो का नारा दिया.

उत्तराखंड कांग्रेस ने प्रदेश में लगातार हो रहे भर्ती घोटाले, राज्य में बढ़ती बेरोजगारी, भ्रष्टाचार में डूबी सरकार, युवाओं की नौकरियों को बेचने, अंकिता भंडारी हत्याकांड में वीआईपी के नाम का खुलासा, बढ़ती महंगाई, युवाओं पर लाठीचार्ज, बिगड़ती कानून व्यवस्था, जोशीमठ मामले पर सरकार की उदासीनता, गन्ना किसानों के बकाया भुगतान और समर्थन मूल्य को लेकर कांग्रेस ने हल्ला बोल किया.

वहीं, कूच के दौरान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने पुलिस प्रशासन की बर्बरता और धामी सरकार की हठधर्मिता की निंदा की. माहरा ने बताया कि प्रदेश में आज परिस्थितियां बद से बदतर हो गई हैं. न महिलाएं खुद को सुरक्षित महसूस कर रही हैं, न युवा को कोई रोशनी की किरण नजर आ रही है, किसानों की दुर्दशा हो रही है, व्यापारी नोटबंदी और जीएसटी से पहले ही परेशान हैं. ऐसे में जो सरकार गरीब जनता की न होकर मुट्ठी भर पूंजीपतियों को संरक्षण देने वाली बन जाए तो विपक्षी दल को हल्ला बोलकर सरकार को आइना दिखाना ही पड़ता है.
पढ़ें- Governor's Speech in Budget Session: विपक्ष का हंगामा, सीएम बोले- कांग्रेस के पास कोई मुद्दा नहीं

इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी राज्य की वर्तमान सरकार को जनता की सीबीआई जांच की मांग को अनसुना करने के लिए घेरा. रावत ने कहा कि आज गन्ना किसानों का बहुत बुरा हाल है. ऐसे में राज्य सरकार को चाहिए कि वह अपने बड़े-बड़े बंगलों और एसी कमरों से बाहर निकलकर किसानों का जो बकाया भुगतान होना है उस पर भी गौर करे. रावत ने कहा कि आज जिस तरह से अधीनस्थ सेवा चयन आयोग और लोक सेवा चयन आयोग से प्रदेश के युवाओं का भरोसा और विश्वास उठ रहा है, वो प्रदेश के लिए शुभ संकेत नहीं है. अंकिता हत्याकांड में अभी तक वीआईपी का नाम सामने नहीं आया है, जिससे दिन प्रतिदिन प्रदेश की जनता में रोष बढ़ता चला जा रहा है.

बता दें कि कांग्रेस ने पहले अपनी मंशा जाहिर कर दी थी कि इस बार का सत्र हंगामेदार रहेगा क्योंकि कांग्रेस ने महंगाई, अंकिता हत्याकांड, भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक और उसकी सीबीआई जांच की मांग समेत कई मुद्दों पर पहले से ही सरकार को घेरने की तैयारी कर रखी है.

Last Updated : Mar 13, 2023, 6:36 PM IST
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