चंपावत: लॉकडाउन के कारण अलग-अलग जगहों में फंसे चंपावत और पिथौरागढ़ जिले के 200 से अधिक लोगों को हल्द्वानी से सोमवार को यहां लाया गया. पहले से ही परेशान इन लोगों को चंपावत तक के 197 किमी के सफर में रास्ते भर न चाय मिली न पानी. बता दें, बनबसा में स्क्रीनिंग करने के बाद इन लोगों को पहाड़ के लिए रवाना किया गया.
वहीं, बस में सवार युवकों का कहना था कि बस को निशुल्क कर सरकार ने अच्छा काम किया है, लेकिन भोजन का प्रबंध भी किया जाना चाहिए था. उन्होंने कहा की बस में सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन नहीं किया गया और एक बस में 26 से 27 लोगों को बैठाया कर ले जाया गया था. बस चालक हीरा सिंह ने कहा कि इतने लंबे सफर में फंसे लोगों के लिए व्यवस्था की जानी चाहिए थी. बता दें, सभी लोगों को उनके घरों तक पहुंचाने के बाद सभी को उनके गांवों में क्वारंटाइन किया गया.
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बता दें, पाटी ब्लॉक के धूनाघाट के आलोक बोहरा के लिए लॉकडाउन में खास रियायत मिली हैं. दरअसल, राजस्थान में बेकरी फैक्ट्री में काम करने वाले आलोक सब्जी के ट्रक से 30 मार्च को मुरादाबाद तक पहुंचा. मुरादाबाद से वे कुछ अन्य लोगों के साथ पैदल ही पीलीभीत तक आए थे.
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137 किमी पैदल चलने के बाद 31 मार्च को इन्हें यहां पकड़ लिया गया था और चिकित्सकीय जांच के बाद उन्हें क्वारंटाइन कर दिया गया था. आलोक बोहरा बताते हैं कि 3 मई को क्वारंटाइन से छोड़ हल्द्वानी पहुंचा दिया गया था और यहां से रोडवेज बस से उन्हें चंपावत पहुंचाया गया. चंपावत से धूनाघाट पहुंचने पर इस युवक को फिर से क्वारंटाइन कर दिया गया.