चमोली: भारतीय थल सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने माणा और नीती पहुंचकर भारत-चीन सीमा पर सेना चौकियों का हवाई निरीक्षण किया. तय कार्यक्रम के अनुसार, सुबह लगभग 11:50 बजे भारतीय थल सेनाध्यक्ष को बदरीनाथ धाम स्थित माणा के पास बने सेना के हैलीपेड पहुंचना था. इसके लिए हेलीपैड पर पूरी तैयारी भी कर ली गई थी. लेकिन नरवणे के हेलीकॉप्टर ने यहां पर लेंडिंग नहीं की. उन्होंने माणा गांव के आगे चीन सीमा की चौकियों पर लगभग 20 मिनट तक हवाई निरीक्षण किया.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, थल सेना अध्यक्ष नरवणे ने नीती, मलारी और अग्रिम भारतीय सीमा चौकी रिमखिम का भी हवाई निरीक्षण किया.
-
General MM Naravane #COAS is on a two-day visit to Army formations in Uttarakhand to review the security situation and operational preparedness.#NationFirst#IndianArmy pic.twitter.com/ncwWiqVGTQ
— ADG PI - INDIAN ARMY (@adgpi) November 11, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">General MM Naravane #COAS is on a two-day visit to Army formations in Uttarakhand to review the security situation and operational preparedness.#NationFirst#IndianArmy pic.twitter.com/ncwWiqVGTQ
— ADG PI - INDIAN ARMY (@adgpi) November 11, 2020General MM Naravane #COAS is on a two-day visit to Army formations in Uttarakhand to review the security situation and operational preparedness.#NationFirst#IndianArmy pic.twitter.com/ncwWiqVGTQ
— ADG PI - INDIAN ARMY (@adgpi) November 11, 2020
पढ़ेंः सीलिंग की गई जमीन पर हुए निर्माण को प्रशासन ने किया ध्वस्त
गौरतलब है कि उत्तराखंड में चीन से लगती हुई 345 किलोमीटर लंबी सीमा है. इसमें से करीब 90 किलोमीटर चमोली जनपद में है. बाकी उत्तरकाशी और पिथौरागढ़ में है. चमोली स्थित चीन सीमा का यह भाग सर्वाधिक संवेदनशील है. चमोली जिले की मलारी घाटी में स्थित बड़होती में चीन ने 2014 से लेकर 2018 तक 10 बार घुसपैठ की है. लेकिन हर बार अग्रिम मोर्चे पर तैनात आईटीबीपी और सेना के जवानों ने चीनियों के मंसूबो पर पानी फेरा है.