देहरादूनः अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना में फर्जीवाड़े रोकने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने अस्पतालों पर नकेल कसनी शुरू कर दी है. नतीजतन अबतक फर्जीवाड़े को लेकर सूबे के 12 अस्पतालों को कारण बताओ नोटिस दिया जा चुका है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अधिकारियों की सख्ती ने चिकित्सालयों के फर्जीवाड़े रोकने में अहम भूमिका निभाई है.
उत्तराखंड में अटल आयुष्मान योजना की शुरुआत होते ही इससे जुड़े कई फर्जीवाड़े लगातार सामने आते रहे हैं. हालांकि, फर्जीवाड़े की चर्चाओं के बीच इन अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पा रही थी. ऐसे में अब राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने इन मामलों को गंभीरता से लेते हुए पिछले कुछ महीनों में योजना के तहत अस्पतालों के क्लेम पर तेजी से जांच करते हुए इन पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. ताजा मामला काशीपुर के एमपी मेमोरियल अस्पताल का है. जिसमें क्षमता से ज्यादा मरीजों को देखने को लेकर अटल आयुष्मान योजना के तहत क्लेम किया गया था.
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मामले में अस्पताल पहुंचे अधिकतर मरीजों के गोल्डन कार्डधारक होने की जानकारी के बाद एनएचएम के अधिकारियों ने जब इसकी जांच की, तो पाया कि अस्पताल लगातार मौजूदा क्षमता से ज्यादा मरीजों को देखने का क्लेम कर रहा था. अस्पताल में जहां 10 आईसीयू के लिए बेड मौजूद थे.
वहीं, अस्पताल प्रबंधन हर दिन करीब 15 मरीजों को आईसीयू में भर्ती होने के लिए क्लेम कर रहा था. मरीजों के डायलिसिस की क्षमता से भी ज्यादा मरीजों के लिए क्लेम मांगा जा रहा था. मामले के सामने आने के बाद संबंधित अस्पताल को कारण बताओ नोटिस दिया गया है. जिसका 15 दिन के भीतर अस्पताल प्रबंधन को जवाब देना होगा.
बता दें कि उत्तराखंड में अबतक योजना से लाभ लेने की मंशा के चलते फर्जीवाड़ा करने वाले करीब 12 अस्पतालों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अधिकारी जांच के बाद नोटिस जारी कर चुके हैं. इसमें से दो अस्पतालों को योजना के सूची से बाहर भी किया जा चुका है, जबकि बाकी पर कारण बताओ नोटिस का जवाब आने के बाद कार्रवाई की जाएगी.