चमोलीः विश्व प्रसिद्ध चारधाम में शुमार बदरीनाथ धाम के कपाट बंद करने की प्रक्रिया पंच पूजाओं के साथ शुरू हो गई है. आज भगवान बदरी विशाल के महाभिषेक के बाद रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी और धर्माधिकारी राधा कृष्ण थपलियाल, वेदपाठी की मौजूदगी में विधि विधान के साथ गणेश मंदिर में पूजा अर्चना की गई. जिसके बाद भगवान गणेश की उत्सव मूर्ति बदरी पंचायत और भगवान हरि के चरणों में रख गया. वहीं, विधि विधान के साथ गणेश मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए.
बदरीनाथ धाम के कपाट बंद (Badrinath Dham Kapat Closed) होने की प्रक्रिया आज से शुरू हो गई हैं. आगामी 19 नवंबर यानी शनिवार को दोपहर 3 बजकर 35 मिनट पर बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए विधि-विधान से बंद कर दिए जाएंगे. बदरीनाथ मंदिर के धर्माधिकारी राधा कृष्ण थपलियाल ने बताया कि परंपरानुसार बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रियाएं आज भगवान गणेश के मंदिर के कपाट बंद (Badrinath Ganesh Temple doors Closed) होने के साथ शुरू हो गई है. आज भगवान गणेश के मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए हैं.
वहीं, 16 नवंबर यानी कल बदरीनाथ धाम में ही स्थित आदि केदारेश्वर मंदिर के कपाट बंद होंगे. जबकि, 17 नवंबर को खड़क पुस्तकों को गर्भगृह में रख वेद ऋचाओं का वाचन बंद होगा. वहीं, 18 नवंबर को मां लक्ष्मी गर्भगृह में विराजमान होंगी. इसके बाद 19 नवंबर को बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे. इस साल बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के अवसर पर जिले में राजकीय अवकाश घोषित किया. इस बार 8 मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खुले थे.
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