देहरादून: पंचायत जन अधिकार रक्षा मंच के प्रतिनिधियों ने उत्तराखंड पंचायती राज अधिनियम में संशोधन का विरोध किया है. पंचायत जन अधिकार रक्षा मंच के प्रतिनिधियों ने विरोध कर जिलाधिकारी के माध्यम से राजयपाल को ज्ञापन सौंपा. इस दौरान चेतावनी देते हुए कहा कि अगर विधेयक वापस नहीं लिया गया तो वे कोर्ट के शरण में जाएंगे और साथ ही सड़कों पर उतकर इसका विरोध करेंगे.
बता दें कि पंचायती राज एक्ट में हुए संशोधन को लेकर विरोध के स्वर पूरे उत्तराखंड में उठने लगे हैं. पंचायत एक्ट में किए गए बदलावों से विभिन्न संगठनों में आक्रोश देखने को मिल रहा है. उत्तराखंड सरकार के खिलाफ राज्य भर के सगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर विधेयक वापस नहीं लिया तो राज्य भर में व्यापक आंदोलन किया जाएगा. इसी क्रम में देहरादून पंचायत जन अधिकार रक्षा मंच ने अपना विरोध दर्ज कराया है.
पढ़ें: बाबा रामदेव के साथ धोखाधड़ी, पतंजलि स्टोर में बिकता मिला 'जहर'?
पंचायत जन अधिकार रक्षा मंच के प्रदेश संयोजक जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि इस विधेयक में तीन चार बड़ी खामियां हैं. इसमें ओबीसी जाति का उल्लेख नहीं है, शैक्षिक योग्यता का निर्धारण जो किया गया है, उसमें भी खामियां हैं. इसके अलावा दो से अधिक बच्चों पर चुनाव लड़ने वाले विधेयक में भी खामियां हैं. सरकार से आग्रह है कि इस विधेयक में सुधार करें. साथ ही राज्यपाल अपने हस्ताक्षर से इस विधेयक को सरकार को विचार के लिए वापस भेजें.