देहरादून: शिक्षा विभाग में हुए ताबड़तोड़ तबादलों के बाद अब महकमे ने अपने ही कई आदेशों को वापस ले लिया है. यह आदेश इस बात के गवाह हैं कि न तो तबादलों में अधिकारियों द्वारा कोई होमवर्क किया गया था और न ही तबादला एक्ट को लेकर शिक्षा विभाग के अधिकारी गम्भीर हैं. बुधवार को शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने एक आदेश जारी कर कई तबादलों पर रोक लगाने के आदेश जारी किए हैं. यही नहीं शिक्षा महकमे में तबादलों पर आ रही लगातार विसंगतियों को लेकर भी एक 3 सदस्य कमेटी बनाए जाने का निर्णय लिया गया है.
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दरअसल, उत्तराखंड शासन में शिक्षा विभाग के सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने बुधवार को एक आदेश जारी कर कई तबादलों पर रोक लगाने के आदेश जारी किए हैं. यही नहीं शिक्षा महकमे में तबादलों पर आ रही लगातार विसंगतियों को लेकर भी एक 3 सदस्यीय कमेटी बनाए जाने का निर्णय लिया गया है.
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इसके अलावा सीमांत जिलों में हुए तबादलों पर भी रोकने के आदेश दिए गये हैं. शासन स्तर से जारी हुए ये आदेश साफ जाहिर करते हैं कि शिक्षा विभाग में तबादलों को लेकर न तो निदेशालय स्तर के अधिकारी गंभीर थे और न ही शासन में बैठे शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने ही परिस्थितियों को समझ कर तबादलों को गंभीरता से लिया. शायद यही कारण है कि एक-दो नहीं, कई मामले ऐसे सामने आए हैं जो न केवल एक्ट में सही नहीं बैठते हैं बल्कि स्कूलों की परिस्थितियों और भौगोलिक स्थितियों के लिहाज से भी ठीक नहीं हैं.
सचिव शिक्षा आर मीनाक्षी सुंदरम द्वारा जारी आदेश
- आदेश में ऐसे शिक्षकों के स्थानांतरण को रोका गया है जो दुर्गम से सुगम नहीं आना चाहते हैं.
- ऐसे विद्यालय जहां पर एकमात्र शिक्षक हैं और उक्त शिक्षक के तबादले के बाद वह विद्यालय शिक्षक विहीन हो जाएगा ऐसे तबादले को रोकने के आदेश हुए हैं.
- राज्य के सीमांत जनपद जैसे पिथौरागढ़, उत्तरकाशी चमोली आदि में स्थापित विद्यालयों में ऐसे शिक्षकों के स्थानांतरण जो बिना दूसरे शिक्षक के उनके स्थान पर आने को लेकर तबादले के बिना ही किए गए हैं उनको भी रोकने के आदेश हुए हैं.
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स्थानांतरण को लेकर पाई गई आपत्तियों के लिए भी 3 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है. जिसमें कविंद्र सिंह संयुक्त सचिव, वंदना गबर्याल अपर निदेशक और आनंद भारद्वाज उपनिदेशक को आपत्ति की जांच को लेकर जिम्मेदारी दी गयी है. उक्त जांच कमेटी को 10 दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है.