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छात्रवृत्ति घोटाला: कोर्ट के आदेश के बाद प्रदेश के 11 जिलों में एसआईटी करेगी जांच, सौंपी जिम्मेदारी - उत्तराखंड पुलिस

करोड़ों के छात्रवृत्ति घोटाले की एसआईटी जांच देहरादून हरिद्वार के बाद अब राज्य के अन्य 11 जिलों में भी होगी. हाइकोर्ट के आदेश के बाद शासन द्वारा गठित की गई दूसरी एसआईटी टीम इस मामले की जांच करेगी.

छात्रवृत्ति घोटाला की जांच.
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Published : Jul 7, 2019, 9:24 AM IST

देहरादून: समाज कल्याण विभाग की मिलीभगत से राज्य में करोड़ों के छात्रवृत्ति घोटाले की जांच अब पूरे प्रदेश स्तर पर होने जा रही हैं. देहरादून और हरिद्वार जिले के शिक्षण संस्थानों के बाद अब राज्य के अन्य 11 जिलों में भी एसआईटी टीम जांच करेगी. हाईकोर्ट के आदेश के बाद एसआईटी की दूसरी टीम को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है.

डीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार.

पुलिस के मुताबिक राज्य में अनुसूचित जाति- जनजाति और गरीब तबके के छात्र छात्राओं का निजी कॉलेजों में फर्जी एडमिशन दिखाकर, पूर्व में रही सरकार के कार्यकाल ने करोड़ों के छात्रवृत्ति घोटाला किया था. हालांकि एसआईटी टीम द्वारा अब तक समाज कल्याण विभाग में एक अधिकारी और हरिद्वार जिले के 10 शिक्षण संस्थानों के संचालकों को इस घोटाले में आरोपी बनाकर जेल भेज भेजा जा चुका है.

पढ़ें: गंगा से बरामद हुआ शव, गुजरात के डूबे युवक का होने की आशंका

राज्य के 11 जिलों में इस घोटाले की जांच के लिए दूसरी एसआईटी टीम का नेतृत्व डीआईजी रिद्धिम अग्रवाल को दिया गया है. साथ ही एसआईटी टीम में तीन एडिशनल एसपी, महिला अधिकारी को भी सम्मिलित किया गया है. जिसमें देहरादून एसपी सिटी श्वेता चौबे, पुलिस मुख्यालय में तैनात एडिशनल एसपी ममता वोहरा, हरिद्वार में तैनात एडिशनल एसपी कमलेश उपाध्याय और देहरादून में तैनात सर्कल ऑफिसर लोकजीत सिंह को शामिल किया गया है. हालांकि पूरी एसआईटी टीम की मॉनिटरिंग पुलिस मुख्यालय में कार्यरत आईजी संजय गुंज्याल करेंगे.

वहीं, डीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार के अनुसार जल्द ही राज्य के 11 जिलों में यह एसआईटी टीम जनपदों के एसएसपी से समन्वय बनाकर जांच शुरू कर देगी. साथ ही जरूरत के मुताबिक क्षेत्रीय सब इंस्पेक्टर को एसआईटी टीम में जांच में सहयोग के लिए शामिल किया जाएगा. अशोक कुमार ने कहा कि छात्रवृत्ति घोटाला मुख्य रूप से हरिद्वार और देहरादून जिले के निजी शिक्षण संस्थानों में पाया गया है. जहां से आरोपियों की धरपकड़ कर जेल भेजा जा चुका हैं, बाकी अन्य 11 जिलों में अब दूसरी एसआईटी टीम जांच कर रही है.

देहरादून: समाज कल्याण विभाग की मिलीभगत से राज्य में करोड़ों के छात्रवृत्ति घोटाले की जांच अब पूरे प्रदेश स्तर पर होने जा रही हैं. देहरादून और हरिद्वार जिले के शिक्षण संस्थानों के बाद अब राज्य के अन्य 11 जिलों में भी एसआईटी टीम जांच करेगी. हाईकोर्ट के आदेश के बाद एसआईटी की दूसरी टीम को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है.

डीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार.

पुलिस के मुताबिक राज्य में अनुसूचित जाति- जनजाति और गरीब तबके के छात्र छात्राओं का निजी कॉलेजों में फर्जी एडमिशन दिखाकर, पूर्व में रही सरकार के कार्यकाल ने करोड़ों के छात्रवृत्ति घोटाला किया था. हालांकि एसआईटी टीम द्वारा अब तक समाज कल्याण विभाग में एक अधिकारी और हरिद्वार जिले के 10 शिक्षण संस्थानों के संचालकों को इस घोटाले में आरोपी बनाकर जेल भेज भेजा जा चुका है.

पढ़ें: गंगा से बरामद हुआ शव, गुजरात के डूबे युवक का होने की आशंका

राज्य के 11 जिलों में इस घोटाले की जांच के लिए दूसरी एसआईटी टीम का नेतृत्व डीआईजी रिद्धिम अग्रवाल को दिया गया है. साथ ही एसआईटी टीम में तीन एडिशनल एसपी, महिला अधिकारी को भी सम्मिलित किया गया है. जिसमें देहरादून एसपी सिटी श्वेता चौबे, पुलिस मुख्यालय में तैनात एडिशनल एसपी ममता वोहरा, हरिद्वार में तैनात एडिशनल एसपी कमलेश उपाध्याय और देहरादून में तैनात सर्कल ऑफिसर लोकजीत सिंह को शामिल किया गया है. हालांकि पूरी एसआईटी टीम की मॉनिटरिंग पुलिस मुख्यालय में कार्यरत आईजी संजय गुंज्याल करेंगे.

वहीं, डीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार के अनुसार जल्द ही राज्य के 11 जिलों में यह एसआईटी टीम जनपदों के एसएसपी से समन्वय बनाकर जांच शुरू कर देगी. साथ ही जरूरत के मुताबिक क्षेत्रीय सब इंस्पेक्टर को एसआईटी टीम में जांच में सहयोग के लिए शामिल किया जाएगा. अशोक कुमार ने कहा कि छात्रवृत्ति घोटाला मुख्य रूप से हरिद्वार और देहरादून जिले के निजी शिक्षण संस्थानों में पाया गया है. जहां से आरोपियों की धरपकड़ कर जेल भेजा जा चुका हैं, बाकी अन्य 11 जिलों में अब दूसरी एसआईटी टीम जांच कर रही है.

Intro:summary_ करोड़ों के छात्रवृत्ति घोटाले की SIT जांच देहरादून हरिद्वार के बाद अब राज्य के अन्य 11 जिलों में भी होगी जल्द शुरू, शासन द्वारा पूर्व में गठित की गई दूसरी एसआईटी टीम करेगी 11 जिलों में जांच, हाईकोर्ट के आदेश के बाद घोटाले जांच का हुआ विस्तार।

समाज कल्याण विभाग की मिलीभगत द्वारा राज्य में करोड़ों के छात्रवृत्ति घोटाले की जांच अब पूरे प्रदेश स्तर पर होने जा रही हैं...देहरादून और हरिद्वार जिले के शिक्षण संस्थानों के बाद अब यह जांच राज्य के अन्य 11 जिलों में एसआईटी टीम करने जा रही है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद इन 11 जिलों में एसआईटी की दूसरी टीम को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है।

इससे पहले जहां इस घोटालें की विवेचना हाईकोर्ट द्वारा गठित आईपीएस मंजूनाथ टीसी के नेतृत्व वाली एक एसआईटी टीम देहरादून और हरिद्वार के शिक्षण संस्थानों में कर रही हैं, तो वही अब कोर्ट के दूसरे आदेश के उपरांत राज्य के अन्य 11 जिलों से जुड़े निजी शिक्षण संस्थानों की जांच पूर्व में शासन द्वारा गठित की गई दूसरी एसआईटी टीम करने जा रही है।



Body:देहरादून हरिद्वार के अलावा राज्य के अन्य 11 जिलों में स्थित निजी शिक्षण संस्थानों को लेकर इस घोटाले की जांच करने वाली दूसरी एसआईटी टीम का नेतृत्व डीआईजी रिद्धिम अग्रवाल को दिया है, जबकि इस एसआईटी टीम में मुख्यतः तीन एडिशनल एसपी महिला अधिकारी को सम्मिलित किया गया है। जिसमें देहरादून एसपी सिटी श्वेता चौबे, पुलिस मुख्यालय में तैनात एडिशनल एसपी ममता वोहरा, हरिद्वार में तैनात एडिशनल एसपी कमलेश उपाध्याय और देहरादून में तैनात सर्कल ऑफिसर लोकजीत सिंह को शामिल किया ।हालांकि पूरी एसआईटी टीम की मॉनिटरिंग पुलिस मुख्यालय में कार्यरत आईजी संजय गुंज्याल करेंगे।

घोटाले की सबसे बड़ी बंदरबांट हरिद्वार और देहरादून के शिक्षण संस्थानों में

एसआईटी जांच मामलें पर पुलिस मुख्याली आला अधिकारियों के मुताबिक राज्य में अनुसूचित जाति- जनजाति व गरीब तबके के छात्र छात्राओं का निजी कॉलेजों में फर्जी एडमिशन दिखाकर पूर्व में रही सरकार के कार्यकाल ने करोड़ों के छात्रवृत्ति घोटाला मुख्यतः हरिद्वार और देहरादून के निजी शिक्षण संस्थान का है जहां सबसे ज्यादा सरकारी खजाने की बंदरबांट हुई है। हालांकि एसआईटी टीम द्वारा अब तक समाज कल्याण विभाग हरिद्वार में एक अधिकारी सहित हरिद्वार जिले के 10 शिक्षण संस्थानों के संचालकों को इस घोटाले में आरोपी बनाकर जेल भेज भेजा जा चुका है।


Conclusion:वहीं छात्रवृत्ति घोटाले में हरिद्वार -देहरादून एसआईटी जांच के साथ साथ अब राज्य के अन्य 11 जिलों में दूसरी एसआईटी टीम द्वारा जांच करने के संबंध में महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि कोर्ट के आदेश अनुसार शासन द्वारा पूर्व में गठित की गई एसआईटी टीम अब 11 जिलों में जांच करेगी। हालांकि हरिद्वार और देहरादून में चल रहे शिक्षण संस्थानों की जांच पहले से कर रहे आईपीएस मंजूनाथ टीसी वाली एसआईटी टीम ही करेगी।
डीजी अशोक कुमार के अनुसार अन्य 11 जिलों में दूसरी एसआईटी टीम का नेतृत्व डीआईजी रिद्धिम अग्रवाल करेगी जबकि इस टीम में तीन एडिशनल एसपी और एक सर्कल ऑफिसर शामिल है और पूरे एसआईटी की मॉनिटरिंग आईजी संजय गुंज्याल करेंगे। डीजी के मुताबिक़ जल्द ही राज्य के 11 जिलों में यह एसआईटी टीम जनपदों के एसएसपी से समन्वय बनाकर जरूरत मुताबिक क्षेत्रीय सब इंस्पेक्टर इंस्पेक्टर को एसआईटी टीम में सहयोग के लिए जांच पड़ताल में रख सकते
है।
डीजी अशोक कुमार के अनुसार छात्रवृत्ति घोटाला मुख्यतः नेटवर्क हरिद्वार व देहरादून जिले के निजी शिक्षण संस्थानों में पाया गया है,जहाँ से आरोपियों की धरपकड़ कर जेल भेजा जा चुका हैं. बाकी अन्य 11 जिलों में अब दूसरी एसआईटी टीम जांच कर इस घोटाले की आगे की परतों को खुलेगी। हालांकि इससे पहले जांच के दायरे आये घोटालेबाज निजी संस्थानों द्वारा काफी गहराई से गोलमाल किया गया है जिसके चलते एसआईटी टीम को जांच विवेचना में काफी समय लग रहा है,लेकिन इसके बावजूद इस जांच में किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।

बाइट- अशोक कुमार महानिदेशक अपराध व कानून व्यवस्था




pls note_input_महोदय, यह किरण कांत शर्मा का मोजो मोबाइल हैं,जिसे मैं (परमजीत सिंह )इसे इस्तेमाल कर रहा हूं। मेरा मोजो मोबाइल खराब हो गया हैं, ऐसे मेरी स्टोरी इस मोजो से भेजी जा रही हैं.. ID 7200628








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