देवाल: लोगों का कहना है कि सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं का लाभ उनको नहीं मिल रहा है. सरकार बेटियों के लिए पोषण, उच्च शिक्षा और विवाह से संबंधित योजनाएं चला रही है. लेकिन चीन-तिब्बत बॉर्डर से लगे चमोली जिले के देवाल विकासखंड में अफसर और कर्मचारी इन योजनाओं को लेकर गंभीर नहीं हैं.
लोगों का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही नंदा देवी कन्याधन योजना का लाभ 2012-13-14 के लाभार्थियों को आठ साल बाद भी नहीं मिला है. देवाल विकासखण्ड में लगभग 66 आंगनबाड़ी केंद्र हैं. इनमें 150 से अधिक लाभार्थियों को अभी भी इन योजनाओं का लाभ नहीं मिल सका है. बेटियों के माता-पिता कई बार बाल विकास परियोजना कार्यालय नन्दकेशरी में आवेदन पत्र जमा कर चुके हैं. लेकिन हर बार जवाब मिलता है कि बजट के अभाव में अभी योजना का लाभ नहीं मिल सकता है.
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ईटीवी भारत की टीम आवेदक बेटियों के अभिभावकों से बात करने के बाद नन्दकेशरी स्थित बाल विकास परियोजना के कार्यालय भी पहुंची. हमने जानने की कोशिश की कि आवेदकों को योजना का लाभ क्यों नहीं मिल रहा. आलम ये था कि दफ्तर में एक भी नियमित कर्मचारी हमारे सवालों का जवाब देने के लिए मौजूद नहीं था. आंगनबाड़ी केंद्रों तक पहुंचाई जाने वाली अधिकतर सामग्री लंबे समय से कार्यालय में ही धूल फांक रही है.
ईटीवी भारत ने बाल विकास परियोजना की सुपरवाइजर सत्यवती से टेलीफोन पर जानकारी ली. उन्होंने बताया कि लगभग 150 लाभार्थियों को अभी भी नंदा देवी कन्याधन योजना का लाभ नहीं मिल पाया है. इसका कारण उन्होंने पर्याप्त बजट नहीं होना बताया.