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उत्तराखंड में 235 करोड़ से होगा 6 बांध और बैराज का कायाकल्प, बढ़ेगा बिजली उत्‍पादन

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Published : Jun 26, 2019, 8:12 PM IST

गौरतलब है कि ड्रिप प्रोजेक्ट के तहत प्रथम चरण में डाकपत्थर बैराज, शक्ति नहर, आसन बैराज, वीरभद्र बैराज, मनेरी बांध व इच्छाडी परियोजना में फाटक एवं उपकरणों की मरम्मत सहित अन्य कार्य किए जाएंगे. इन सभी कार्यों को जून 2020 तक पूरे करने का लक्ष्य रखा गया है

6 बांध और बैराज का कायाकल्प.

देहरादून: जल्द ही उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड (UJVNL) की ओर से प्रदेश के 6 पुराने बांध व बैराज परियोजनाओं की मरम्मत का कार्य शुरू किया जाएगा. इसके लिए UJVNL को विश्व बैंक की ओर से 235 करोड़ रुपए दिये जा रहे हैं. बता दें कि बीते सोमवार को केंद्र जल आयोग की तकनीकी समिति की बैठक में विश्व बैंक की ड्रिप (डैम रिहेबिलिटेशन एन्ड इम्प्रोवमेंट प्रोजेक्ट) परियोजना के कार्यों की समीक्षा की गई. जिसमें UJVNL द्वारा 6 बांध एवं बैराज परियोजनाओं की मरम्मत के लिए 235 करोड़ रुपए के खर्च का प्रस्ताव पेश किया था.

6 बांध और बैराज का कायाकल्प.

गौरतलब है कि ड्रिप प्रोजेक्ट के तहत प्रथम चरण में डाकपत्थर बैराज, शक्ति नहर, आसन बैराज, वीरभद्र बैराज, मनेरी बांध व इच्छाडी परियोजना में फाटक एवं उपकरणों की मरम्मत सहित अन्य कार्य किए जाएंगे. इन सभी कार्यों को जून 2020 तक पूरे करने का लक्ष्य रखा गया है. इसके अलावा ड्रिप परियोजना के दूसरे चरण में उत्तरकाशी के जोशियाड़ा बैराज का चयन हुआ है. जिसमें सिविल व यांत्रिकी के कार्य किए जाएंगे.

इस संबंध में जानकारी देते हुए UJVNL के प्रबंध निदेशक एस एन वर्मा ने बताया कि वर्ल्ड टाइम की तरफ से इसके लिए 235 करोड़ रुपए मंजूर किये गये हैं. जिससे 30 से 40 साल पुराने 6 बांध एवं बैराज परियोजना की मरम्मत का कार्य किया जाएगा. उन्होंने बताया कि अक्सर बरसात में बांध और बैराज को खासा नुकसान पहुंचता है जिसकी वजह से बिजली उत्पादन क्षमता कम हो जाती है. ऐसे में मरम्मत का कार्य पूरा होने से इन बांध और बैराज परियोजनाओं की आयु तो बढ़ेगी ही साथ ही इनकी बिजली उत्पादन क्षमता में भी सुधार होगा.

बता दें कि ड्रिप परियोजना के तहत वर्ल्ड बैंक से मिलने वाला यह लोन प्रदेश के लिए काफी किफायती है. इसमें 92% रकम ग्रांट के तौर पर दी जाती है. वहीं शेष बची 8% राशि महज 1.25 ब्याज दर पर दी जाती है. प्रदेश में बांधों और बैराजों की मरम्मत होने से प्रदेश की बिजली उत्पादन क्षमता बढ़ेगी तो वहीं दूसरी ओर जर्जर हो चुके बांधों और बैराज परियोजनाओं को संजीवनी मिलेगी.

देहरादून: जल्द ही उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड (UJVNL) की ओर से प्रदेश के 6 पुराने बांध व बैराज परियोजनाओं की मरम्मत का कार्य शुरू किया जाएगा. इसके लिए UJVNL को विश्व बैंक की ओर से 235 करोड़ रुपए दिये जा रहे हैं. बता दें कि बीते सोमवार को केंद्र जल आयोग की तकनीकी समिति की बैठक में विश्व बैंक की ड्रिप (डैम रिहेबिलिटेशन एन्ड इम्प्रोवमेंट प्रोजेक्ट) परियोजना के कार्यों की समीक्षा की गई. जिसमें UJVNL द्वारा 6 बांध एवं बैराज परियोजनाओं की मरम्मत के लिए 235 करोड़ रुपए के खर्च का प्रस्ताव पेश किया था.

6 बांध और बैराज का कायाकल्प.

गौरतलब है कि ड्रिप प्रोजेक्ट के तहत प्रथम चरण में डाकपत्थर बैराज, शक्ति नहर, आसन बैराज, वीरभद्र बैराज, मनेरी बांध व इच्छाडी परियोजना में फाटक एवं उपकरणों की मरम्मत सहित अन्य कार्य किए जाएंगे. इन सभी कार्यों को जून 2020 तक पूरे करने का लक्ष्य रखा गया है. इसके अलावा ड्रिप परियोजना के दूसरे चरण में उत्तरकाशी के जोशियाड़ा बैराज का चयन हुआ है. जिसमें सिविल व यांत्रिकी के कार्य किए जाएंगे.

इस संबंध में जानकारी देते हुए UJVNL के प्रबंध निदेशक एस एन वर्मा ने बताया कि वर्ल्ड टाइम की तरफ से इसके लिए 235 करोड़ रुपए मंजूर किये गये हैं. जिससे 30 से 40 साल पुराने 6 बांध एवं बैराज परियोजना की मरम्मत का कार्य किया जाएगा. उन्होंने बताया कि अक्सर बरसात में बांध और बैराज को खासा नुकसान पहुंचता है जिसकी वजह से बिजली उत्पादन क्षमता कम हो जाती है. ऐसे में मरम्मत का कार्य पूरा होने से इन बांध और बैराज परियोजनाओं की आयु तो बढ़ेगी ही साथ ही इनकी बिजली उत्पादन क्षमता में भी सुधार होगा.

बता दें कि ड्रिप परियोजना के तहत वर्ल्ड बैंक से मिलने वाला यह लोन प्रदेश के लिए काफी किफायती है. इसमें 92% रकम ग्रांट के तौर पर दी जाती है. वहीं शेष बची 8% राशि महज 1.25 ब्याज दर पर दी जाती है. प्रदेश में बांधों और बैराजों की मरम्मत होने से प्रदेश की बिजली उत्पादन क्षमता बढ़ेगी तो वहीं दूसरी ओर जर्जर हो चुके बांधों और बैराज परियोजनाओं को संजीवनी मिलेगी.

Intro:देहरादून- UJVNL (उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड ) की ओर से जल्द ही प्रदेश के 6 पुराने बांध व बैराज परियोजनाओं की मरम्मत का कार्य शुरू किया जाएगा । इसके लिए UJVNL को विश्व बैंक की ओर से 235 करोड़ का दिया दिया जा रहा है ।


Body:बता दे की बीते सोमवार को केंद्र जल आयोग की तकनीकी समिति की बैठक में विश्व बैंक की ड्रिप (डैम रिहेबिलिटेशन एन्ड इम्प्रोवमेंट प्रोजेक्ट) परियोजना के कार्यों की समीक्षा की गई। जिसमे UJVNL द्वारा 6 बांध एवं बैराज परियोजनाओं की मरम्मत के लिए 235 करोड़ रुपए के खर्च का प्रस्ताव पेश किया।

गौरतलब है कि ड्रिप प्रोजेक्ट के तहत प्रथम चरण में डाकपत्थर बैराज ,शक्ति नहर, आसन बैराज ,वीरभद्र बैराज ,मनेरी बांध व इच्छाडी परियोजना में फाटक एवं उपकरणों की मरम्मत सहित अन्य कार्य किए जाएंगे। इन सभी कार्यों को जून 2020 तक पूरे करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा ड्रिप परियोजना के दूसरे चरण में उत्तरकाशी के जोशियाडा बैराज का चयन हुआ है। जिसमें सिविल व यांत्रिकी कार्य किए जाएंगे।

इस संबंध में अधिक जानकारी देते हुए UJVNL के प्रबंध निदेशक एस एन वर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि वर्ल्ड टाइम की तरफ से मिले 235 करोड़ से जिन 6 बांध एवं बैराज परियोजना की मरम्मत का कार्य किया जाएगा वह सभी 30 से 40 साल पुरानी हैं । उन्होंने बताया कि अक्सर बरसात में बांध और बैराज को खासा नुकसान पहुंचता है जिसकी वजह से इनकी बिजली उत्पादन क्षमता कम हो जाती है । ऐसे में मरम्मत का कार्य पूरा होने पर इन बांध - बैराज परियोजनाओं की आयु तो पड़ेगी ही साथ ही इनकी बिजली उत्पादन की क्षमता में भी सुधार होगा ।


Conclusion:बता दें कि ड्रिप परियोजना के तहत वर्ल्ड बैंक से मिलने वाला यह लोन प्रदेश के लिए काफी किफायती है । इसमें 92% रकम ग्रांट के तौर पर दी जाती है । वहीं शेष बची 8% राशि महज 1.25 ब्याज दर पर दी जाती है ।
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