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पंचायत चुनाव लड़ने के लिए ये होनी चाहिए योग्यता, ऐसा करने वाला पहला राज्य होगा उत्तराखंड - Bill passed, questions raised by the Opposition on Panchayati Raj

सदन के भीतर पंचायती राज संशोधन विधेयक 2019 पारित होने के बाद भाजपा विधायक केदार सिंह रावत ने बताया कि पंचायती राज संशोधन विधेयक 2019 बुधवार को सदन में अधिनियम के रूप में पारित हो गया है. उन्होंने बताया कि इस विधेयक में प्रक्रियात्मक संशोधन तो होना ही है इसके साथ ही इसमें दो मुख्य मूलभूत संशोधन किए गए हैं

पंचायत राज संशोधन विधेयक 2019 सर्वसम्मति से पारित
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Published : Jun 26, 2019, 5:29 PM IST

Updated : Jun 26, 2019, 6:33 PM IST

देहरादून: विधानसभा सत्र के तीसरे दिन सदन के भीतर उत्तराखंड पंचायती राज संशोधन विधेयक 2019 को सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया. हालांकि, पंचायती राज एक्ट में चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की शैक्षिक योग्यता और दो बच्चों की बाध्यता जैसे दो बिंदुओं पर संशोधन किया गया है. उत्तराखंड पंचायत चुनाव में प्रत्याशियों के लिए इस तरह का प्रावधान करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है. इसके साथ ही पंचायत चुनाव के लिए 300 दिन की बाध्यता भी समाप्त कर दी गई है. राज्यपाल की मंजूरी मिलते ही यह विधेयक प्रदेश में तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया जाएगा.

पंचायत राज संशोधन विधेयक 2019 सर्वसम्मति से पारित

सदन के भीतर पंचायती राज संशोधन विधेयक 2019 पारित होने के बाद भाजपा विधायक केदार सिंह रावत ने बताया कि पंचायती राज संशोधन विधेयक 2019 बुधवार को सदन में अधिनियम के रूप में पारित हो गया है. उन्होंने बताया कि इस विधेयक में प्रक्रियात्मक संशोधन तो होना ही है इसके साथ ही इसमें दो मुख्य मूलभूत संशोधन किए गए हैं. जिनमें से एक जनसंख्या नियंत्रण को लेकर है. जिसमें अधिनियम लागू होने की तिथि से जिस व्यक्ति के दो से अधिक बच्चे हैं वो अयोग्य करार दिए जाएंगे. दूसरा महत्वपूर्ण संशोधन शैक्षिक योग्यता को लेकर रखा गया है इससे निश्चित रूप से पढ़े-लिखे लोग जनप्रतिनिधित्व में आगे आएंगे.

सदन में पारित किए गए विधेयक पर नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने सवाल खड़े किए हैं. नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने बताया कि इस विधेयक में मिनिमम क्वालीफिकेशन हाई स्कूल रखी गई है. जो कि सही है. उन्होंने कहा कि जहां तक दो बच्चों की बात है तो ये नियम एमपी और एमएलए पर भी लागू होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि यह पूरा प्रकरण केवल ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत के मेंबरों पर लागू हो इससे कार्य पूरा नहीं होने वाला है.

पंचायती राज संशोधन विधेयक 2019 सदन में पारित होने के बाद टिहरी गढ़वाल के जिला पंचायत सदस्य मुरारी लाल खंडवाल ने संसोधित विधेयक की खामियों को गिनाया. उन्होंने कहा कि वह खुद 15 वर्षों से पंचायती राज्य में काम कर रहे हैं, लेकिन आज जो विधेयक पारित किया गया है उसमें कई त्रुटियां हैं. उन्होंने बताया कि 73वां और 74वां विधेयक जो पार्लियामेंट ने बनाया है उसमें शैक्षिक योग्यता व अन्य शर्तें शामिल नहीं की गई हैं. मुरारी लाल ने कहा कि राज्य सरकार अपने विशेष अधिकारों का प्रयोग करते हुए पंचायतों में सुधार करना चाहती है. उन्होंने कहा कि पारित किये गये विधेयक पर सरकार को सही से काम करने की जरूरत है.

वहीं संसदीय कार्य मंत्री मदन कौशिक का भी मानना है कि जो पंचायती राज संशोधन विधेयक 2019 पारित किया गया है, उसमें कहीं न कहीं कुछ त्रुटियां हैं. जिसे दिखाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि फिलहाल जो कानून बनाया गया है उसके अनुसार जिनके 2 से अधिक बच्चे हैं वे लोग चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. साथ ही कुछ अलग प्रकरण अगर चुनाव के समय सामने आते हैं तो उनका परीक्षण करवाया जाएगा.

देहरादून: विधानसभा सत्र के तीसरे दिन सदन के भीतर उत्तराखंड पंचायती राज संशोधन विधेयक 2019 को सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया. हालांकि, पंचायती राज एक्ट में चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की शैक्षिक योग्यता और दो बच्चों की बाध्यता जैसे दो बिंदुओं पर संशोधन किया गया है. उत्तराखंड पंचायत चुनाव में प्रत्याशियों के लिए इस तरह का प्रावधान करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है. इसके साथ ही पंचायत चुनाव के लिए 300 दिन की बाध्यता भी समाप्त कर दी गई है. राज्यपाल की मंजूरी मिलते ही यह विधेयक प्रदेश में तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया जाएगा.

पंचायत राज संशोधन विधेयक 2019 सर्वसम्मति से पारित

सदन के भीतर पंचायती राज संशोधन विधेयक 2019 पारित होने के बाद भाजपा विधायक केदार सिंह रावत ने बताया कि पंचायती राज संशोधन विधेयक 2019 बुधवार को सदन में अधिनियम के रूप में पारित हो गया है. उन्होंने बताया कि इस विधेयक में प्रक्रियात्मक संशोधन तो होना ही है इसके साथ ही इसमें दो मुख्य मूलभूत संशोधन किए गए हैं. जिनमें से एक जनसंख्या नियंत्रण को लेकर है. जिसमें अधिनियम लागू होने की तिथि से जिस व्यक्ति के दो से अधिक बच्चे हैं वो अयोग्य करार दिए जाएंगे. दूसरा महत्वपूर्ण संशोधन शैक्षिक योग्यता को लेकर रखा गया है इससे निश्चित रूप से पढ़े-लिखे लोग जनप्रतिनिधित्व में आगे आएंगे.

सदन में पारित किए गए विधेयक पर नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने सवाल खड़े किए हैं. नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने बताया कि इस विधेयक में मिनिमम क्वालीफिकेशन हाई स्कूल रखी गई है. जो कि सही है. उन्होंने कहा कि जहां तक दो बच्चों की बात है तो ये नियम एमपी और एमएलए पर भी लागू होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि यह पूरा प्रकरण केवल ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत के मेंबरों पर लागू हो इससे कार्य पूरा नहीं होने वाला है.

पंचायती राज संशोधन विधेयक 2019 सदन में पारित होने के बाद टिहरी गढ़वाल के जिला पंचायत सदस्य मुरारी लाल खंडवाल ने संसोधित विधेयक की खामियों को गिनाया. उन्होंने कहा कि वह खुद 15 वर्षों से पंचायती राज्य में काम कर रहे हैं, लेकिन आज जो विधेयक पारित किया गया है उसमें कई त्रुटियां हैं. उन्होंने बताया कि 73वां और 74वां विधेयक जो पार्लियामेंट ने बनाया है उसमें शैक्षिक योग्यता व अन्य शर्तें शामिल नहीं की गई हैं. मुरारी लाल ने कहा कि राज्य सरकार अपने विशेष अधिकारों का प्रयोग करते हुए पंचायतों में सुधार करना चाहती है. उन्होंने कहा कि पारित किये गये विधेयक पर सरकार को सही से काम करने की जरूरत है.

वहीं संसदीय कार्य मंत्री मदन कौशिक का भी मानना है कि जो पंचायती राज संशोधन विधेयक 2019 पारित किया गया है, उसमें कहीं न कहीं कुछ त्रुटियां हैं. जिसे दिखाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि फिलहाल जो कानून बनाया गया है उसके अनुसार जिनके 2 से अधिक बच्चे हैं वे लोग चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. साथ ही कुछ अलग प्रकरण अगर चुनाव के समय सामने आते हैं तो उनका परीक्षण करवाया जाएगा.

Intro:विधानसभा सत्र के तीसरे दिन सदन के भीतर उत्तराखंड पंचायत राज "संशोधन" विधेयक, 2019 को सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया है। हालांकि पंचायती राज एक्ट में चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की शैक्षिक योगिता और दो बच्चे की बाध्यता जैसे दो बिंदुओं पर संशोधन किया गया है। पंचायत चुनाव में प्रत्याशियो के लिए इस तरह का प्रावधान करने वाला उत्तराखंड राज्य, देश का पहला राज्य बन गया है। इसके साथ ही पंचायत चुनाव के लिए 300 दिन की बाध्यता भी समाप्त कर दी गई। और राज्यपाल की मंजूरी मिलते ही यह विधेयक प्रदेश में तत्काल प्रभाव से लागू हो जाएगी।



Body:सदन के भीतर पंचायत राज "संशोधन" विधायक 2019 पारित होने के बाद भाजपा विधायक केदार सिंह रावत ने बताया कि पंचायती राज "संशोधन" विधेयक 2019, बुधवार को सदन के भीतर अधिनियम के रूप में पारित हो गया है। और इस विधायक ने प्रक्रियात्मक संशोधन तो होना ही है इसके साथ ही इसमें दो मुख्य मूलभूत संशोधन किए गए हैं। एक जनसंख्या नियंत्रण है जिसमें अधिनियम लागू होने की तिथि से जिस व्यक्ति का दो से अधिक जीवित बच्चे हैं आयोग करार दिए जाएंगे और दूसरा महत्वपूर्ण संशोधन शैक्षिक योग्यता रखा गया है। इसे निश्चित रूप से पढ़े लिखे लोग जनप्रतिनिधित्व में आगे आएंगे।

बाइट - केदार सिंह रावत, भाजपा विधायक


सदन में पारित किए गए विधेयक पर नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने सवाल खड़े कर दिए हैं, वही नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने बताया कि इस विधेयक में मिनिमम क्वालिफिकेशन हाई स्कूल पास कर दिया गया है जो कोई बुरी बात नहीं है। और जहां तक दो जीवित बच्चों की बात है यह एमपी, एमएलए पर भी लागू होनी चाहिए। और यह पूरा प्रकरण केवल ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत के मेंबरों पर लागू हो इससे कार्य पूरा नहीं होने वाला है।

बाइट - इंदिरा हृदयेश, नेता प्रतिपक्ष


पंचायती राज "संशोधन" विधेयक 2019, सदन में पारित होने के बाद टिहरी गढ़वाल के जिला पंचायत सदस्य मुरारी लाल खंडवाल ने संसोधित विधेयक की खामियों को गिनाते हुए बताया कि वह खुद 15 वर्षों से पंचायत राज्य में काम कर रहे हैं लेकिन जो आज यह विधेयक पारित किया गया है उसमें कई त्रुटियां हैं। क्योकि 73वा और 74वा विधेयक जो पार्लियामेंट ने बनाया है उसमें शैक्षिक योग्यता व अन्य शर्तें शामिल नहीं की गई हैं। लेकिन राज सरकार अपने विशेष अधिकारों का प्रयोग करते हुए पंचायतों में सुधार करना चाहती है लेकिन जो विधेयक पारित किया गया है उसमें कई तरह की त्रुटियां हैं जिसे सरकार को सही करने की जरूरत है।

बाइट - मुरारी लाल खंडवाल, जिला पंचायत सदस्य, टिहरी गढ़वाल


वहीं संसदीय कार्य मंत्री मदन कौशिक का भी मानना है कि जो पंचायती राज संशोधन विधेयक 2019 पारित किया गया है, उसमे कहीं ना कहीं कुछ त्रुटियां हैं जिसे दिखाने की जरूरत है। फिलहाल जो कानून बनाया गया है उसके अनुसार जिनके 2 से अधिक जीवित बच्चे हैं वह चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। साथी कहा कि कुछ अलग प्रकरण अगर चुनाव के समय आते हैं तो उसका परीक्षण करवाया जाएगा।

बाइट - मदन कौशिक, संसदीय कार्यमंत्री

पीटीसी - रोहित सोनी


Conclusion:
Last Updated : Jun 26, 2019, 6:33 PM IST
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