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तपोवन त्रासदी: सेना ने 13 गांवों को दी बड़ी राहत, ऋषिगंगा नदी पर बनाया वैकल्पिक पुल

ऋषिगंगा नदी में भारतीय सेना वैकल्पिक पुल का निर्माण किया गया है, जिससे 13 गांवों ग्रामीणों को बड़ी राहत मिली है. ग्रामीण अब अपनी रोजमर्रा की जरूरतों के लिए आ जा सकते हैं.

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Published : Feb 14, 2021, 8:09 PM IST

चमोली: रैणी और तपोवन में आई त्रासदी के बाद पुल टूटने से अलग-थलग पड़े भारत चीन सीमा पर स्थित 13 गांवों के ग्रामीणों को ऋषिगंगा नदी में भारतीय सेना वैकल्पिक पुल का निर्माण किया गया है. वैकल्पिक पुल से ग्रामीणों को काफी हद तक राहत मिली है.

सेना ने ऋषिगंगा नदी पर बनाया वैकल्पिक पुल.

बीती 7 फरवरी को रैणी और तपोवन क्षेत्र में आई त्रासदी से रैणी में स्थित नीती घाटी को जोड़ने वाला मोटर पुल ध्वस्त हो गया था, जिसके बाद से घाटी के 13 गांवों के लोगों का संपर्क बाहरी दुनिया से पूरी तरह कट गया था.

घाटी में रहने वाले लोगों के लिए रोजमर्रा की जरूरतों के सामान के लिए दिक्कतों का भी सामना करना पड़ रहा था, जिसको देखते हुए भारतीय सेना के द्वारा ऋषिगंगा नदी पर एक अल्युमिनियम की सीढ़ी और रस्सियों के सहारे एक पैदल वैकल्पिक पुल का निर्माण किया है.

पढ़ें- संवेदनशील नदियों पर पावर प्रोजेक्ट की अनुमति मिलने से उठे सवाल

वहीं, दूसरी और रैणी में ही वैली ब्रिज और ट्राली लगाने का कार्य भी बीआरओ के द्वारा जारी है. मेजर उत्कर्ष शुक्ला ने बताया कि जब तक वैली ब्रिज का निर्माण नहीं हो जाता, तब तक वैकल्पिक पुल के जरिये ग्रामीणों के आवागमन को लेकर सेना के द्वारा अस्थाई पुल का निर्माण किया गया है, जिसमें सेना के जवानों की मदद से ग्रामीणों को आर पार करवाया जा रहा है.

चमोली: रैणी और तपोवन में आई त्रासदी के बाद पुल टूटने से अलग-थलग पड़े भारत चीन सीमा पर स्थित 13 गांवों के ग्रामीणों को ऋषिगंगा नदी में भारतीय सेना वैकल्पिक पुल का निर्माण किया गया है. वैकल्पिक पुल से ग्रामीणों को काफी हद तक राहत मिली है.

सेना ने ऋषिगंगा नदी पर बनाया वैकल्पिक पुल.

बीती 7 फरवरी को रैणी और तपोवन क्षेत्र में आई त्रासदी से रैणी में स्थित नीती घाटी को जोड़ने वाला मोटर पुल ध्वस्त हो गया था, जिसके बाद से घाटी के 13 गांवों के लोगों का संपर्क बाहरी दुनिया से पूरी तरह कट गया था.

घाटी में रहने वाले लोगों के लिए रोजमर्रा की जरूरतों के सामान के लिए दिक्कतों का भी सामना करना पड़ रहा था, जिसको देखते हुए भारतीय सेना के द्वारा ऋषिगंगा नदी पर एक अल्युमिनियम की सीढ़ी और रस्सियों के सहारे एक पैदल वैकल्पिक पुल का निर्माण किया है.

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वहीं, दूसरी और रैणी में ही वैली ब्रिज और ट्राली लगाने का कार्य भी बीआरओ के द्वारा जारी है. मेजर उत्कर्ष शुक्ला ने बताया कि जब तक वैली ब्रिज का निर्माण नहीं हो जाता, तब तक वैकल्पिक पुल के जरिये ग्रामीणों के आवागमन को लेकर सेना के द्वारा अस्थाई पुल का निर्माण किया गया है, जिसमें सेना के जवानों की मदद से ग्रामीणों को आर पार करवाया जा रहा है.

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