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नीति आयोग की रिपोर्ट से हुआ बड़ा खुलासा, स्वास्थ्य सेवा के मामले में सबसे फिसड्डी उत्तराखंड

नीति आयोग ने देश के तमाम राज्यों में स्वास्थ्य सेवाओं का सर्वेक्षण कर एक रिपोर्ट तैयार की है. जिसमें अलग-अलग राज्यों में जाकर वहां की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का जायजा लेकर उन्हें आंका गया. नीति आयोग ने देश के 21 राज्यों में जाकर ये रिपोर्ट तैयार की.

उत्तराखंड में खराब होती स्वास्थ्य सेवाएं
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Published : Jun 26, 2019, 9:09 PM IST

देहरादून: प्रदेश में यूं तो हर समय स्वास्थ्य व्यवस्थाएं सवालों के घेरे में रहती हैं. आए दिन सड़कों पर बच्चा पैदा होना, समय से एंबुलेंस ना मिलना, इलाज में देरी होने के चलते मरीज की मौत, इलाज में लापरवाही बरतना और अस्पताल में दवाइयों व मशीनरी की कमी जैसी तमाम खबरें आती रहती हैं. हाल में आई नीति आयोग की ताजा रिपोर्ट ने भी इस बात पर मुहर लगा दी है कि प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से लचर है. नीति आयोग ने स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में उत्तराखंड को 19वें पायदान पर रखा है.

बता दें कि नीति आयोग ने देश के तमाम राज्यों में स्वास्थ्य सेवाओं का सर्वेक्षण कर एक रिपोर्ट तैयार की है. जिसमें अलग-अलग राज्यों में जाकर वहां की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का जायजा लेकर उन्हें आंका गया. नीति आयोग ने देश के 21 राज्यों में जाकर ये रिपोर्ट तैयार की. जिसमें से उत्तराखंड को 19वें पायदान पर रखा है. जिससे साफ तौर पर पता चलता है कि प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की क्या स्थिति है. रिपोर्ट के मुताबिक उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, बिहार, उड़ीसा में स्वास्थ्य सेवाओं की हालत बेहद खराब है. वहीं गुजरात, पंजाब, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश और केरल में स्वास्थ्य सेवाओं को सबसे बेहतर बताया गया है.

प्रदेश में सबसे बड़ी बात यहां मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत खुद स्वास्थ्य विभाग का जिम्मा संभाल रहे हैं. बावजूद प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा है. हालांकि इससे पहले खुद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी इस बात को मान चुके हैं कि प्रदेश में स्वास्थ्य के क्षेत्र में अभी बहुत काम करना बाकी है. नीति आयोग की रिपोर्ट के मामले पर शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक भी बचते हुए नजर आये. नीति आयोग की रिपोर्ट पर बोलते हुए मदन कौशिक ने कहा कि प्रदेश में सब चीजें अच्छी हैं, क्योंकि बहुत सारी चीजें स्वास्थ्य विभाग में लागू की जा चुकी हैं.

देहरादून: प्रदेश में यूं तो हर समय स्वास्थ्य व्यवस्थाएं सवालों के घेरे में रहती हैं. आए दिन सड़कों पर बच्चा पैदा होना, समय से एंबुलेंस ना मिलना, इलाज में देरी होने के चलते मरीज की मौत, इलाज में लापरवाही बरतना और अस्पताल में दवाइयों व मशीनरी की कमी जैसी तमाम खबरें आती रहती हैं. हाल में आई नीति आयोग की ताजा रिपोर्ट ने भी इस बात पर मुहर लगा दी है कि प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से लचर है. नीति आयोग ने स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में उत्तराखंड को 19वें पायदान पर रखा है.

बता दें कि नीति आयोग ने देश के तमाम राज्यों में स्वास्थ्य सेवाओं का सर्वेक्षण कर एक रिपोर्ट तैयार की है. जिसमें अलग-अलग राज्यों में जाकर वहां की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का जायजा लेकर उन्हें आंका गया. नीति आयोग ने देश के 21 राज्यों में जाकर ये रिपोर्ट तैयार की. जिसमें से उत्तराखंड को 19वें पायदान पर रखा है. जिससे साफ तौर पर पता चलता है कि प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की क्या स्थिति है. रिपोर्ट के मुताबिक उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, बिहार, उड़ीसा में स्वास्थ्य सेवाओं की हालत बेहद खराब है. वहीं गुजरात, पंजाब, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश और केरल में स्वास्थ्य सेवाओं को सबसे बेहतर बताया गया है.

प्रदेश में सबसे बड़ी बात यहां मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत खुद स्वास्थ्य विभाग का जिम्मा संभाल रहे हैं. बावजूद प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा है. हालांकि इससे पहले खुद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी इस बात को मान चुके हैं कि प्रदेश में स्वास्थ्य के क्षेत्र में अभी बहुत काम करना बाकी है. नीति आयोग की रिपोर्ट के मामले पर शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक भी बचते हुए नजर आये. नीति आयोग की रिपोर्ट पर बोलते हुए मदन कौशिक ने कहा कि प्रदेश में सब चीजें अच्छी हैं, क्योंकि बहुत सारी चीजें स्वास्थ्य विभाग में लागू की जा चुकी हैं.

Intro:उत्तराखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था यूं तो पहले से ही सवाल खड़े होते रहे हैं, प्रदेश में आए दिन सड़कों पर बच्चा पैदा होना, समय से एंबुलेंस ना मिलना, इलाज में देरी होने के चलते मरीज की मौत हो जाना, इलाज में लापरवाही बरतना और अस्पताल में दवाइयों व मशीनरी कमी जैसी तमाम खबरे आती रहती है। लेकिन नीति आयोग की इस रिपोर्ट ने साफ जाहिर कर दिया है की उत्तराखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से लचर है।



Body:नीति आयोग ने देश के तमाम राज्यों में स्वास्थ्य सेवाओं का सर्वेक्षण कर रिपोर्ट तैयार किया है जिसमें उत्तराखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था बेहद लचर बताई गई है। साथ ही देश के कई राज्यों द्वारा अपने राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के रैंक में भी 21 राज्यो में से उत्तराखंड राज्य को 19वें पायदान पर रखा गया है। रिपोर्ट के मुताबिक उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, बिहार, उड़ीसा में स्वास्थ्य सेवाओ की हालत बेहद खराब है तो वही गुजरात, पंजाब, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश और केरल में स्वास्थ्य सेवाओं को सबसे बेहतर बताया गया है। 


उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत खुद स्वास्थ्य विभाग संभाल रहे हैं बावजूद इसके प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा है। हालांकि इससे पहले खुद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी इस बात को मान चुके हैं कि प्रदेश में स्वास्थ्य के क्षेत्र में अभी बहुत काम करना बाकी है। लेकिन 23 अलग-अलग मांगों पर तैयार किया गया नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं जस की तस बनी हुई है।


तो वही नीति आयोग की रिपोर्ट में उत्तराखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था को सबसे लचर बताए जाने के सवाल पर शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक बचते हुए बस इतना कह गए कि प्रदेश में सब चीजें अच्छी है क्योंकि बहुत सारी चीजें स्वास्थ्य विभाग में लागू किया गया है और इस मामले को भी संज्ञान में लिया जाएगा।

बाइट - मदन कौशिक (शासकीय प्रवक्ता)



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