चमोली: देश की सरहदों की रक्षा में आईटीपीबी (भारत-तिब्बत सीमा सुरक्षा बल) के जवानों के साथ डॉग स्क्वॉड भी कदम से कदम मिलाकर चलता है. आईटीबीपी डॉग स्क्वॉड के ऊपर भी सरहदों की रक्षा की अहम जिम्मेदारी होती है. अलग-अलग खूबियों से लैस और ट्रेंड ये कुत्ते न केवल संदिग्द चीजों को सूंघकर पता लगाते हैं, बल्कि मॉक ड्रिल्स और आतंकवाद निरोधी गतिविधियों में इनकी अमह भूमिका रहती है. आईटीबीपी डॉग स्क्वॉड (ITBP Dog Squad) का ऐसा ही एक जांबाज साथी फीमेल डॉग चोको (dog choco retired from ITBP) शनिवार 26 जून को 11 साल की सेवा देने के बाद रिटायर हो गई.
फीमेल डॉग चोको आईटीबीपी (ITBP chamoli) की पहली बटालियन के साथ पिछले 11 साल से सेवाएं दे रही थी. चोको आईटीपीबी K9 दल में स्निफर डॉग रही है. चोको ने कई नक्सल विरोधी अभियानों में सुरक्षा बलों के साथ हिस्सा लिया है. शुक्रवार को चोको के रिटायरमेंट पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. चोको को सम्मान के साथ ग्रीन कारपेट पर फूल मालाएं पहनाकर विदाई दी गई.
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आईटीबीपी डॉग स्क्वॉड के सदस्य सुरक्षा बलों को कई तरह के भारी जानमाल के नुकसान से बचाते हैं. इनकी स्वामी भक्ति और सेवाभाव के चलते डॉग स्क्वॉड के सदस्यों को पूरा सम्मान दिया जाता है. बकायदा उन्हें सेवा उपरांत सम्मान के साथ रिटायर भी किया जाता है. आईटीबीपी की डॉग स्क्वॉड से ऐसा ही एक जांबाज सदस्य 'चोको' 11 साल की सर्विस (Choko dog retires from ITBP) के बाद 25 जून को रिटायर हुई.
जोशीमठ आईटीबीपी कैम्प में पूरे सम्मान और फूल मालाओं के साथ आईटीबीपी ने चोको का रिटायरमेंट को एक समारोह के बीच सेलिब्रेट किया. रिटायरमेंट के बाद चोको का जीवन पंचकुला स्थित आईटीपीबी के नेशनल ट्रेनिंग सेंटर फॉर डॉग्स (NTCD) में व्यतीत होगा. चोको से अब कॉम्बैट सेवाएं नहीं ली जाएंगी. हालांकि, इस दौरान चोको को 70% पेंशन मिलेगी. चोको को लाइफटाइम हेल्थकेयर और चौबीसों घंटे की देखभाल मिलेगी. यानी रिटायरमेंट के बाद भी आईटीबीपी का यह साथी जवानों के बीच अच्छी जिंदगी जिएगी.