थराली: प्रदेश में दुग्ध व्यवसाय में अग्रणी आंचल दुग्ध उद्योग गांव-गांव शहर-शहर पशुपालकों से दूध की खरीदारी करता है. साथ ही पशुपालकों को बेहतर नस्ल की गाय और भैंस को सब्सिडी पर पशुपालकों को देता है. दूध की गुणवत्ता सुधार के लिए आंचल दुग्ध उद्योग द्वारा पशुपालकों को पशु आहार भी दिया जाता है, लेकिन पशुपालकों को दूध की खरीद पर जो दाम दिया जाता है, वो बाजार रेट की तुलना में काफी कम हैं. जिससे देवसारी गांव के पशुपालकों ने आंचल दुग्ध उद्योग के प्रभारी से वार्ता कर मानकों में बदलाव की मांग की है.
दूध में वसा की मात्रा पर निर्धारित होते हैं दूध के दाम: आंचल डेरी उद्योग दूध में वसा की मात्रा के आधार पर दूध के दाम तय करता है और दूध में मौजूद वसा की मात्रा अदर 3.5 के आसपास हो तो पशुपालकों को 34 रुपये प्रति लीटर दूध का दाम दिया जाता है, जबकि बाजार में दूध के दाम 50 -60 रुपये प्रति लीटर है. वहीं दूध में मौजूद वसा की मात्रा अगर 6.5 हो तो पशुपालक को 42 रुपये लीटर के हिसाब से दूध का दाम दिया जाता है.
ये भी पढ़ें: दुग्ध उत्पादकों के लिए अच्छी खबर, शासन ने जारी किया 17.50 करोड़ रुपए प्रोत्साहन राशि
पशुपालकों ने नुकसान की कही बात: पशुपालकों का कहना है कि दुधारू पशुओं के पोषहार में वृद्धि के बावजूद भी किसी भी दूध में वसा की मात्रा इतनी नहीं हो सकती है, जितने की आंचल डेरी उद्योग द्वारा मानक तय किए गए हैं. ऐसे में पशुपालकों को बाजार दाम से बहुत कम दाम दूध की खरीद पर दिया जा रहा है. जिससे उनको खासा नुकसान उठाना पड़ रहा है.
ये भी पढ़ें: अच्छी खबर: महंगाई के बीच आंचल डेयरी ने घटाए दूध और अन्य प्रोडक्ट के दाम