चमोली: गुरुवार को गौचर में एतिहासिक मेले की आगाज हो गया है. औद्योगिक और सांस्कृतिक मेले के रूप में पहचाने जाने वाले इस मेले का उद्घाटन सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया. सात दिनों तक चलने वाले गौचर मेले का शुभारंभ करते हुए सीएम ने क्षेत्र के विकास के लिए 155 करोड़ 40 लाख रुपए की लागत से बनने वाली कई योजनाओं का शिलान्यास किया. इस दौरान सीएम ने कहा कि उनकी सरकार लगातार गौचर मेले के स्वरूप को बढ़ाने का प्रयास कर रही है.
इस साल गौचर मेले को और भी अधिक आकर्षक बनाने के लिए अलकनंदा नदी में रिवर राफ्टिंग, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मीम के साथ सेल्फी प्वाइंट, बॉलीवुड और गढ़वाली कलाकारों की शानदार सांस्कृतिक प्रस्तुतियों को भी रखा गया है. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी मेले में पहुंचकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पुतले के साथ सेल्फी खिंचवाई. इसके बाद सीएम ने अलकनंदा नदी में रिवर राफ्टिंग का भी लुत्फ उठाया.
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गौचर में लगने वाला ये मेला संस्कृति, बाजार, उद्योग तीनों के समन्वय के कारण पूरे उत्तराखंड में लोकप्रिय है. यहीं कारण है कि यहां दूर दूर से लोग पहुंचते हैं. तिब्बत की सीमा से लगने वाले 2 जनपदों पिथौरागढ़ और चमोली में भोटिया जनजाति के लोगों की पहल से शुरू हुआ ये मेला धीरे-धीरे बड़ा स्वरूप ले चुका है. 1943 में गढ़वाल के तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर के सुझाव पर गौचर में व्यापारिक मेले के आयोजन की शुरुआत हुई थी. जिसके बाद धीरे-धीरे गौचर मेले ने औद्योगिक एवं सांस्कृतिक रूप धारण कर लिया.
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गौचर मेले की तिथि पहले भिन्न-भिन्न समय पर होती थी लेकिन आजादी के बाद गौचर मेले का आयोजन भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्म दिवस पर किये जाने का निर्णय लिया गया. हालांकि, बीच-बीच में कई कारणों से यह मेला स्थगित भी किया जाता रहा है. 2019 में गौचर मेला 69वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है. जिसके कारण इस साल मेले को लेकर खास तैयारियां की गई हैं. इस राज्य स्तरीय मेले को भव्य रूप देने में कोई कोर कसर न छूटे, इसके लिए जिला प्रशासन भी पूरी तरह से तैयार है.