चमोली: सीमांत जिला मुख्यालय चमोली के रैणी गांव का भयावह मंजर लोग भुला भी नहीं पाए थे कि एक बार फिर ग्लेशियर टूटने की घटना ने देश-दुनिया को हिला कर रख दिया है. बीते दिन भारत-चीन सीमा क्षेत्र से लगे सुमना में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के कैंप के पास ग्लेशियर टूटकर मलारी-सुमना सड़क पर आ गया था. इस हादसे में कई लोगों के दबे होने की आशंका जताई जा रही है. रेस्क्यू कार्य जारी है. रेस्क्यू के लिए भारतीय सेना के चीता हेलीकॉप्टर सेना हेलीपैड जोशीमठ पहुंच गए हैं. मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने हवाई सर्वेक्षण के बाद बताया कि 6 लोगों की मौत की सूचना आ रही है.
आज सीएम तीरथ सिंह रावत आपदाग्रस्त क्षेत्र का जायजा लेने पहुंचे. बीआरओ कमांडर मनीष कपिल सूचना के बाद मौके के लिए रवाना हो गए हैं. चमोली पहुंचे मुख्यमंत्री ने बताया है कि अभी तक 6 लोगों की मौत की सूचना है और 4 लोग घायल हैं. सीएम ने बताया कि करीब 400 मजदूर यहां काम कर रहे थे और करीब 391 लोगों को रेस्क्यू कर लिया गया है. वहीं सीएम तीरथ सिंह रावत मौके का निरीक्षण करने के बाद जोशीमठ लौट गए हैं. शनिवार को जोशीमठ पहुंची जिला अधिकारी स्वाती भदौरिया, पुलिस अध्यक्षक यशवंत चौहान भी मौके के लिए रवाना हुए.
बता दें कि उत्तराखंड के चमोली जिले में भारत-चीन सीमा क्षेत्र से लगे सुमना में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के कैंप के पास ग्लेशियर टूटकर मलारी-सुमना सड़क पर आ गया. बीते दिन सीमा सड़क संगठन के कमांडर कर्नल मनीष कपिल ने इसकी पुष्टि की थी. जिस स्थान पर यह घटना हुई, वहां आसपास बीआरओ के मजदूर सड़क निर्माण कार्य में जुटे हुए थे.
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चमोली रैणी आपदा
सात फरवरी को चमोली रैणी गांव में आई आपदा में कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी. चमोली में ग्लेशियर फटने के बाद तेज पानी के बहाव के चलते रैणी गांव के समीप ऋषिगंगा हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट पूरी तरह से तबाह हो गया था. इसके साथ ही तपोवन पावर प्रोजेक्ट भी बह गया था. तपोवन पावर प्रोजेक्ट के मलबे से अभी भी कंकाल मिल रहे हैं.