ETV Bharat / state

सुरेश चंद जैन की बीजेपी में घर वापसी के बाद 'घर' में ही उठने लगे सवाल, छात्रवृति घोटाले से भी जुड़ रहे नाम

जीरो टॉलरेंस की नीति पर चल रही त्रिवेन्द्र सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ कई कड़े फैसले लिए हैं. इन्हीं फैसलों में एक फैसला छात्रवृति घोटाले को लेकर भी लिया गया था. सरकार ने मामले में एसआईटी जांच गठित करने के आदेश दिए थे, मामले में कई लोगों को गिरफ्तार कर पूछताछ भी की गई थी. जो नाम सबसे ज्यादा सुर्खियों में आया था वो था सुरेश चंद जैन का था.

सुरेश चंद जैन की घर वापसी से बीजेपी में 'हंगामा'
author img

By

Published : Mar 24, 2019, 7:48 PM IST

Updated : Mar 24, 2019, 9:00 PM IST

देहरादून: लोकसभा चुनावों से ठीक पहले बीजेपी अपने कुनबे को मजबूत करने में जुट गई है. इसी कड़ी में पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी का विरोध करने वाले 3 नेताओं की घर वापसी हुई है. भले ही इन नेताओं की वापसी से बीजेपी मजबूत हुई हो, लेकिन अंदरखाने इनके विरोध के सुर भी उठने लगे हैं. पार्टी में जिन 3 नेताओं की वापसी हुई है उनमें सबसे बड़ा नाम सुरेश चंद जैन का है. उनके नाम को लेकर विरोध तेज है. आइये आपको बताते हैं कि पार्टी में सुरेश चंद जैन के विरोध का क्या है कारण?

सुरेश चंद जैन की घर वापसी से बीजेपी में 'हंगामा'


जीरो टॉलरेंस की नीति पर चल रही त्रिवेन्द्र सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ कई कड़े फैसले लिए हैं. इन्हीं फैसलों में एक फैसला छात्रवृति घोटाले को लेकर भी लिया गया था. सरकार ने मामले में एसआईटी जांच गठित करने के आदेश दिए थे, मामले में कई लोगों को गिरफ्तार कर पूछताछ भी की गई थी. जो नाम सबसे ज्यादा सुर्खियों में आया था वो था सुरेश चंद जैन का था. दरअसल छात्रवृति घोटाले में फंसे कुछ लोग सुरेश चंद जैन के करीबी बताये जाते हैं. जिसके कारण अब सुरेश चंद जैन की घर वापसी से सरकार पर कई तरह के सवाल खड़े होने शुरू हो गये हैं.


सुरेश चंद जैन की वापसी को लेकर सियासी गलियों में माहौल गर्म है. कयास लगाये जा रहे हैं कि बीजेपी में सुरेश चंद जैन की वापसी किसी दबाव में की गई है. हालांकि सुरेश जैन ने छात्रवृति घोटाले पर कुछ भी बोलने से किनारा करते हुए कहा कि उनकी रगों में खून नहीं बल्कि संघ की विचारधारा बहती है. जिससे उन्होंने संकेत दिया कि उनकी जड़ें कहां तक फैली हैं.


वहीं दूसरी तरफ पिछले विधानसभा चुनाव में हुए सियासी उठापटक के बाद संगठन के साथ सुरेश जैन की तल्खियों की चिंगारी आज भी कांग्रेस से बीजेपी में आये लोगों को लेकर कहीं ना कहीं बाकी हैं. ऐसे में सुरेश जैन का बीजेपी में आगे का सफर कितना आसान होगा ये कह पाना मुश्किल है.

देहरादून: लोकसभा चुनावों से ठीक पहले बीजेपी अपने कुनबे को मजबूत करने में जुट गई है. इसी कड़ी में पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी का विरोध करने वाले 3 नेताओं की घर वापसी हुई है. भले ही इन नेताओं की वापसी से बीजेपी मजबूत हुई हो, लेकिन अंदरखाने इनके विरोध के सुर भी उठने लगे हैं. पार्टी में जिन 3 नेताओं की वापसी हुई है उनमें सबसे बड़ा नाम सुरेश चंद जैन का है. उनके नाम को लेकर विरोध तेज है. आइये आपको बताते हैं कि पार्टी में सुरेश चंद जैन के विरोध का क्या है कारण?

सुरेश चंद जैन की घर वापसी से बीजेपी में 'हंगामा'


जीरो टॉलरेंस की नीति पर चल रही त्रिवेन्द्र सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ कई कड़े फैसले लिए हैं. इन्हीं फैसलों में एक फैसला छात्रवृति घोटाले को लेकर भी लिया गया था. सरकार ने मामले में एसआईटी जांच गठित करने के आदेश दिए थे, मामले में कई लोगों को गिरफ्तार कर पूछताछ भी की गई थी. जो नाम सबसे ज्यादा सुर्खियों में आया था वो था सुरेश चंद जैन का था. दरअसल छात्रवृति घोटाले में फंसे कुछ लोग सुरेश चंद जैन के करीबी बताये जाते हैं. जिसके कारण अब सुरेश चंद जैन की घर वापसी से सरकार पर कई तरह के सवाल खड़े होने शुरू हो गये हैं.


सुरेश चंद जैन की वापसी को लेकर सियासी गलियों में माहौल गर्म है. कयास लगाये जा रहे हैं कि बीजेपी में सुरेश चंद जैन की वापसी किसी दबाव में की गई है. हालांकि सुरेश जैन ने छात्रवृति घोटाले पर कुछ भी बोलने से किनारा करते हुए कहा कि उनकी रगों में खून नहीं बल्कि संघ की विचारधारा बहती है. जिससे उन्होंने संकेत दिया कि उनकी जड़ें कहां तक फैली हैं.


वहीं दूसरी तरफ पिछले विधानसभा चुनाव में हुए सियासी उठापटक के बाद संगठन के साथ सुरेश जैन की तल्खियों की चिंगारी आज भी कांग्रेस से बीजेपी में आये लोगों को लेकर कहीं ना कहीं बाकी हैं. ऐसे में सुरेश जैन का बीजेपी में आगे का सफर कितना आसान होगा ये कह पाना मुश्किल है.

Intro:तो क्या दबाव में हुई सुरेश जैन की घर वापीसी

एंकर- बीजेपी ने लोकसभा चुनावों से ठीक पहले अपने कुनबे को मजबूत करने के लिए पिछले विधानसभा चुनाव में रूठे हुए 3 नेताओं की घर वापीसी की लेकिन इस घर वापीसी से अंदरखाने विरोध की बाते आने लगी है। विरोध में सबसे ज्यादा छात्रवृति घोटाले में फंसे लोगो के करीबी बीजेपी के पूर्व विधायक सुरेश चंद जैन की घर वापीसी को लेकर सवाल उठ रहा है। क्या है पूरा मामला आपको बताते हैं।


Body:जीरो टॉलरेंस की नीति पर चल रही त्रिवेन्द्र सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ कई कड़े फैसले लिए हैं। और इन्ही फैसलों में एक फैसला छात्रवृति घोटाले को लेकर भी लिया गया जिसमें एसआईटी जांच गठित कर सरकार ने हाल ही के दिनों में कई लोगों को गिरफ्तार कर पूछ ताछ की और अब ये पूरा मामला इस घर वापीसी से जोड़ कर देखा जा रहा है।
आपको बता दें कि छात्रवृति घोटाले में जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया था उनमे शनिवार को बीजेपी में घर वापीसी करने वाले सुरेश चंद जैन के करीबी भी मौजूद है। यही वजह है कि इस घर वापीसी पर सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या ये घर वापीसी दबाव में तो नही हुई है। हालांकि सुरेश जैन ने छात्रवृति घोटाले से ये बोल कर किनारा कर दिया कि ये परिवार का मामला है इसमें उनका कोई दखल नही है और अपने आस पास के लोगों को ये कह कर कि उनकी रगों में खून नही बल्कि संघ की विचारधारा बहती है गहरा संकेत दिया है कि उनकी जड़े कहा तक फैली है।
बाइट- सुरेश चंद जैन, पूर्व बीजेपी विधायक

वीओ 2- वही दूसरी तरफ पिछले विधानसभा चुनाव में हुए सियासी उठापटक के बाद संगठन के साथ सुरेश जैन की जन्मी तल्खियों की चिंगारी आज भी कांग्रेस से बीजेपी में आये लोगों को लेकर कहीं ना कहीं बाकी है। तो ऐसे में सुरेश जैन का बीजेपी में आगे का सफर कितना सुहाना रह पाएगा ये कह पाना मुश्किल है। हालांकि संघठन इसे रणनीति का एक हिस्सा बात रहा है और किसी भी तरह के दबाव से इनकार कर रहा है।
बाइट- देवेंद्र भसीन, बीजेपी प्रवक्ता






Conclusion:
Last Updated : Mar 24, 2019, 9:00 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.