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सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट 'ड्रीम' ही रह गया, कागजों में बन रहा '13 जिले,13 नए स्थल'

उत्तराखंड राज्य को पर्यटन प्रदेश बनाने की जुगत में जुटी सरकार '13 जिले 13 नए स्थल' थीम को विकसित करने में लगी हुई है. हालांकि मौजूदा समय में इस थीम को तय किए हुए करीब 2 साल हो गए हैं.अभी तक जमीनी स्तर पर कोई भी काम शुरू नहीं हो पाया है.

'13 जिले,13 नए स्थल'
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Published : Apr 28, 2019, 9:04 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड राज्य अपनी भौगोलिक परिस्थितियों की वजह से अपने सीमित संसाधनों में सिमटा हुआ है और जो सीमित संसाधन हैं, उसमें राज्य सरकार अपनी आर्थिक आय को बढ़ाने में जुटी हुई है. हालांकि अगर राज्य के आर्थिक आय की बात करें तो उत्तराखंड राज्य का एक बड़ा आर्थिक हिस्सा पर्यटन पर टिका हुआ है. क्योंकि हर साल लाखों की संख्या में सैलानी उत्तराखंड घूमने आते हैं. जिससे न सिर्फ राज्य सरकार बल्कि स्थानीय निवासियों को अच्छा खासा फायदा होता है. यही वजह है कि राज्य सरकार पर्यटन की ओर ज्यादा ध्यान देती है.

राज्य सरकार का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट '13 जिले, 13 नए स्थल' महज फाइलों तक सिमट कर रह गया है.


उत्तराखंड राज्य को पर्यटन प्रदेश बनाने की जुगत में जुटी सरकार '13 जिले 13 नए स्थल' थीम को विकसित करने में लगी हुई है. हालांकि 13 जिले 13 नया स्थल थीम को मौजूदा प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के शपथ लेने के बाद ही तय हो गई थी. हालांकि मौजूदा समय में इस थीम को तय किए हुए करीब 2 साल हो गए हैं.


अभी तक जमीनी स्तर पर कोई भी काम शुरू नहीं हो पाया है. हालांकि इस थीम पर काम करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में प्रदेश सचिव गृह, सचिव वित्त, सचिव सहकारिता, सचिव पर्यटन और मुख्यमंत्री के अपर सचिव की कमेटी बनाई गई थी और अधिकारिक स्तर पर लगातार इस थीम पर बैठकें की जा रही हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस रिजल्ट सामने निकलकर नहीं आया है.


देवभूमि उत्तराखंड पर्यटन क्षेत्र के मामले में विश्वविख्यात है. यहां ब्रिटिश काल से ही नैनीताल, मसूरी, रानीखेत, चकराता समेत तमाम पर्यटन स्थल बन गए थे. जहां अमूमन सैलानियों का जमावड़ा लगा रहता है और इन्हीं वजह से कई बार पर्यटकों को असुविधाएं भी झेलनी पड़ती है, जिसको देखते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सत्ता संभालने के साथ ही 13 जिले में 13 नए पैटर्न स्थान बनाने की मंशा जताई थी.


साल 2017 में भाजपा की सरकार बनने के करीब 1 साल तक सभी जिलों की भौगोलिक परिस्थिति, वातावरण और मौसम आदि को देखते हुए 13 स्थानों पर थीम आधारित पर्यटन स्थलों का चयन किया गया था. 15 फरवरी 2018 को इन सभी टीमों पर मुख्यमंत्री के साथ चर्चा की.

जिसके बाद इन 13 अलग-अलग थीम पर विकसित किए जाने वाले पर्यटन स्थलों पर सहमति भी बन गई थी और तब से मौजूदा समय तक सिर्फ अधिकारी स्तर पर बैठक ही हो रही है, लेकिन कोई खास निर्णय निकल कर सामने अभी तक नहीं आया है.

  • देहरादून जिले के चकराता को महाभारत सर्किट- हेरिटेज टूरिज्म के रूप में विकसित करना.
  • पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी/ चौकोड़ी को लेजर टूरिज्म के रूप में विकसित करना.
  • बागेश्वर जिले के कौसानी को टी-टूरिज्म के रूप में विकसित करना.
  • अल्मोड़ा जिले के कसार देवी/काटरमल को मेडिटेशन के रूप में विकसित करना.
  • नैनीताल जिले के मुक्तेश्वर को लेजर टूरिज्म के रूप में विकसित करना.
  • चंपावत जिले के लोहाघाट को हिल स्टेशन के रूप में विकसित करना.
  • उधम सिंह नगर जिले के पराग फॉर्म को एम्यूज़मेंट पार्क के रूप में विकसित करना.
  • रुद्रप्रयाग जिले के चोपता को टैटेड, इको टूरिज्म के रूप में विकसित करना.
  • टिहरी जिले के टिहरी झील को वाटर स्पोर्ट्स के रूप में विकसित करना.
  • पौड़ी जिले के खिरसू ( कॉर्बेट नार्थ एंट्री) को हिल स्टेशन, वाइल्डलाइफ के रूप में विकसित करना.
  • उत्तरकाशी जिले के चिन्यालीसौड़ को मल्टीपरपज के रूप में विकसित करना.
  • चमोली जिले के गैरसैंण/औली-गौरसो को विंटर स्पोर्ट्स, नॉलेज टाउन के रूप में विकसित करना.
  • हरिद्वार जिले के पिरान कलियर/शक्तिपीठ को धार्मिक पर्यटन के रूप में विकसित करना.

वित्त सचिव अमित नेगी ने बताया कि 13 जिले 13 नए स्थल थीम पर कई विभाग मिलकर काम कर रहे हैं और इस थीम पर मुख्यमंत्री स्तर पर कई बार बैठकें भी हो चुकी हैं. लिहाजा इस पर काम बहुत तीव्र गति से चल रहा है और इसके लिए बजट में भी व्यवस्था की गई है.

13 जिले 13 नए स्थल थीम, एक बृहद प्लान है इसके लिए पर्यटन स्थलों को सुंदर किया जाएगा और पर्यटकों के लिए बेसिक अवस्थापना सुविधाओं जैसे पार्किंग, बिजली, फुटपाथ, बैठने का अच्छा स्थान, पार्क आदि को विकसित किए जाने की तैयारी की जा रही है.

साथ ही बताया कि यह एक वृहद सोच है जिसमें पर्यटन विभाग अन्य विभागों के साथ मिलकर काम कर रहा है और इसके लिए मास्टर प्लान तैयार कर रहा है. इसके लिए अलग-अलग विभागों के लिए अलग अलग बजट का प्रावधान किया गया है.


वहीं 13 जिले 13 नए थीम पर भाजपा प्रदेश महामंत्री नरेश बंसल ने बताया कि उत्तराखंड में सर्वाधिक स्कोप पर्यटन से है और पर्यटन से ही पलायन रुकेगा, पर्यटन को बढ़ावा देने से रोजगार मिलेगा.

यह भी पढ़ेंः चार धाम यात्रा रूट में कोई परिवर्तन नहीं, गढ़वाल आयुक्त ने सोशल मीडिया की खबरों को बताया भ्रामक

इसके साथ ही राज्य की आर्थिकी में भी परिवर्तन आएगा. साथी बताया कि किसी भी चीज को धरातल पर आने में समय लगता है और इस थीम का ब्लू प्रिंट तैयार किया जा रहा है.

राज्य सरकार का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट '13 जिले, 13 नए स्थल' महज फाइलों तक सिमट कर रह गया है.

देहरादून: उत्तराखंड राज्य अपनी भौगोलिक परिस्थितियों की वजह से अपने सीमित संसाधनों में सिमटा हुआ है और जो सीमित संसाधन हैं, उसमें राज्य सरकार अपनी आर्थिक आय को बढ़ाने में जुटी हुई है. हालांकि अगर राज्य के आर्थिक आय की बात करें तो उत्तराखंड राज्य का एक बड़ा आर्थिक हिस्सा पर्यटन पर टिका हुआ है. क्योंकि हर साल लाखों की संख्या में सैलानी उत्तराखंड घूमने आते हैं. जिससे न सिर्फ राज्य सरकार बल्कि स्थानीय निवासियों को अच्छा खासा फायदा होता है. यही वजह है कि राज्य सरकार पर्यटन की ओर ज्यादा ध्यान देती है.

राज्य सरकार का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट '13 जिले, 13 नए स्थल' महज फाइलों तक सिमट कर रह गया है.


उत्तराखंड राज्य को पर्यटन प्रदेश बनाने की जुगत में जुटी सरकार '13 जिले 13 नए स्थल' थीम को विकसित करने में लगी हुई है. हालांकि 13 जिले 13 नया स्थल थीम को मौजूदा प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के शपथ लेने के बाद ही तय हो गई थी. हालांकि मौजूदा समय में इस थीम को तय किए हुए करीब 2 साल हो गए हैं.


अभी तक जमीनी स्तर पर कोई भी काम शुरू नहीं हो पाया है. हालांकि इस थीम पर काम करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में प्रदेश सचिव गृह, सचिव वित्त, सचिव सहकारिता, सचिव पर्यटन और मुख्यमंत्री के अपर सचिव की कमेटी बनाई गई थी और अधिकारिक स्तर पर लगातार इस थीम पर बैठकें की जा रही हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस रिजल्ट सामने निकलकर नहीं आया है.


देवभूमि उत्तराखंड पर्यटन क्षेत्र के मामले में विश्वविख्यात है. यहां ब्रिटिश काल से ही नैनीताल, मसूरी, रानीखेत, चकराता समेत तमाम पर्यटन स्थल बन गए थे. जहां अमूमन सैलानियों का जमावड़ा लगा रहता है और इन्हीं वजह से कई बार पर्यटकों को असुविधाएं भी झेलनी पड़ती है, जिसको देखते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सत्ता संभालने के साथ ही 13 जिले में 13 नए पैटर्न स्थान बनाने की मंशा जताई थी.


साल 2017 में भाजपा की सरकार बनने के करीब 1 साल तक सभी जिलों की भौगोलिक परिस्थिति, वातावरण और मौसम आदि को देखते हुए 13 स्थानों पर थीम आधारित पर्यटन स्थलों का चयन किया गया था. 15 फरवरी 2018 को इन सभी टीमों पर मुख्यमंत्री के साथ चर्चा की.

जिसके बाद इन 13 अलग-अलग थीम पर विकसित किए जाने वाले पर्यटन स्थलों पर सहमति भी बन गई थी और तब से मौजूदा समय तक सिर्फ अधिकारी स्तर पर बैठक ही हो रही है, लेकिन कोई खास निर्णय निकल कर सामने अभी तक नहीं आया है.

  • देहरादून जिले के चकराता को महाभारत सर्किट- हेरिटेज टूरिज्म के रूप में विकसित करना.
  • पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी/ चौकोड़ी को लेजर टूरिज्म के रूप में विकसित करना.
  • बागेश्वर जिले के कौसानी को टी-टूरिज्म के रूप में विकसित करना.
  • अल्मोड़ा जिले के कसार देवी/काटरमल को मेडिटेशन के रूप में विकसित करना.
  • नैनीताल जिले के मुक्तेश्वर को लेजर टूरिज्म के रूप में विकसित करना.
  • चंपावत जिले के लोहाघाट को हिल स्टेशन के रूप में विकसित करना.
  • उधम सिंह नगर जिले के पराग फॉर्म को एम्यूज़मेंट पार्क के रूप में विकसित करना.
  • रुद्रप्रयाग जिले के चोपता को टैटेड, इको टूरिज्म के रूप में विकसित करना.
  • टिहरी जिले के टिहरी झील को वाटर स्पोर्ट्स के रूप में विकसित करना.
  • पौड़ी जिले के खिरसू ( कॉर्बेट नार्थ एंट्री) को हिल स्टेशन, वाइल्डलाइफ के रूप में विकसित करना.
  • उत्तरकाशी जिले के चिन्यालीसौड़ को मल्टीपरपज के रूप में विकसित करना.
  • चमोली जिले के गैरसैंण/औली-गौरसो को विंटर स्पोर्ट्स, नॉलेज टाउन के रूप में विकसित करना.
  • हरिद्वार जिले के पिरान कलियर/शक्तिपीठ को धार्मिक पर्यटन के रूप में विकसित करना.

वित्त सचिव अमित नेगी ने बताया कि 13 जिले 13 नए स्थल थीम पर कई विभाग मिलकर काम कर रहे हैं और इस थीम पर मुख्यमंत्री स्तर पर कई बार बैठकें भी हो चुकी हैं. लिहाजा इस पर काम बहुत तीव्र गति से चल रहा है और इसके लिए बजट में भी व्यवस्था की गई है.

13 जिले 13 नए स्थल थीम, एक बृहद प्लान है इसके लिए पर्यटन स्थलों को सुंदर किया जाएगा और पर्यटकों के लिए बेसिक अवस्थापना सुविधाओं जैसे पार्किंग, बिजली, फुटपाथ, बैठने का अच्छा स्थान, पार्क आदि को विकसित किए जाने की तैयारी की जा रही है.

साथ ही बताया कि यह एक वृहद सोच है जिसमें पर्यटन विभाग अन्य विभागों के साथ मिलकर काम कर रहा है और इसके लिए मास्टर प्लान तैयार कर रहा है. इसके लिए अलग-अलग विभागों के लिए अलग अलग बजट का प्रावधान किया गया है.


वहीं 13 जिले 13 नए थीम पर भाजपा प्रदेश महामंत्री नरेश बंसल ने बताया कि उत्तराखंड में सर्वाधिक स्कोप पर्यटन से है और पर्यटन से ही पलायन रुकेगा, पर्यटन को बढ़ावा देने से रोजगार मिलेगा.

यह भी पढ़ेंः चार धाम यात्रा रूट में कोई परिवर्तन नहीं, गढ़वाल आयुक्त ने सोशल मीडिया की खबरों को बताया भ्रामक

इसके साथ ही राज्य की आर्थिकी में भी परिवर्तन आएगा. साथी बताया कि किसी भी चीज को धरातल पर आने में समय लगता है और इस थीम का ब्लू प्रिंट तैयार किया जा रहा है.

राज्य सरकार का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट '13 जिले, 13 नए स्थल' महज फाइलों तक सिमट कर रह गया है.

Intro:उत्तराखंड राज्य अपनी भौगोलिक परिस्थितियों की वजह से अपने सीमित संसाधनों में सिमटा हुआ है। और जो सीमित संसाधन है उसमें राज्य सरकार अपनी आर्थिकी को बढ़ाने में जुटा हुआ है। हालांकि अगर राज्य के आर्थिकी की बात करें उत्तराखंड राज्य का एक बड़ा आर्थिक हिस्सा पर्यटन पर टिका हुआ है। क्योकि हर साल लाखों की संख्या में सैलानी उत्तराखंड घूमने आते हैं। जिससे ना सिर्फ राज्य सरकार बल्कि स्थानीय निवासियों को अच्छा खासा फायदा होता है। और यही वजह है कि राज्य सरकार पर्यटन की ओर ज्यादा ध्यान देती है।


Body:उत्तराखंड राज्य को पर्यटन प्रदेश बनाने की जुगत में जुटी सरकार "13 जिले 13 नया स्थल" थीम को विकसित करने में लगा हुआ है। हालांकि 13 जिले 13 नया स्थल थीम को मौजूदा प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शपथ लेने के बाद ही तय हो गई थी। हालांकि मौजूदा समय में इस थीम को तय किए हुए करीब 2 साल हो गए हैं। लेकिन अभी तक जमीनी स्तर पर कोई भी काम शुरू नहीं हो पाया है। हालांकि इस थीम पर काम करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में प्रदेश सचिव गृह, सचिव वित्त, सचिव सहकारिता, सचिव पर्यटन और मुख्यमंत्री के अपर सचिव की कमेटी बनाई गई थी। और अधिकारिक स्तर पर लगातार इस थीम पर बैठके की जा रही हैं लेकिन अभी तक कोई ठोस रिजल्ट, सामने निकलकर नहीं आ पाया है।


नए पर्यटन स्थल विकसित करने की वजह.....

देवभूमि उत्तराखंड पर्यटन क्षेत्र के मामले में विश्व विख्यात है यहां ब्रिटिश काल से ही नैनीताल, मसूरी, रानीखेत, चकराता समेत तमाम पर्यटन स्थल बन गए थे। जहां अमूमन सैलानियों का जमावड़ा लगा रहता है। और इन्हीं वजह से कई बार पर्यटकों को असुविधाएं भी झेलनी पड़ती है, जिसको देखते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सत्ता संभालने के साथ ही 13 जिले में 13 नए पैटर्न स्थान बनाने की मंशा जताई थी। इसके साथ ही उत्तराखंड के सीमित आर्थिक संसाधनो को देखते हुए भी इस नए थीम से यहां के स्थानीय निवासियों को रोजगार और राज्य सरकार की आर्थिकी बढ़ाई जा सकती है।


........13 जिले 13 नए स्थल का थीम......

साल 2017 में भाजपा की सरकार बनने के करीब 1 साल तक सभी जिलों की भौगोलिक परिस्थिति, वातावरण और मौसम आदि को देखते हुए 13 स्थानों पर थीम आधारित पर्यटन स्थलों का चयन किया गया था। 15 फरवरी 2018 को इन सभी टीमों पर मुख्यमंत्री के साथ चर्चा किया, जिसके बाद इन 13 अलग-अलग थीम पर विकसित किए जाने वाले पर्यटन स्थलों पर सहमति भी बन गई थी। और तब से मौजूदा समय तक सिर्फ अधिकारी का स्तर पर बैठकर ही हो रही है लेकिन कोई खास निर्णय निकल कर सामने अभी तक नहीं आया है।

1 - देहरादून जिले के चकराता को महाभारत सर्किट- हेरिटेज टूरिज्म के रूप में विकसित करना।

2 - पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी/ चौकोड़ी को लेजर टूरिज्म के रूप में विकसित करना।

3 - बागेश्वर जिले के कौसानी को टी-टूरिज्म के रूप में विकसित करना।

4 - अल्मोड़ा जिले के कसार देवी/ काटरमल को मेडिटेशन के रूप में विकसित करना।

5 - नैनीताल जिले के मुक्तेश्वर को लेजर टूरिज्म के रूप में विकसित करना।

6 - चंपावत जिले के लोहाघाट को हिल स्टेशन के रूप में विकसित करना।

7 - उधमसिंह नगर जिले के पराग फॉर्म को एम्यूज़मेंट पार्क के रूप में विकसित करना।

8 - रुद्रप्रयाग जिले के चैपता को टैटेड, इको टूरिज्म के रूप में विकसित करना।

9 - टिहरी जिले के टिहरी झील को वाटर स्पोर्ट्स के रूप में विकसित करना।

10 - पौड़ी जिले के खिरसू ( कॉर्बेट नार्थ एंट्री) को हिल स्टेशन, वाइल्डलाइफ के रूप में विकसित करना।

11 - उत्तरकाशी जिले के चिन्यालीसौड़ को मल्टीपरपज के रूप में विकसित करना।

12 - चमोली जिले के गैरसैंण/ औली-गौरसो को विंटर स्पोर्ट्स, नॉलेज टाउन के रूप में विकसित करना।

13 - हरिद्वार जिले के पिरान कलियर/ शक्तिपीठ को धार्मिक पर्यटन के रूप में विकसित करना।


वित्त सचिव अमित नेगी ने बताया कि 13 जिले 13 नए स्थल थीम पर कई विभाग मिलकर काम कर रहे हैं और इस थीम पर मुख्यमंत्री स्तर पर कई बार बैठके भी हो चुकी हैं। लिहाजा इस पर काम बहुत तीव्र गति से चल रहा है और इसके लिए बजट में भी व्यवस्था की गई है। 13 जिले 13 नए स्थल थीम, एक बृहद प्लान है इसके लिए पर्यटन स्थलों को सुंदर किया जाएगा और पर्यटकों के लिए बेसिक अवस्थापना सुविधाओं जैसे पार्किंग, बिजली, फुटपाथ, बैठने का अच्छा स्थान, पार्क आदि को विकसित किए जाने की तैयारी की जा रही है। साथ ही बताया कि यह एक वृहद सोच है जिसमें पर्यटन विभाग अन्य विभागों के साथ मिलकर काम कर रहा है और इसके लिए मास्टर प्लान तैयार कर रहा है। इसके लिए अलग-अलग विभागों के लिए अलग अलग बजट का प्रावधान किया गया है।

बाइट - अमित नेगी ( वित्त सचिव)

वहीं 13 जिले 13 नए थीम पर भाजपा प्रदेश महामंत्री नरेश बंसल ने बताया कि उत्तराखंड में सर्वाधिक स्कोप पर्यटन से है और पर्यटन से ही पलायन रुकेगा और पर्यटन को बढ़ावा देने से रोजगार मिलेगा। इसके साथ ही राज्य की आर्थिकी में भी परिवर्तन आएगा। साथी बताया कि किसी भी चीज को धरातल पर आने में समय लगता है और इस थीम का ब्लू प्रिंट तैयार किया जा रहा है।

बाइट - नरेश बंसल (प्रदेश महामंत्री)

पीटीसी - रोहित सोनी



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