चमोली: केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी परियोजना चारधाम रेलवे प्रोजेक्ट के तहत बदरीनाथ और केदारनाथ तक रेलवे लाइन पहुंचाने का काम किया जा रहा है. इसको लेकर रेलवे विकास निगम लिमिटेड कर्णप्रयाग के सिवाई से बदरीनाथ और केदारनाथ धाम तक रेल लाइन और स्टेशन के अंतिम चरण का सर्वे कर रहा है.
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन का कार्य प्रारंभ हो चुका है. साथ ही चारधाम रेलवे प्रोजेक्ट को लेकर सिवाई में प्रस्तावित ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे स्टेशन से बदरीनाथ और केदारनाथ धाम के सोनप्रयाग को लेकर रेलवे विकास निगम लिमिटेड ने चमोली के सेकोट गांव में रेलवे स्टेशन के लिए भूमि चिन्हित की है. सेकोट से बदरीनाथ और केदारनाथ (सोनप्रयाग) के लिए अलग-अलग रेलवे लाइन बिछाई जानी है.
रेलवे विकास निगम लिमिटेड के परियोजना प्रबंधक ओमप्रकाश मालगुड़ी ने बताया कि चारधाम रेल लाइन परियोजना के तहत कर्णप्रयाग के सिवाई में प्रस्तावित रेलवे स्टेशन के बाद दूसरा रेलवे स्टेशन चमोली के सेकोट गांव में प्रस्तावित है.
उन्होंने बताया कि बदरीनाथ जाने के लिए सेकोट रेलवे स्टेशन के अलावा घाट विकासखंड के गंडासू गांव और पीपलकोटी के तरतोली, जोशीमठ के हेलंग में भी रेलवे स्टेशन के लिए भूमि चिन्हित की गई है. हेलंग के बाद अंतिम रेलवे स्टेशन बदरीनाथ धाम में होगा. इसके लिए रेलवे ट्रैक के अंतिम चरण की भूगर्भीय सर्वे पूरी कर ली गई है.
अंतिम सर्वे रिपोर्ट आने के बाद केंद्र सरकार को रिपोर्ट भेजी जाएगी. इसके बाद केंद्र और राज्य सरकार की अनुमति के बाद भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई होगी. बदरीनाथ यात्रा सड़क मार्ग से हटकर चमोली के दूरस्थ विकासखंड घाट के गंडासु गांव में रेलवे स्टेशन बनने से घाट क्षेत्र में स्थित पर्यटन स्थलों नंदादेवी मंदिर, रावण की तपस्थली बैरासकुण्ड महादेव को भी पर्यटन की दृष्टि से एक नई पहचान मिलेगी.
वहीं घाट विकासखंड के गंडासू गांव में बदरीनाथ यात्रा मार्ग का रेलवे स्टेशन बनने से घाट ब्लॉक और कर्णप्रयाग विकासखण्ड के करीब 50 हजार लोगों को फायदा फायदा मिलेगा. बता दें कि चार धाम रेल परियोजना में अनुमानित तौर पर 43,292 करोड़ रुपये की लागत आएगी.
ये रेल लाइन हिंदुओं के पवित्र तीर्थस्थलों बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री को देहरादून-कर्णप्रयाग के माध्यम से 327 किलोमीटर लंबी रेल मार्ग से जोड़ेगी. रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) द्वारा कराये गए रिकोनासेंस इंजीनियरिंग सर्वे के मुताबिक, रेल मार्ग में 21 नये स्टेशन, 61 सुरंगें और 59 पुल होंगे.