थरालीः देवाल में चमोली हाइड्रो पावर के नाम से चल रही सूक्ष्म जल विद्युत परियोजना सरकार को लाखों का चूना लगा रही है. देवाल के कैल नदी पर 5 मेगावाट की विद्युत उत्पादन कंपनी की ओर से डैम साइट पर इस बार भी मेंटेनेंस का काम किया जा रहा है, लेकिन मेंटेनेंस के नाम पर कैल नदी में जेसीबी मशीन की मदद से खनन किया जा रहा है. यहां नदी में बड़े-बड़े गड्ढे बनाकर उपखनिज निकाले जा रहे हैं. जिसे लेकर प्रशासन मूक दर्शक बना हुआ है.
दरअसल, देवाल में चमोली हाइड्रो पावर प्राइवेट लिमिटेड की ओर से कैल नदी पर बांध बनाकर 5 मेगावाट क्षमता का बिजली उत्पादन किया जा रहा है. हर साल डैम साइट का मेंटेनेंस किया जाता है. ताकि, विद्युत उत्पादन की प्रक्रिया सुचारू रूप से चल सके. साथ ही डैम साइट पर सुरक्षात्मक कार्य हो सके, लेकिन यहां कंपनी की ओर से कैल नदी का सीना चीरा जा रहा है. यहां नदी में जेसीबी उतारकर जमकर उपखनिज निकाले जा रहे हैं.
इस उपखनिज को डैम साइट पर किए जा रहे निर्माण कार्यों में इस्तेमाल किया जा रहा है. जिससे सरकार को रॉयल्टी और जीएसटी का नुकसान पहुंच रहा है. हैरानी की बात ये है कि जहां एक ओर चमोली हाइड्रो पावर डैम साइट पर सफाई के नाम पर खनन कार्य कर सरकार को लाखों रुपए के राजस्व का चूना लगा रहा है तो वहीं स्थानीय प्रशासन इस पूरे मामले से बेखबर नजर आ रहा है.
क्या बोले जिम्मेदार अफसरः वहीं, थराली उप जिलाधिकारी रविंद्र जुवांठा का कहना है कि अब मामला उनके संज्ञान में आया है. कंपनी के पास खनन कार्य करने की अनुमति है या नहीं? इसकी जांच की जाएगी. कंपनी की ओर से निकाले गए उपखनिज की रॉयल्टी जमा न होने की दशा में कंपनी के लिए चालानी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.
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