चमोली: विश्व मजदूर दिवस के मौके पर चमोली जिले की जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने मजदूरो को एक खास तोहफा दिया. ज़िलाधिकारी के प्रयासों से आखिरकार पिछले तीन सप्ताह से गौचर के रिलीफ सेंटर में रह-रहे 21 मजदूरों को प्रशासन द्वारा बस से उनके घरों को रवाना किया गया. वहीं, तीन सप्ताह तक राहत शिविर में रहने के बाद जल्द ही घरों में पहुंचने की संभावना को देखते हुए मजदूरों के चेहरों की चमक देखते ही बन रही थी.
दरअसल, कोरोना वायरस के चलते लगे लॉकडाउन के कारण उत्तराखंड राज्य से बाहरी राज्यों के हजारों मजदूर उत्तराखंड के अलग-अलग जिलों में बिना कामधाम के फंसे हुए थे. इसी दौरान पैदल ही भूखे-प्यासे 21 मजदूरों को जब चमोली के गौचर क्षेत्र में पुलिस द्वारा रोका गया तो पता चला की जिस ठेकेदार के साथ मजदूर कार्य करते थे, वह मजदूरों की खाने-पीने की व्यवस्था किए बगैर ही लापता हो गया है और मजदूर भूखे-प्यासे ही पैदल अपने घरों को जा रहे हैं, जिस पर डीएम और एसपी के निर्देश पर पुलिसकर्मियों ने सभी मजदूरों को गौचर में बनाऐ गऐ रिलीफ सेंटर में रखा. जहां पर असहाय मजदूरों के लिए रहने, खाने, उपचार, मनोरंजन सहित अन्य जरूरी व्यवस्था मुहैया कराई गई.
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वहीं, शुक्रवार को जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने विश्व मजदूर दिवस के मौके पर पर सभी 21 मजदूरों को जोकि उत्तर प्रदेश के साथ ही अन्य दूसरे राज्यों के मूल निवासी थे सभी को गौचर से बस नंबर यूए 11-0907 के द्वारा जब हरिद्वार के लिए रवाना किया तो यहां का माहौल अचानक खुशनुमा हो गया. अपने घर जाने की खुशी इन मजदूरों के चेहरे पर साफ़ देखी जा सकती थी.