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चमोली: CM ने किया ऐतिहासिक गौचर मेले का शुभारंभ, कई योजनाओं का भी शिलान्यास - CM Trivendra Singh Rawat at Gauchar Mela

सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गुरुवार को गौचर मेले का शुभारंभ किया. इस दौरान सीएम ने कई विकास योजनाओं का शिलान्यास भी किया.

CM ने किया ऐतिहासिक गौचर मेले का शुभारंभ
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Published : Nov 14, 2019, 7:59 PM IST

चमोली: गुरुवार को गौचर में एतिहासिक मेले की आगाज हो गया है. औद्योगिक और सांस्कृतिक मेले के रूप में पहचाने जाने वाले इस मेले का उद्घाटन सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया. सात दिनों तक चलने वाले गौचर मेले का शुभारंभ करते हुए सीएम ने क्षेत्र के विकास के लिए 155 करोड़ 40 लाख रुपए की लागत से बनने वाली कई योजनाओं का शिलान्यास किया. इस दौरान सीएम ने कहा कि उनकी सरकार लगातार गौचर मेले के स्वरूप को बढ़ाने का प्रयास कर रही है.

CM ने किया ऐतिहासिक गौचर मेले का शुभारंभ.

इस साल गौचर मेले को और भी अधिक आकर्षक बनाने के लिए अलकनंदा नदी में रिवर राफ्टिंग, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मीम के साथ सेल्फी प्वाइंट, बॉलीवुड और गढ़वाली कलाकारों की शानदार सांस्कृतिक प्रस्तुतियों को भी रखा गया है. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी मेले में पहुंचकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पुतले के साथ सेल्फी खिंचवाई. इसके बाद सीएम ने अलकनंदा नदी में रिवर राफ्टिंग का भी लुत्फ उठाया.

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गौचर में लगने वाला ये मेला संस्कृति, बाजार, उद्योग तीनों के समन्वय के कारण पूरे उत्तराखंड में लोकप्रिय है. यहीं कारण है कि यहां दूर दूर से लोग पहुंचते हैं. तिब्बत की सीमा से लगने वाले 2 जनपदों पिथौरागढ़ और चमोली में भोटिया जनजाति के लोगों की पहल से शुरू हुआ ये मेला धीरे-धीरे बड़ा स्वरूप ले चुका है. 1943 में गढ़वाल के तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर के सुझाव पर गौचर में व्यापारिक मेले के आयोजन की शुरुआत हुई थी. जिसके बाद धीरे-धीरे गौचर मेले ने औद्योगिक एवं सांस्कृतिक रूप धारण कर लिया.

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गौचर मेले की तिथि पहले भिन्न-भिन्न समय पर होती थी लेकिन आजादी के बाद गौचर मेले का आयोजन भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्म दिवस पर किये जाने का निर्णय लिया गया. हालांकि, बीच-बीच में कई कारणों से यह मेला स्थगित भी किया जाता रहा है. 2019 में गौचर मेला 69वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है. जिसके कारण इस साल मेले को लेकर खास तैयारियां की गई हैं. इस राज्य स्तरीय मेले को भव्य रूप देने में कोई कोर कसर न छूटे, इसके लिए जिला प्रशासन भी पूरी तरह से तैयार है.

चमोली: गुरुवार को गौचर में एतिहासिक मेले की आगाज हो गया है. औद्योगिक और सांस्कृतिक मेले के रूप में पहचाने जाने वाले इस मेले का उद्घाटन सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया. सात दिनों तक चलने वाले गौचर मेले का शुभारंभ करते हुए सीएम ने क्षेत्र के विकास के लिए 155 करोड़ 40 लाख रुपए की लागत से बनने वाली कई योजनाओं का शिलान्यास किया. इस दौरान सीएम ने कहा कि उनकी सरकार लगातार गौचर मेले के स्वरूप को बढ़ाने का प्रयास कर रही है.

CM ने किया ऐतिहासिक गौचर मेले का शुभारंभ.

इस साल गौचर मेले को और भी अधिक आकर्षक बनाने के लिए अलकनंदा नदी में रिवर राफ्टिंग, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मीम के साथ सेल्फी प्वाइंट, बॉलीवुड और गढ़वाली कलाकारों की शानदार सांस्कृतिक प्रस्तुतियों को भी रखा गया है. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी मेले में पहुंचकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पुतले के साथ सेल्फी खिंचवाई. इसके बाद सीएम ने अलकनंदा नदी में रिवर राफ्टिंग का भी लुत्फ उठाया.

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गौचर में लगने वाला ये मेला संस्कृति, बाजार, उद्योग तीनों के समन्वय के कारण पूरे उत्तराखंड में लोकप्रिय है. यहीं कारण है कि यहां दूर दूर से लोग पहुंचते हैं. तिब्बत की सीमा से लगने वाले 2 जनपदों पिथौरागढ़ और चमोली में भोटिया जनजाति के लोगों की पहल से शुरू हुआ ये मेला धीरे-धीरे बड़ा स्वरूप ले चुका है. 1943 में गढ़वाल के तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर के सुझाव पर गौचर में व्यापारिक मेले के आयोजन की शुरुआत हुई थी. जिसके बाद धीरे-धीरे गौचर मेले ने औद्योगिक एवं सांस्कृतिक रूप धारण कर लिया.

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गौचर मेले की तिथि पहले भिन्न-भिन्न समय पर होती थी लेकिन आजादी के बाद गौचर मेले का आयोजन भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्म दिवस पर किये जाने का निर्णय लिया गया. हालांकि, बीच-बीच में कई कारणों से यह मेला स्थगित भी किया जाता रहा है. 2019 में गौचर मेला 69वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है. जिसके कारण इस साल मेले को लेकर खास तैयारियां की गई हैं. इस राज्य स्तरीय मेले को भव्य रूप देने में कोई कोर कसर न छूटे, इसके लिए जिला प्रशासन भी पूरी तरह से तैयार है.

Intro:भारत पहले से ही मेलों एवम सांस्कृतिक आयोजनों का देश रहा है । उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में लगने वाले मेलो का खास महत्व है, इन्हीं में एक है चमोली जिले का गौचर मेला। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आज गौचर पहुंचकर सात दिवसीय 69वें गौचर मेले का शुभारंभ कर क्षेत्र के विकास में 155 करोड़ 40 लाख रुपए की लागत से कई योजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि गौचर मेले के स्वरूप को बढ़ाने के लिए सरकार प्रयास कर रही है।


विस्वल बाईट मेल से भेजी है।


Body:गौचर मेले की शुरुवात तिब्बत की सीमा से लगने वाले 2 जनपदों पिथौरागढ़ व चमोली मे भोटिया जनजाति के लोगों की पहल पर शुरू हुआ।गौचर मेला उत्तराखंड के चमोली जनपद में जीवन की रोजमर्रा की आवश्यकताओं का हाट बाजार और यह हाट बाजार धीरे-धीरे मेले के रूप में परिवर्तित हो गया। चमोली जनपद में नीती माणा घाटी के जनजातीय क्षेत्र के प्रमुख व्यापारी एवं जागरूक जनप्रतिनिधि स्वर्गीय बाल सिंह पाल,पान सिंह बमपाल , एवं गोविंद सिंह राणा ने चमोली जनपद में भी इसी प्रकार के व्यापारिक मेले के आयोजन का विचार प्रतिष्ठित पत्रकार एवं समाजसेवी स्वर्गीय गोविंद सिंह नोटियाल के समक्ष रखा, गढ़वाल के तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर के सुझाव पर 1943 में गौचर में व्यापारिक मेले के आयोजन की शुरुवात की गई,बाद में धीरे-धीरे गौचर मेले ने औद्योगिक एवं सांस्कृतिक रूप धारण कर लिया।

बाईट--टीका प्रसाद मैखुरी--स्थानीय।

बीओ 1---


गौचर मेले की तिथि को लेकर पहले की तिथि का निर्धारण भिन्न भिन्न समय पर होता था ,परंतु आजादी के पश्चात गौचर मेले का आयोजन भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्म दिवस के अवसर पर 14 नवंबर से 1 सप्ताह तक किए जाने का निर्णय लिया गया। तब से आज तक यह गौचर मेला प्रतिवर्ष 14 नवंबर से शुरू किया जाता है। कई कारणों से यह मेला बीच-बीच में स्थगित भी करना पड़ा।लेकिन वर्ष 2019 में गौचर मेला 69 वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है।

बाईट --खुशाल सिंह रावत--दुकानदार भोटिया जनजाति ।




Conclusion:सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आज गौचर पहुंचकर मेले का शुभारंभ किया ।इस दौरान उन्होंने क्षेत्र के विकास के लिए 155 करोड़ 40 लाख रुपए की लागत से विकास योजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण किया। सीएम ने कहा कि गौचर मेला स्थानीय स्तर तक सीमित न रहे इसके लिए सरकार मेले के स्तर को बढ़ाने के लिए प्रयास करेगी।

गौचर मेले को इस वर्ष अधिक आकर्षक बनाने को लेकर अलकनंदा नदी में रिवर राफ्टिंग,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मीम के साथ सेल्फी प्वाइंट के साथ साथ वालीवुड और गढ़वाली कलाकारों की शानदार सांस्कृतिक प्रस्तुतियों को भी मेले में जोड़ा गया है।मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पुतले के साथ सेल्फी खिंचने के बाद अलकनंदा नदी में रिवर राफ्टिंग भी की ।

बाईट--त्रिवेंद्र सिंह रावत--मुख्यमंत्री उत्तराखंड।
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