गैरसैंण: उत्तराखंड विधानसभा बजट सत्र के तीसरे दिन भी विपक्षी दल कांग्रेस ने सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले विधानसभा के बाहर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया. सभी कांग्रेसी विधायकों ने विधानसभा की सीढ़ियों पर प्रदेश में तमाम भर्ती परीक्षाओं में हुई धांधली के मामले की सीबीआई जांच की मांग उठाई. कांग्रेस सदन के भीतर सीबीआई जांच की मांग को लेकर नियम 310 के तहत चर्चा करने की भी मांग कर रही है.
बता दें कि विधानसभा के तीसरे दिन यानी बुधवार को सदन के पटल पर सरकार आगामी वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए बजट को रखेगी. उससे पहले ही कांग्रेस सदन के भीतर नियम 310 के तहत भर्ती परीक्षाओं की सीबीआई जांच पर चर्चा करने की मांग करेगी. वहीं, इस पूरे प्रदर्शन को लेकर ईटीवी भारत से नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने खास बातचीत की.
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नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि नौजवान बेरोजगार संगठन से जुड़े लोग हाईकोर्ट की निगरानी में सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं. हालांकि, कांग्रेस ने भी इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाने का काम किया है. कांग्रेस इस मामले पर कोई सियासत नहीं करना चाहती, बल्कि कांग्रेस चाहती है कि नौजवानों और बेरोजगारों को न्याय मिले. लिहाजा, नौजवान बेरोजगार संगठन के इस संघर्ष में कांग्रेस उनके साथ है. यशपाल आर्य ने कहा कि सदन के भीतर भी सीबीआई जांच की मांग के मुद्दे को नियम 310 के तहत उठाया जाएगा. सरकार से सवाल किया जाएगा और जवाब मांगा जाएगा.
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गौर हो कि, सत्र के पहले दिन से ही कांग्रेस का रवैया आक्रामक रहा है. दूसरे दिन कांग्रेस विधायकों ने अंकिता हत्याकांड, पेपर लीक और बेरोजगार युवाओं के मुद्दों को लेकर सदन में भारी हंगामा किया था. कांग्रेस विधायक आदेश चौहान और सुमित हृदयेश द्वारा विशेषाधिकार के तहत जनहित का मामला भी सदन में उठाया गया था. हालात ऐसे बन गए थे कि कांग्रेस विधायक मदन बिष्ट ने सदन का माइक की तोड़ दिया था. यहां तक कि विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी की ओर कागज के गोले फेंके गए थे, जिससे नाराज होकर स्पीकर ने सभी कांग्रेस विधायकों को एक दिन के लिए निलंबित कर दिया था.
वहीं, सभी विधायकों को सदन से निलंबित करने की कार्रवाई को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने अलोकतांत्रिक करार दिया था. इसको भाजपा का फासीवादी व तानाशाही चरित्र बताया था. कांग्रेस का कहना है कि विधानसभा बैकडोर भर्ती घोटाले को लेकर सरकार और पीठ के मध्य आंतरिक द्वंद है, जिसके तहत सरकार सत्र की आहुति देने का कार्य कर रही है. विपक्ष द्वारा उठाए जा रहे जनहित के ज्वलंत मुद्दों से सरकार भागना चाह रही है.