चमोली: बदरीनाथ धाम कपाट खोलने की तैयारियां शुरू होने वाली है. ऐसे मौसम खराब होने के कारण ऊंचाई वाले इलाकों में तीर्थयात्रा के संचालन में बर्फ से पार पाने की चुनौती भी बनी रहेगी. इस बार बदरीनाथ धाम परिसर से लेकर रड़ांग बैंड तक बर्फ की मोटी चादर बिछी हुई है. वहीं, बीआरओ की टीम बर्फ हटाने में लगी हुई है. इस बार उम्मीद जताई जा रही है कि श्रद्धालुओं की तादाद ज्यादा होगी.
बता दें कि पिछले बार बदरीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए 10 मई को खोले गए थे. उस वक्त काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे. देश के प्रमुख चार धामों में शामिल बदरीनाथ धाम के कपाट 17 नवंबर को शाम 5:13 बजे शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए थे.
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सीमा सड़क संगठन (BRO) ने रड़ांग बैंड 20 से 25 फीट के हिमखंड को काटकर हाईवे को खोलने का काम भी शुरू कर दिया है. बदरीनाथ धाम की यात्रा इस साल 30 अप्रैल से शुरू होगी. हालांकि इस वक्त धाम के परिक्रमा स्थल के चारों ओर लगभग 20 फीट तक बर्फ जमी है. धाम परिसर को भी बर्फ ने अपने आगोश में ले रखा है. यही नहीं बदरीनाथ बस टर्मिनल, टैक्सी स्टैंड, धर्मशाला, माणा गांव, शेषनाग दर्शनी और कंचन गंगा क्षेत्र में भारी मात्रा में बर्फ जमी हुई है.
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दरअसल, शीतकाल में बदरीनाथ धाम के कपाट छह माह के लिए बंद रहते हैं. इस दौरान आम लोगों की आवाजाही हनुमान चट्टी से आगे बंद रहती है. लेकिन, चीन सीमा से जुड़ा होने के कारण यहां सेना और आईटीबीपी के जवानों की आवाजाही निरंतर बनी रहती है. हालांकि बर्फबारी के दौरान जवानों को भी यहां दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इस वक्त बदरीनाथ धाम में विजय लक्ष्मी चौक से धाम परिसर तक आस्था पथ पर छह फीट बर्फ जमी हुई है.
बीआरओ के कमांडर मनीष कपिल का कहना है कि जल्द ही बदरीनाथ हाईवे को माणा गांव तक तीर्थयात्रियों के लिए खोल दिया जाएगा.