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अटल आयुष्मान योजना में चल रहा फर्जीवाड़ा, 12 अस्पतालों को भेजा नोटिस

अटल आयुष्मान योजना में फर्जीवाड़ा करने वाले अस्पतालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन इन शिकायतों पर गंभीरता से एक्शन ले रहा है.

अटल आयुष्मान योजना
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Published : Jul 6, 2019, 11:49 PM IST

देहरादूनः अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना में फर्जीवाड़े रोकने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने अस्पतालों पर नकेल कसनी शुरू कर दी है. नतीजतन अबतक फर्जीवाड़े को लेकर सूबे के 12 अस्पतालों को कारण बताओ नोटिस दिया जा चुका है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अधिकारियों की सख्ती ने चिकित्सालयों के फर्जीवाड़े रोकने में अहम भूमिका निभाई है.

अटल आयुष्मान योजना में फर्जीवाड़ा.

उत्तराखंड में अटल आयुष्मान योजना की शुरुआत होते ही इससे जुड़े कई फर्जीवाड़े लगातार सामने आते रहे हैं. हालांकि, फर्जीवाड़े की चर्चाओं के बीच इन अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पा रही थी. ऐसे में अब राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने इन मामलों को गंभीरता से लेते हुए पिछले कुछ महीनों में योजना के तहत अस्पतालों के क्लेम पर तेजी से जांच करते हुए इन पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. ताजा मामला काशीपुर के एमपी मेमोरियल अस्पताल का है. जिसमें क्षमता से ज्यादा मरीजों को देखने को लेकर अटल आयुष्मान योजना के तहत क्लेम किया गया था.

यह भी पढ़ेंः कांवड़ मेले को लेकर CM ने की बैठक, कहा- कांवड़ियों के भेष में असामाजिक तत्व बिगाड़ सकते हैं माहौल

मामले में अस्पताल पहुंचे अधिकतर मरीजों के गोल्डन कार्डधारक होने की जानकारी के बाद एनएचएम के अधिकारियों ने जब इसकी जांच की, तो पाया कि अस्पताल लगातार मौजूदा क्षमता से ज्यादा मरीजों को देखने का क्लेम कर रहा था. अस्पताल में जहां 10 आईसीयू के लिए बेड मौजूद थे.

वहीं, अस्पताल प्रबंधन हर दिन करीब 15 मरीजों को आईसीयू में भर्ती होने के लिए क्लेम कर रहा था. मरीजों के डायलिसिस की क्षमता से भी ज्यादा मरीजों के लिए क्लेम मांगा जा रहा था. मामले के सामने आने के बाद संबंधित अस्पताल को कारण बताओ नोटिस दिया गया है. जिसका 15 दिन के भीतर अस्पताल प्रबंधन को जवाब देना होगा.

बता दें कि उत्तराखंड में अबतक योजना से लाभ लेने की मंशा के चलते फर्जीवाड़ा करने वाले करीब 12 अस्पतालों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अधिकारी जांच के बाद नोटिस जारी कर चुके हैं. इसमें से दो अस्पतालों को योजना के सूची से बाहर भी किया जा चुका है, जबकि बाकी पर कारण बताओ नोटिस का जवाब आने के बाद कार्रवाई की जाएगी.

देहरादूनः अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना में फर्जीवाड़े रोकने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने अस्पतालों पर नकेल कसनी शुरू कर दी है. नतीजतन अबतक फर्जीवाड़े को लेकर सूबे के 12 अस्पतालों को कारण बताओ नोटिस दिया जा चुका है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अधिकारियों की सख्ती ने चिकित्सालयों के फर्जीवाड़े रोकने में अहम भूमिका निभाई है.

अटल आयुष्मान योजना में फर्जीवाड़ा.

उत्तराखंड में अटल आयुष्मान योजना की शुरुआत होते ही इससे जुड़े कई फर्जीवाड़े लगातार सामने आते रहे हैं. हालांकि, फर्जीवाड़े की चर्चाओं के बीच इन अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पा रही थी. ऐसे में अब राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने इन मामलों को गंभीरता से लेते हुए पिछले कुछ महीनों में योजना के तहत अस्पतालों के क्लेम पर तेजी से जांच करते हुए इन पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. ताजा मामला काशीपुर के एमपी मेमोरियल अस्पताल का है. जिसमें क्षमता से ज्यादा मरीजों को देखने को लेकर अटल आयुष्मान योजना के तहत क्लेम किया गया था.

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मामले में अस्पताल पहुंचे अधिकतर मरीजों के गोल्डन कार्डधारक होने की जानकारी के बाद एनएचएम के अधिकारियों ने जब इसकी जांच की, तो पाया कि अस्पताल लगातार मौजूदा क्षमता से ज्यादा मरीजों को देखने का क्लेम कर रहा था. अस्पताल में जहां 10 आईसीयू के लिए बेड मौजूद थे.

वहीं, अस्पताल प्रबंधन हर दिन करीब 15 मरीजों को आईसीयू में भर्ती होने के लिए क्लेम कर रहा था. मरीजों के डायलिसिस की क्षमता से भी ज्यादा मरीजों के लिए क्लेम मांगा जा रहा था. मामले के सामने आने के बाद संबंधित अस्पताल को कारण बताओ नोटिस दिया गया है. जिसका 15 दिन के भीतर अस्पताल प्रबंधन को जवाब देना होगा.

बता दें कि उत्तराखंड में अबतक योजना से लाभ लेने की मंशा के चलते फर्जीवाड़ा करने वाले करीब 12 अस्पतालों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अधिकारी जांच के बाद नोटिस जारी कर चुके हैं. इसमें से दो अस्पतालों को योजना के सूची से बाहर भी किया जा चुका है, जबकि बाकी पर कारण बताओ नोटिस का जवाब आने के बाद कार्रवाई की जाएगी.

Intro:summary- अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना में फर्जीवाड़े रोकने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने अस्पतालों पर नकेल कसनी शुरू कर दी है.. इसी का नतीजा है कि अब तक कुल 12 चिकित्सालय को फर्जीवाड़ों के लिए कारण बताओ नोटिस दिया जा चुका है।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अधिकारियों की सख्ती ने चिकित्सालयों के फर्जीवाड़े रोकने में अहम भूमिका निभाई है.. जांच के बाद अब तक 12 चिकित्सालयों को फर्जीवाड़े के लिए कारण बताओ नोटिस दिया जा चुका है जबकि दो पर कार्रवाई भी की जा चुकी है।


Body:उत्तराखंड में अटल आयुष्मान योजना की शुरुआत होते ही इससे जुड़े कई फर्जीवाड़े लगातार सामने आते रहे हैं.. हालांकि फर्जीवाड़े की चर्चाओं के बीच इन पर जांच की धीमी गति के चलते कोई कार्यवाही नहीं हो पा रही थी लेकिन अब राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने इन मामलों को गंभीरता से लेते हुए पिछले कुछ महीनों में योजना के तहत चिकित्सालयों के क्लेम पर तेजी से जांच करते हुए राज्य में कई मामलों को पकड़ा है। ताजा मामला काशीपुर के एमपी मेमोरियल अस्पताल का है जिसमें क्षमता से भी ज्यादा मरीजों को देखने को लेकर अटल आयुष्मान योजना के तहत क्लेम किया गया था। मामले में अस्पताल पहुंचे अधिकतर मरीजों के गोल्डन कार्ड धारक होने की जानकारी के बाद मिशन के अधिकारियों ने जब इसकी जांच की तो पाया कि अस्पताल लगातार मौजूदा क्षमता से ज्यादा मरीजों को देखने का क्लेम कर रहा था। अस्पताल में जहां 10 आईसीयू के लिए बेड मौजूद थे वहीं अस्पताल प्रबंधन हर दिन करीब 15 मरीजों को आईसीयू में भर्ती होने के लिए क्लेम कर रहा था। मरीजों के डायलिसिस की क्षमता से भी ज्यादा मरीजों के लिए क्लेम मांगा जा रहा था। मामले के सामने आने के बाद संबंधित अस्पताल को कारण बताओ नोटिस दिया गया है जिसका 15 दिन के भीतर अस्पताल प्रबंधन को जवाब देना होगा।

बाइट- डॉक्टर अभिषेक त्रिपाठी, एडिशनल मिशन डायरेक्टर

आपको बता दें कि उत्तराखंड में अब तक योजना से लाभ लेने की मंशा के चलते फर्जीवाड़ा करने वाले करीब 12 अस्पतालों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अधिकारी अध्ययन के बाद नोटिस जारी कर चुके हैं। इसमें से दो अस्पतालों को योजना के सूची से बाहर भी किया जा चुका है। जबकि बाकी पर कारण बताओ नोटिस का जवाब आने के बाद कड़ी कार्रवाई की जाएगी।


Conclusion:अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना में लगातार फर्जी वालों के मामले आने के बाद मिशन की तरफ से मामलों को गहनता से जा जा जा रहा है और शायद यही कारण है कि लगातार फर्जीवाड़े करने वाले अस्पतालों के खिलाफ कार्यवाही भी हो रही है।
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