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पहाड़ के मांगल गीतों को 'पांडवाज' ने दिया नया कलेवर, जल्द रिलीज होगी एलबम - mangle geet in new-form

पुराने समय में गढ़वाल क्षेत्र में हर विवाह समारोह या फिर किसी भी शुभ कार्य के दौरान महिलाओं द्वारा मांगल गीतों को गाने की परम्परा थी लेकिन बदलते समय और आधुनिकिकरण के साथ धीरे-धीरे ये परंपरा खत्म होने लगी है.

मांगल गीतों का नया कलेवर.
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Published : May 27, 2019, 10:28 PM IST

Updated : May 28, 2019, 4:37 PM IST



देहरादून: उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल की संस्कृति को बखूबी दर्शाने वाले मांगल गीतों को अब जल्द ही आप नए अंदाज में सुन सकेंगे. प्रदेश का जाना-माना बैंड 'पांडवाज' कुछ प्रसिद्ध मांगल गीतों को आधुनिक अंदाज में सबके सामने लेकर आने वाले हैं.

मांगल गीतों का नया कलेवर.

बता दें कि पुराने समय में गढ़वाल क्षेत्र में हर विवाह समारोह या फिर किसी भी शुभ कार्य के दौरान महिलाओं द्वारा मांगल गीतों को गाने की परम्परा हुआ करती थी. लेकिन बदलते समय और आधुनिकीकरण के साथ धीरे-धीरे ये परंपरा खत्म सी होने लगी है. समय बीतने के साथ आज इन मांगल गीतों की जगह हिंदी और पंजाबी गानों ने ले ली है. देखा जाए तो आज का युवा इन मांगल गीतों को लगभग पूरी तरह भूल चुका है. यहां तक कि कई युवा ऐसे भी हैं जिन्हें मांगल गीत क्या होते हैं इसकी कोई जानकारी ही नहीं.

देवभूमि में आज के युवाओं की पहली पंसद बन चुके पांडवाज जल्द ही मांगल गीतों को नये कलेवर में सबके सामने लेकर आने वाले हैं. बैंड के सदस्य कुणाल डोभाल ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि आज मांगल गीत गुमनामी के अंधेरे में कहीं खो से गये हैं, ऐसे में खोते जा रहे मांगल गीतों को एकबार फिर से नया जीवन देने के लिए वे छोटा सा प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि फिलहाल अपने 'मांगल' एलबम में उन्होंने 6 पौराणिक मांगल गीतों को चुना है, जिसे दिल्ली के कुछ नए युवा गायकों ने आवाज दी है.

साथ ही कुणाल ने बताया कि इस एलबम की सबसे खास बात ये है कि इसमें मांगल गीतों के बोल के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है. बस इसे एक मॉर्डन बैक ग्राउंड म्यूजिक दिया गया है. जिससे कि आज के युवा भी इन मांगल गीतों से जुड़ाव महसूस कर सके और वे भी इन मांगल गीतों को सुने. उन्होंने कहा कि उनका प्रयास है कि आने वाले समय में शादी-ब्याह के मौको पर प्रदेश के युवा पंजाबी या हिंदी गानों की जगह मांगल गीतों को सुनना ज्यादा पसंद करें. गौरतलब है कि पौराणिक समय में महिलाओं द्वारा गाये जाने वाले मांगल गीत अब मेल वॉइस में आपको सुनने को मिलेंगे.

मांगल एलबम के रिलीज के संबंध में जानकारी देते हुए कुणाल ने बताया कि आने वाले दो-तीन दिनों में 'मांगल' एलबम सभी डिजिटल प्लेटफॉर्म जैसे YouTube, iTunes, Gaana पर रिलीज कर दी जाएगी. फिलहाल ये एक ऑडियो म्यूजिक एलबम है. उन्होंने बताया कि भविष्य में इसका एक पूरा वीडियो लांच करने की भी योजना है, जिसे श्री त्रियुगीनारायण मंदिर में शूट किया जायेगा. बता दें कि प्रदेश का एक उभरता हुआ वेडिंग डेस्टिनेशन बनता जा रहा है.



देहरादून: उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल की संस्कृति को बखूबी दर्शाने वाले मांगल गीतों को अब जल्द ही आप नए अंदाज में सुन सकेंगे. प्रदेश का जाना-माना बैंड 'पांडवाज' कुछ प्रसिद्ध मांगल गीतों को आधुनिक अंदाज में सबके सामने लेकर आने वाले हैं.

मांगल गीतों का नया कलेवर.

बता दें कि पुराने समय में गढ़वाल क्षेत्र में हर विवाह समारोह या फिर किसी भी शुभ कार्य के दौरान महिलाओं द्वारा मांगल गीतों को गाने की परम्परा हुआ करती थी. लेकिन बदलते समय और आधुनिकीकरण के साथ धीरे-धीरे ये परंपरा खत्म सी होने लगी है. समय बीतने के साथ आज इन मांगल गीतों की जगह हिंदी और पंजाबी गानों ने ले ली है. देखा जाए तो आज का युवा इन मांगल गीतों को लगभग पूरी तरह भूल चुका है. यहां तक कि कई युवा ऐसे भी हैं जिन्हें मांगल गीत क्या होते हैं इसकी कोई जानकारी ही नहीं.

देवभूमि में आज के युवाओं की पहली पंसद बन चुके पांडवाज जल्द ही मांगल गीतों को नये कलेवर में सबके सामने लेकर आने वाले हैं. बैंड के सदस्य कुणाल डोभाल ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि आज मांगल गीत गुमनामी के अंधेरे में कहीं खो से गये हैं, ऐसे में खोते जा रहे मांगल गीतों को एकबार फिर से नया जीवन देने के लिए वे छोटा सा प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि फिलहाल अपने 'मांगल' एलबम में उन्होंने 6 पौराणिक मांगल गीतों को चुना है, जिसे दिल्ली के कुछ नए युवा गायकों ने आवाज दी है.

साथ ही कुणाल ने बताया कि इस एलबम की सबसे खास बात ये है कि इसमें मांगल गीतों के बोल के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है. बस इसे एक मॉर्डन बैक ग्राउंड म्यूजिक दिया गया है. जिससे कि आज के युवा भी इन मांगल गीतों से जुड़ाव महसूस कर सके और वे भी इन मांगल गीतों को सुने. उन्होंने कहा कि उनका प्रयास है कि आने वाले समय में शादी-ब्याह के मौको पर प्रदेश के युवा पंजाबी या हिंदी गानों की जगह मांगल गीतों को सुनना ज्यादा पसंद करें. गौरतलब है कि पौराणिक समय में महिलाओं द्वारा गाये जाने वाले मांगल गीत अब मेल वॉइस में आपको सुनने को मिलेंगे.

मांगल एलबम के रिलीज के संबंध में जानकारी देते हुए कुणाल ने बताया कि आने वाले दो-तीन दिनों में 'मांगल' एलबम सभी डिजिटल प्लेटफॉर्म जैसे YouTube, iTunes, Gaana पर रिलीज कर दी जाएगी. फिलहाल ये एक ऑडियो म्यूजिक एलबम है. उन्होंने बताया कि भविष्य में इसका एक पूरा वीडियो लांच करने की भी योजना है, जिसे श्री त्रियुगीनारायण मंदिर में शूट किया जायेगा. बता दें कि प्रदेश का एक उभरता हुआ वेडिंग डेस्टिनेशन बनता जा रहा है.

Intro:Please Note - Desk this is a combine special report of srinagar stinger Mohan and me . Stinger Mohan is sending the visual and byte from Srinagar Garhwal

Also sending the Album poster pic from Mail .please check

देहरादून- उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल की संस्कृति को बखूबी दर्शाने वाले माँगल गीतों को अब जल्द ही आप नए अंदाज में सुन सकेंगे । प्रदेश का जाना- माना 'PANDAVAAS' बेंड कुछ प्रसिद्ध माँगल गीतों को आधुनिक अंदाज़ में प्रस्तुत करने जा रहा है ।

बता दें कि पुराने समय में गढ़वाल क्षेत्र में हर विवाह समारोह के दौरान महिलाओं द्वारा माँगल गीतों को गाने की परम्परा हुआ करती थी । लेकिन समय बीतने के साथ आज इन माँगल गीतों की जगह हिंदी और पंजाबी गीतों ने ले ली है । देखा जाए तो आज का युवा इन माँगल गीतों को पूरी तरह भूल चुका है । यहां तक कि कई युवा ऐसे भी हैं जिन्हें माँगल गीत क्या होते हैं इसका कोई ज्ञान ही नही है ।




Body:PANDWAAS बेंड के सदस्य कुणाल डोबाल ने ईटीवी भारत को बताया कि गुमनामी के अंधेरे में खोते जा रहे माँगल गीतों को दोबारा लोकप्रिय बनाने का ये उनका एक छोटासा प्रयास है । अपने 'माँगल' एलबम में फिलहाल उन्होंने 6 पौराणिक लोकप्रिय माँगल गीतों को चुना है । जिन्हें दिल्ली के कुछ नए युवा गायकों ने अपनी आवाज़ दी है । साथ ही उन्होंने बताया कि माँगल गीतों के बोल के साथ कोई छेड़छाड़ नही की गई है । लेकिन एक मॉर्डन बैक ग्राउंड म्यूजिक यहां दिया गया है । जिससे कि प्रदेश का युवा भी इन माँगल गीतों को सुनना पसंद करे और आने वाले समय में शादी के मौको पर प्रदेश का युवा पंजाबी या हिंदी गीतों की जगह इन माँगल गीतों को सुनना पसंद करें ।

गौरतलब है कि पौराणिक समय में माँगल गीत केवल महिलाओं द्वारा ही गाए जाते थे। लेकिन नए अंदाज में पांडवास बेंड द्वारा प्रस्तुत किए जा रहे हैं इस माँगल गीत में आपको Male voice भी सुनने को मिलेगी ।




Conclusion:माँगल एलबम की रिलीस से सम्बंध में जानकारी देते बेंड के सदस्य कुणाल डोभाल ने बताया कि सम्भवतः अगले 2 से 3 दिनों में 'माँगल' एलबम सभी डिजिटल प्लेटफार्म जैसे कि youtube, iTunes, Gaana में रिलीस कर दिया जाएगा । फिलहाल ये एक ऑडियो म्यूसिक अल्बम है । लेकिन भविष्य में इसका एक पूरा वीडियो लांच करने की भी योजना है । जिसे प्रसिद्ध श्री त्रियुगीनारायण मंदिर में शूट किया जायेगा। जो प्रदेश का एक उभरता हुआ wedding Destination बनता जा रहा है ।
Last Updated : May 28, 2019, 4:37 PM IST
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