चमोली: गोपेश्वर स्थित गोपीनाथ मंदिर के झुकाव होने के मामले की जांच के लिए पुरातत्व विभाग की टीम पहुंची. पुरातत्व विभाग की टीम ने स्थानीय लोगों से मंदिर के झुकाव और पानी के रिसाव को लेकर बात की. साथ ही उन्होंने स्थानीय लोगों द्वारा बताई गई समस्याओं का निरीक्षण किया. पुरातत्व विभाग के उच्च अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर हर समस्या के समाधान को लेकर आश्वासन दिया. पुरातत्व विभाग के अधिकारियों ने कहा फ़िलहाल मंदिर को कोई ख़तरा नहीं है.
पुरातत्व विभाग के मंडल निदेशक मनोज कुमार सक्सेना ने कहा स्थानीय पुजारियों ने मंदिर के क्षति होने और मंदिर में पानी के टकराव को लेकर जो बातें कही गई हैं उनका स्थलीय निरीक्षण किया गया है. तकनीकी रूप को ध्यान में रखते हुए मंदिर को सुरक्षित रखा जाएगा. इसके संरक्षण के लिए पुरातत्व विभाग पूरी गंभीरता के साथ काम करेगा.
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मुख्य पुजारी हरीश भट्ट ने कहा विगत कुछ समय में देखा गया कि मंदिर एक तरफ को झुक रहा है. अलग-अलग जगह से मंदिर के गर्भगृह तक पानी का रिसाव हो रहा है. जिसको लेकर शासन और प्रशासन के साथ पुरातत्व विभाग को अवगत करवाया गया. रविवार को पुरातत्व विभाग के उच्च अधिकारी गोपीनाथ मंदिर पहुंचे. उन्होंने समस्त हक हकूक धारियों के साथ स्थानीय लोगों की आस्था के केंद्र को संरक्षित रखने के लिए सकारात्मक बात कही है, उम्मीद करते हैं कि पुरातत्व विभाग जल्द मंदिर को लेकर जो भी समस्याएं हैं उसके समाधान को लेकर कोई योजना बनाएगापुजारी महादेव भट्ट ने मन्दिर के आसपास की लिपियों के संरक्षण को लेकर बात रखी. उन्होंने कहा लिपियों को हिंदी में ट्रांसलेट करके उसे यहां लिखा जाए. जिस स्वरूप में लिपियां मन्दिर के आसपास हैं उनसे छेड़छाड़ न की जाये. क्रांति भट्ट ने बताया पौराणिक त्रिशूल पर जंक लग रहा. उसे संरक्षित किया जाना चाहिए.