देहरादून: समाज कल्याण विभाग की मिलीभगत से राज्य में करोड़ों के छात्रवृत्ति घोटाले की जांच अब पूरे प्रदेश स्तर पर होने जा रही हैं. देहरादून और हरिद्वार जिले के शिक्षण संस्थानों के बाद अब राज्य के अन्य 11 जिलों में भी एसआईटी टीम जांच करेगी. हाईकोर्ट के आदेश के बाद एसआईटी की दूसरी टीम को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है.
पुलिस के मुताबिक राज्य में अनुसूचित जाति- जनजाति और गरीब तबके के छात्र छात्राओं का निजी कॉलेजों में फर्जी एडमिशन दिखाकर, पूर्व में रही सरकार के कार्यकाल ने करोड़ों के छात्रवृत्ति घोटाला किया था. हालांकि एसआईटी टीम द्वारा अब तक समाज कल्याण विभाग में एक अधिकारी और हरिद्वार जिले के 10 शिक्षण संस्थानों के संचालकों को इस घोटाले में आरोपी बनाकर जेल भेज भेजा जा चुका है.
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राज्य के 11 जिलों में इस घोटाले की जांच के लिए दूसरी एसआईटी टीम का नेतृत्व डीआईजी रिद्धिम अग्रवाल को दिया गया है. साथ ही एसआईटी टीम में तीन एडिशनल एसपी, महिला अधिकारी को भी सम्मिलित किया गया है. जिसमें देहरादून एसपी सिटी श्वेता चौबे, पुलिस मुख्यालय में तैनात एडिशनल एसपी ममता वोहरा, हरिद्वार में तैनात एडिशनल एसपी कमलेश उपाध्याय और देहरादून में तैनात सर्कल ऑफिसर लोकजीत सिंह को शामिल किया गया है. हालांकि पूरी एसआईटी टीम की मॉनिटरिंग पुलिस मुख्यालय में कार्यरत आईजी संजय गुंज्याल करेंगे.
वहीं, डीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार के अनुसार जल्द ही राज्य के 11 जिलों में यह एसआईटी टीम जनपदों के एसएसपी से समन्वय बनाकर जांच शुरू कर देगी. साथ ही जरूरत के मुताबिक क्षेत्रीय सब इंस्पेक्टर को एसआईटी टीम में जांच में सहयोग के लिए शामिल किया जाएगा. अशोक कुमार ने कहा कि छात्रवृत्ति घोटाला मुख्य रूप से हरिद्वार और देहरादून जिले के निजी शिक्षण संस्थानों में पाया गया है. जहां से आरोपियों की धरपकड़ कर जेल भेजा जा चुका हैं, बाकी अन्य 11 जिलों में अब दूसरी एसआईटी टीम जांच कर रही है.