देहरादून: केंद्र सरकार लोकसभा चुनाव से पहले असंगठित क्षेत्रों में काम करने वाले कामगारों को तोहफा देने जा रही है. केंद्र सरकार असंगठित क्षेत्रों में काम कर रहे कामगारों के लिए 'प्रधानमंत्री श्रम योगी मान-धन' योजना ला रही है. जिसकी अधिसूचना केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने बीते दिनों जारी कर दी है. इस योजना के शुभारंभ के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसका श्रम मंत्री हरक सिंह रावत ने विधिवत उद्धाटन किया.
बता दें कि केंद्रीय वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने अंतरिम बजट 2019-20 में प्रधानमंत्री श्रम योगी मान-धन' योजना की घोषणा की थी. जिसमें कहा गया था कि 15 हजार रुपए से कम मासिक आय वाले असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों को पेंशन उपलब्ध कराई जाएगी. इस योजना के तहत 60 वर्ष की आयु के बाद न्यूनतम तीन हजार रुपये मासिक पेंशन दी जाएगी. साथ ही अगले 5 साल में 10 करोड़ श्रमिकों को इस योजना से जोड़ने की उम्मीद जताई गई है.
प्रदेश में इस योजना के शुभारंभ के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में बोलते हुए श्रम मंत्री हरक सिंह रावत ने बताया कि 15 फरवरी से यह योजना देशभर में लागू होनी है. इस योजना से प्रदेश के करीब 30 लाख असंगठित मजदूरों को फायदा मिलेगा. साथ ही उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत 15 हजार रुपये से कम कमाने वाले मजदूरों को फायदा मिलेगा. इस योजना के लाभ के लिए मजदूरों से आय प्रमाण पत्र नहीं मांगा जाएगा. आधार कार्ड के आधार पर प्रदेश भर में इस योजना का रजिस्ट्रेशन किया जायेगा.
हरक सिंह रावत ने कहा कि अगर 18 साल की उम्र में कोई मजदूर इस योजना के तहत रजिस्ट्रेशन करवाता है तो उसे हर महीने 55 रुपये देने होंगे. जिस पर सरकार 55 रुपये जमा करेगी. इस योजना में 40 साल की उम्र तक के कामगार रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं. 40 साल या उससे उपर की उम्र का कोई कामगार अगर रजिस्ट्रेशन करता है तो उसे 200 रुपये महीने जमा करने होंगे. जिस पर सरकार भी 200 रुपए जमा करेगी. इस योजना के तहत लाभार्थी को 60 साल के बाद तीन हजार मासिक पेंशन दिया जाएगा. यह योजना गरीब तबकों के लिए सबसे बड़ी और सुरक्षित योजना है.