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लेखपालों के कार्य बहिष्कार के चलते लटके काम, लोगों को हो रही परेशानी

प्रदेश में लेखपालों के कार्य बहिष्कार के चलते लोगों को चक्कर काटने के बाद भी जरूरी प्रमाण पत्र नहीं मिल पा रहा है. साथ ही सैकड़ों मामले न्यायालय में लंबित पड़े हुए हैं.

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Published : Apr 20, 2019, 10:41 PM IST

लेखपालों का कार्य बहिष्कार.

देहारदून: प्रदेश में लेखपालों के कार्य बहिष्कार के चलते लोगों को चक्कर काटने के बाद भी जरूरी प्रमाण पत्र नहीं मिल पा रहा है. साथ ही सैकड़ों मामले न्यायालय में लंबित पड़े हुए हैं. वहीं, उत्तराखंड लेखपाल संघ के महामंत्रि राधेश्याम पैन्यूली का कहने है कि लेखपालों ने खुद को संरक्षण दिए जाने तक प्रमाण पत्र नहीं बनाने का फैसला लिया है.

लेखपालों का कार्य बहिष्कार.

बता दें कि उत्तराखंड के कुछ जिलों में 428 लेखपाल 4 फरवरी से कार्य बहिष्कार पर हैं. लेखपालों ने दाखिल खारिज रिपोर्ट और आय प्रमाण पत्र बनाने का काम रोक दिया है. दस्तावेज न बनने से आम लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. साथ ही न्यायालय में भी इसका असर देखने को मिल रहा है.

लेखपाल कार्यालय पहुंचे लोगों का कहना था कि हड़ताल के कारण उनका काम नहीं हो पा रहा हैं. साथ ही अधिकारी हड़ताल की अंतिम तारीख नहीं बता रहे हैं. प्रमाण पत्र न बनने के कारण युवाओं के छात्रवृत्ति के मामले और बच्चों के शिक्षा के अधिकार के तहत ऐडमिशन के मामले भी ठंडे बस्ते में पड़े हैं.

वहीं, उत्तराखंड लेखपाल संघ के महामंत्रि राधेश्याम पैन्यूली ने कहा कि लेखपालों के कार्य बहिष्कार की वजह एसआईटी जांच है. एसआईटी मनमाने तरीके से तमाम आरोपियों के साथ लेखपालों को भी आरोपी बना कर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर रही है. जबकि सरकार द्वारा लेखपालों को विशेष संरक्षण दिया जाना चाहिए. जिसके चलते लेखपालों ने खुद को संरक्षण दिए जाने तक प्रमाण पत्र नहीं बनाने का ऐलान किया है.

देहारदून: प्रदेश में लेखपालों के कार्य बहिष्कार के चलते लोगों को चक्कर काटने के बाद भी जरूरी प्रमाण पत्र नहीं मिल पा रहा है. साथ ही सैकड़ों मामले न्यायालय में लंबित पड़े हुए हैं. वहीं, उत्तराखंड लेखपाल संघ के महामंत्रि राधेश्याम पैन्यूली का कहने है कि लेखपालों ने खुद को संरक्षण दिए जाने तक प्रमाण पत्र नहीं बनाने का फैसला लिया है.

लेखपालों का कार्य बहिष्कार.

बता दें कि उत्तराखंड के कुछ जिलों में 428 लेखपाल 4 फरवरी से कार्य बहिष्कार पर हैं. लेखपालों ने दाखिल खारिज रिपोर्ट और आय प्रमाण पत्र बनाने का काम रोक दिया है. दस्तावेज न बनने से आम लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. साथ ही न्यायालय में भी इसका असर देखने को मिल रहा है.

लेखपाल कार्यालय पहुंचे लोगों का कहना था कि हड़ताल के कारण उनका काम नहीं हो पा रहा हैं. साथ ही अधिकारी हड़ताल की अंतिम तारीख नहीं बता रहे हैं. प्रमाण पत्र न बनने के कारण युवाओं के छात्रवृत्ति के मामले और बच्चों के शिक्षा के अधिकार के तहत ऐडमिशन के मामले भी ठंडे बस्ते में पड़े हैं.

वहीं, उत्तराखंड लेखपाल संघ के महामंत्रि राधेश्याम पैन्यूली ने कहा कि लेखपालों के कार्य बहिष्कार की वजह एसआईटी जांच है. एसआईटी मनमाने तरीके से तमाम आरोपियों के साथ लेखपालों को भी आरोपी बना कर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर रही है. जबकि सरकार द्वारा लेखपालों को विशेष संरक्षण दिया जाना चाहिए. जिसके चलते लेखपालों ने खुद को संरक्षण दिए जाने तक प्रमाण पत्र नहीं बनाने का ऐलान किया है.


फीड ftp से भेजी है। 
Folder name- Uk_ddn_20 april 2019_Dastavej ko thokaren khate log

स्लग-दस्तावेज को ठोकरें खाते लोग
रिपोर्ट-नवीन उनियाल
देहरादून
एंकर
उत्तराखंड के कई जिलों में इन दिनों जमीनी वाद के मामले ठप पड़े हैं... यही नहीं बच्चों और युवाओं के लिए भी राज्य के कुछ जिलों में दिक्कतें पहाड़ सी खड़ी है। मामला प्रदेश के पटवारियों के कार्य बहिष्कार से जुड़ा है जिसके चलते न केवल सैकड़ों मामले न्यायालय में लंबित पड़े हैं तो लोगों को चक्कर काटने के बाद भी जरूरी प्रमाण पत्र नहीं मिल पा रहे हैं। आम लोगों की परेशानियों से जुड़ी ईटीवी भारत की ये खास रिपोर्ट....

आपको जानकर हैरानी होगी कि उत्तराखंड के कई जिलों में पिछले 75 दिनों से आम आदमी दफ्तर के चक्कर काट रहा है लेकिन सेवा का अधिकार और तमाम आम आदमी के अधिकारों को देने का दावा करने वाली त्रिवेंद्र सरकार के राज में लोगों को उनका हक नहीं मिल पा रहा है। आपको बता दें कि उत्तराखंड के कुछ जिलों में लेखपाल 4 फरवरी से कार्य बहिष्कार करें और तभी से लेखपालों ने दाखिल खारिज रिपोर्ट और आय प्रमाण पत्र बनाने का काम रोक दिया है। यह दोनों दस्तावेज ना बनने से आम लोगों को तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। आम लोगों की माने तो वह कई बार दफ्तर के चक्कर लगा चुके हैं लेकिन ना तो हड़ताल की अंतिम तारीख पता चल पाती है और ना ही उनका काम कब होगा इसकी जानकारी ही उन्हें दी जा रही है। वहीं युवाओं के छात्रवृत्ति के मामले और बच्चों के शिक्षा के अधिकार के तहत ऐडमिशन के मामले भी प्रमाण पत्र न बनने के चलते ठंडे बस्ते में पड़े हैं। 

बाइट-प्रमोद कुमार, पीड़ित
बाइट-रामपाल,पीड़ित।  चश्मा पहने व्यक्ति

Gfx in
उत्तराखंड में 428 लेखपाल कार्य बहिष्कार पर
हरिद्वार देहरादून उधम सिंह नगर में नहीं बन रहे प्रमाण पत्र
नैनीताल चंपावत के कुछ क्षेत्रों में नहीं बन रहे प्रमाणपत्र
मैदानी जिलों में तैनात लेखपाल कर रहे हैं कार्य बहिष्कार
Gfx out

लेखपालों के कार्य बहिष्कार की वजह एसआईटी जांच है। लेखपाल संघ का मानना है कि एसआईटी अपनी तमाम जाटों में लेखपालों की रिपोर्ट को ही आधार रहते हुए उन्हें आरोपी बना रही है जबकि उनको सरकार द्वारा विशेष संरक्षण दिया जाना चाहिए था। बावजूद इसके एसआईटी मनमाने तरीके से तमाम आरोपियों के साथ लेखपालों को भी आरोपी बना कर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा रहा है। ऐसे में फिलहाल लेखपालों ने खुद को संरक्षण दिए जाने तक प्रमाण पत्र नहीं बनाई जाने का ऐलान किया है।  

बाइट-राधेश्याम पैन्यूली, महामंत्री, उत्तराखंड लेखपाल संघ

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