ETV Bharat / state

परिवहन विभाग ने किया छुट्टी का मजा किरकिरा, मसूरी के लिए पर्यटकों नहीं मिली बसें

स्कूलों की समर वेकेशन और ईद की छुट्टी एक साथ होने के कारण मसूरी में पर्यटक भारी तादाद में पहुंचे थे. जिसके चलते नगर में जाम की स्थिति बनी रही और यहां बसों का संचालन पूरी तरह से प्रभावित रहा. इसके अलावा मसूरी बस स्टेशन की आधे से ज्यादा बसें चार धाम यात्रा ड्यूटी पर जाने के कारण भी मसूरी रूट पर बसों का अभाव देखने को मिला.

बेहाल यात्री
author img

By

Published : Jun 6, 2019, 9:34 AM IST

Updated : Jun 6, 2019, 12:01 PM IST

देहरादूनः ईद की छुट्टी के दिन उत्तर भारत के अलग-अलग राज्यों से मसूरी घूमने आए पर्यटकों को देहरादून स्थित रोडवेज स्टैंड से बसें न मिलने से खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा. पहाड़ों की रानी मसूरी जैसे हिल स्टेशन पर बदहाल यातायात व्यवस्था के चलते बुधवार को सुबह से लेकर दोपहर बाद तक सैकड़ों पर्यटक बस टिकट के लिए पसीना बहाते दिखे. वहीं, कई पर्यटकों ने मजबूरन प्राइवेट टैक्सियों के सहारे यात्रा करनी पड़ी. जिसके एवज में वाहन चालकों ने उनसे मनमाना किराया वसूल किया.

मसूरी घूमने पहुंचे यात्रियों को बसें न मिलने के कारण काफी परेशानी हुई.

बीते बुधवार छुट्टी के दिन मसूरी के लिए बसों की संचालन में भारी कमी देखने को मिली. जिसके चलते मसूरी जाने वाली सभी बसें यात्रियों से खचाखच भरी नजर आई. वहीं, बसों की मारमारी के चलते यात्रियों को मजबूरन जान जोखिम में ओवरलोडेड बसों में सफर करना पड़ा.जबकि, पहाड़ी क्षेत्र में ओवरलोडिंग से दुर्घटनाओं का खतरा भी रहता है.

स्कूलों की समर वेकेशन और ईद की छुट्टी एक साथ होने के कारण मसूरी में पर्यटक भारी तादाद में पहुंचे थे. जिसके चलते नगर में जाम की स्थिति बनी रही और यहां बसों का संचालन पूरी तरह से प्रभावित रहा. इसके अलावा मसूरी बस स्टेशन की आधे से ज्यादा बसें चार धाम यात्रा ड्यूटी पर जाने के कारण भी मसूरी रूट पर बसों का अभाव देखने को मिला.

उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान जैसे उत्तर भारत के प्रदेशों से आए पर्यटक मसूरी न जाने की वजह से देहरादून में फंसे रहे. ऐसे में मसूरी जाने के लिए जहां देहरादून से रोडवेज बस 60 प्रति व्यक्ति किराया है, तो वहीं प्राइवेट टैक्सी वाले मौके का फायदा उठाकर 320 रुपये प्रति व्यक्ति तक मनमाना किराया वसूलकर पर्यटकों से चांदी काटते रहे.

बेहाल पर्यटकों ने ईटीवी को बतायी परेशानी

मसूरी बस स्टैंड पर घंटों बसों का इंतजार कर बेहाल हुए पर्यटकों का कहना है कि जिस तरह से मसूरी हिल स्टेशन देश दुनिया में मशहूर है. लिहाजा उत्तराखंड सरकार को पर्याप्त संख्या में बसों का संचालन करना चाहिए. लेकिन यहां आने के बाद रोडवेज की बदहाल संचालन व्यवस्था से साफ हो गया कि सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कितनी गंभीर है.

यह भी पढ़ेंः 'कलम' से उत्तराखंड के लिए देखा था ये सपना, अधूरा छोड़ चले गये प्रकाश पंत

बता दें कि उत्तर भारत में इनदिनों भीषण गर्मी पड़ रही है. जिसके चलते पर्यटक पहाड़ों का रुख कर रहे है. ऐसे में ईटीवी से मुखातिब होते हुए पर्यटकों ने बताया कि वह गर्मी से निजात पाने के लिए मसूरी जा रहे थे. लेकिन देहरादून से मसूरी को जाने वाली बसों में भारी भीड़ है और जिसके चलते उन्हें टिकट काउंटर पर घंटों इंतजार करना पड़ रहा है.

सरकार नहीं बढ़ा रहा है बसों का बेड़ा

उधर, मसूरी स्टेशन में बसों की कमी के संबंध में जानकारी देते हुए पर्वतीय रोडवेज कर्मचारी परिषद के प्रदेश उपाध्यक्ष दिनेश गोसाई ने बताया कि पहले ही परिवहन विभाग में बसों का भारी टोटा है.

वर्तमान में मसूरी के लिए मात्र 95 बसें हैं. जिसमें से आधी बसें चार धाम यात्रा पर हैं. जबकि, कुछ बसें मेंटिनेंस के लिए गैराज में खड़ी है. ऐसे में जो बसें उपलब्ध हैं. उन्हें ही इस रुट पर संचालित किया जा रहा है.

यात्रा सीजन में बसों की भारी कमी के चलते जहां यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ रही है. वहीं. परिवहन विभाग को भी करोड़ों के राजस्व का नुकसान झेलना पड़ रहा है. गोसाई के मुताबिक, उत्तराखंड में पर्यटकों की संख्या प्रतिवर्ष 10% से ज्यादा बढ़ती जा रही है. बावजूद उत्तराखंड उत्तराखंड सरकार परिवहन विभाग के बसों के बेड़े को बढ़ाने में कोई दिलचस्पी नहीं ले रही है.

यह भी पढ़ेंः जल पुरुष ने कहा पर्यावरण दिवस मनाने से नहीं होगा कुछ, परिमंडल को बचाने के लिए लेना होगा दृढ़ संकल्प

बता दें कि परिवहन विभाग के पास इस वक्त मैदानी और पर्वतीय जिलों के लिए मात्र 1,237 बसें हैं. जिनमें से कई खस्ताहाल हो चुकी है. जबकि, विभाग पहले ही 268 बसों की नीलामी कर चुका है.

उत्तराखंड में पर्यटकों की बढ़ती तादाद को देखते हुए विभाग को कम से कम 1,500 से 2,000 बसों की जरूरत महसूस की जा रही है. लेकिन भारी मांग के बावजूद सरकार बसों के बेड़े को बढ़ाने के लिए राजी नहीं है.

देहरादूनः ईद की छुट्टी के दिन उत्तर भारत के अलग-अलग राज्यों से मसूरी घूमने आए पर्यटकों को देहरादून स्थित रोडवेज स्टैंड से बसें न मिलने से खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा. पहाड़ों की रानी मसूरी जैसे हिल स्टेशन पर बदहाल यातायात व्यवस्था के चलते बुधवार को सुबह से लेकर दोपहर बाद तक सैकड़ों पर्यटक बस टिकट के लिए पसीना बहाते दिखे. वहीं, कई पर्यटकों ने मजबूरन प्राइवेट टैक्सियों के सहारे यात्रा करनी पड़ी. जिसके एवज में वाहन चालकों ने उनसे मनमाना किराया वसूल किया.

मसूरी घूमने पहुंचे यात्रियों को बसें न मिलने के कारण काफी परेशानी हुई.

बीते बुधवार छुट्टी के दिन मसूरी के लिए बसों की संचालन में भारी कमी देखने को मिली. जिसके चलते मसूरी जाने वाली सभी बसें यात्रियों से खचाखच भरी नजर आई. वहीं, बसों की मारमारी के चलते यात्रियों को मजबूरन जान जोखिम में ओवरलोडेड बसों में सफर करना पड़ा.जबकि, पहाड़ी क्षेत्र में ओवरलोडिंग से दुर्घटनाओं का खतरा भी रहता है.

स्कूलों की समर वेकेशन और ईद की छुट्टी एक साथ होने के कारण मसूरी में पर्यटक भारी तादाद में पहुंचे थे. जिसके चलते नगर में जाम की स्थिति बनी रही और यहां बसों का संचालन पूरी तरह से प्रभावित रहा. इसके अलावा मसूरी बस स्टेशन की आधे से ज्यादा बसें चार धाम यात्रा ड्यूटी पर जाने के कारण भी मसूरी रूट पर बसों का अभाव देखने को मिला.

उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान जैसे उत्तर भारत के प्रदेशों से आए पर्यटक मसूरी न जाने की वजह से देहरादून में फंसे रहे. ऐसे में मसूरी जाने के लिए जहां देहरादून से रोडवेज बस 60 प्रति व्यक्ति किराया है, तो वहीं प्राइवेट टैक्सी वाले मौके का फायदा उठाकर 320 रुपये प्रति व्यक्ति तक मनमाना किराया वसूलकर पर्यटकों से चांदी काटते रहे.

बेहाल पर्यटकों ने ईटीवी को बतायी परेशानी

मसूरी बस स्टैंड पर घंटों बसों का इंतजार कर बेहाल हुए पर्यटकों का कहना है कि जिस तरह से मसूरी हिल स्टेशन देश दुनिया में मशहूर है. लिहाजा उत्तराखंड सरकार को पर्याप्त संख्या में बसों का संचालन करना चाहिए. लेकिन यहां आने के बाद रोडवेज की बदहाल संचालन व्यवस्था से साफ हो गया कि सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कितनी गंभीर है.

यह भी पढ़ेंः 'कलम' से उत्तराखंड के लिए देखा था ये सपना, अधूरा छोड़ चले गये प्रकाश पंत

बता दें कि उत्तर भारत में इनदिनों भीषण गर्मी पड़ रही है. जिसके चलते पर्यटक पहाड़ों का रुख कर रहे है. ऐसे में ईटीवी से मुखातिब होते हुए पर्यटकों ने बताया कि वह गर्मी से निजात पाने के लिए मसूरी जा रहे थे. लेकिन देहरादून से मसूरी को जाने वाली बसों में भारी भीड़ है और जिसके चलते उन्हें टिकट काउंटर पर घंटों इंतजार करना पड़ रहा है.

सरकार नहीं बढ़ा रहा है बसों का बेड़ा

उधर, मसूरी स्टेशन में बसों की कमी के संबंध में जानकारी देते हुए पर्वतीय रोडवेज कर्मचारी परिषद के प्रदेश उपाध्यक्ष दिनेश गोसाई ने बताया कि पहले ही परिवहन विभाग में बसों का भारी टोटा है.

वर्तमान में मसूरी के लिए मात्र 95 बसें हैं. जिसमें से आधी बसें चार धाम यात्रा पर हैं. जबकि, कुछ बसें मेंटिनेंस के लिए गैराज में खड़ी है. ऐसे में जो बसें उपलब्ध हैं. उन्हें ही इस रुट पर संचालित किया जा रहा है.

यात्रा सीजन में बसों की भारी कमी के चलते जहां यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ रही है. वहीं. परिवहन विभाग को भी करोड़ों के राजस्व का नुकसान झेलना पड़ रहा है. गोसाई के मुताबिक, उत्तराखंड में पर्यटकों की संख्या प्रतिवर्ष 10% से ज्यादा बढ़ती जा रही है. बावजूद उत्तराखंड उत्तराखंड सरकार परिवहन विभाग के बसों के बेड़े को बढ़ाने में कोई दिलचस्पी नहीं ले रही है.

यह भी पढ़ेंः जल पुरुष ने कहा पर्यावरण दिवस मनाने से नहीं होगा कुछ, परिमंडल को बचाने के लिए लेना होगा दृढ़ संकल्प

बता दें कि परिवहन विभाग के पास इस वक्त मैदानी और पर्वतीय जिलों के लिए मात्र 1,237 बसें हैं. जिनमें से कई खस्ताहाल हो चुकी है. जबकि, विभाग पहले ही 268 बसों की नीलामी कर चुका है.

उत्तराखंड में पर्यटकों की बढ़ती तादाद को देखते हुए विभाग को कम से कम 1,500 से 2,000 बसों की जरूरत महसूस की जा रही है. लेकिन भारी मांग के बावजूद सरकार बसों के बेड़े को बढ़ाने के लिए राजी नहीं है.

Intro:pls नोट-डेस्क महोदय, यह स्पेशल स्टोरी हैं। मेरे मोजो का कैमरा खराब होने के कारण- स्टोरी के विसुअल और tik tak अपने मोबाइल से बनाये गए हैं। सभी विसुअल फ़ाइल mail से भेजे गए है।


देहरादून- ईद की छुट्टी के दिन उत्तर भारत के अलग-अलग राज्यों से मसूरी घूमने आए पर्यटकों को देहरादून स्थित रोडवेज स्टैंड से बसे ना मिलने से खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा। पहाड़ो की रानी मसूरी जैसे हिल स्टेशन पर भारी बसों की कमी व बदहाल संचालन व्यवस्था के चलते बुद्धवार सुबह से लेकर दोपहर बाद तक सैकड़ो पर्यटक परिवार सहित छोटे बच्चों को लेकर मसूरी जाने के घंटों बस स्टैंड पर खड़े रहकर टिकट काउंटर पर इंतजार करते रहे लेकिन संचालन व्यवस्था बदहाल होने के कारण यात्री गर्मी में बिहाल दिखे। मसूरी जाने के लिए परिवहन विभाग की बसें न मिलने के कारण पर्यटकों को प्राइवेट टैक्सियों के सहारे मजबूरन अपनी जेब कहीं ज्यादा रक़म देकर ढीली करनी पड़ रही है।

जान जोखिम में डालकर बसों में ओवरलोड होकर जाने को मजबूर यात्री

इतना ही नहीं मसूरी जाने के लिए बसों की संचालन में भारी कमी के चलते यात्रियों को जान जोखिम में डालकर खड़े होकर ओवर लोडेड बसों में मसूरी जाना पड़ रहा है, ऐसे यात्री मजबूरन घंटों इंतजार करने के बाद बसों की मारामारी के चलते परिवहन विभाग यात्रियों को खचाखच भरी हुई बसों में खड़े होकर जाने की सलाह दे रहा है। जबकि पहाड़ी क्षेत्र में ओवरलोडिंग से दुर्घटनाओं का खतरा भी अलग से बढ़ रहा है।


मसूरी रोडवेज बसें सुचारू न होने के चलते -प्राइवेट टैक्सी वाले काट रहे चांदी

स्कूलों की छुट्टियां और ईद की छुट्टी एक साथ होने के कारण मसूरी हिल स्टेशन पूरी तरह से जाम की स्थिति में होने के कारण भी बसों का संचालन पूरी तरह से प्रभावित रहा। इसके अलावा मसूरी बस स्टेशन की आधे से ज्यादा बसें चार धाम यात्रा ड्यूटी पर जाने के कारण भी मसूरी रूट का संचालन पूरी तरह से खस्ताहाल दिखा। उत्तर प्रदेश हरियाणा राजस्थान जैसे उत्तर भारत के प्रदेशों से आए पर्यटक मसूरी ना जाना पाने की वजह से देहरादून पर फंसे रहे। ऐसे में मसूरी जाने के लिए जहां देहरादून से रोडवेज बस ₹60 प्रति व्यक्ति किराया है, तो वही प्राइवेट टैक्सी वाले मौके का फ़ायदा उठाकर 320 रुपये प्रति व्यक्ति तक मनमाना किराया वसूल कर पर्यटकों से चांदी काटने में जुटे हुए हैं।


Body:मसूरी जाने के लिए बसें न मिलने के कारण बेहाल पर्यटकों ने ईटीवी को बताया परिवहन विभाग

मसूरी बस स्टैंड पर घंटों बसों का इंतजार कर बेहाल हुए पर्यटकों का कहना है कि जिस तरह से मसूरी हिल स्टेशन देश दुनिया में मशहूर है उसको देखते हुए उत्तराखंड सरकार को पर्याप्त संख्या में बसों का संचालन करना चाहिए लेकिन यहां आने के बाद रोडवेज की बदहाल संचालन व्यवस्था से साफ हो गया कि सरकार पर्यटक को बढ़ावा देने के लिए कितनी गंभीर है। मसूरी ना जा पाने की वजह से नाराज उत्तर भारत के अलग-अलग राज्यों से आए पर्यटकों ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए बताया कि भीषण गर्मी के मौसम में अपने राज्य से कुछ दिन उत्तराखंड की मसूरी जैसी हसीन वादियों में बच्चों को लाने का हर किसी का सपना होता है लेकिन यहां बसों के संचालन व्यवस्था बदहाल होने से ज्यादातर यात्रियों को परेशानी हो रही है, टिकट काउंटर पर लोग सुबह से दोपहर तक खड़े हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

tik tak on tourist

उत्तराखंड में यात्रियों की संख्या बढ़ने के बावजूद सरकार नहीं बढ़ा रही है बसों का बेड़ा: रोडवेज कर्मचारी उपाध्यक्ष

उधर मसूरी स्टेशन में बसों की खस्ताहाल संचालन व्यवस्था के संबंध में जानकारी देते हुए पर्वतीय रोडवेज कर्मचारी परिषद के प्रदेश उपाध्यक्ष दिनेश गोसाई ने बताया कि पहले ही परिवहन विभाग की बसों का भारी टोटा है। वर्तमान में मसूरी के लिए मात्र 95 बसे हैं जिसमें से आधी बसे चार धाम यात्रा पर है जबकि कुछ बसें अलग-अलग कारणों से गैराज में खड़ी हुई है बची हुई कुछ ही बसों से मसूरी जाने का संचालन हो रहा है। ऐसे में यात्रा सीजन में बसों की भारी कमी के चलते यात्रियों के परेशानी के साथ साथ विभाग को भी करोड़ों का घाटा उठाना पड़ रहा है। रोडवेज परिषद उपाध्यक्ष दिनेश गोसाई के मुताबिक कश्मीर जैसे हिल स्टेशनों में तनाव के चलते उत्तराखंड में पर्यटकों की संख्या प्रतिवर्ष 10% से ज्यादा बढ़ती जा रही है उसके बावजूद उत्तराखंड उत्तराखंड सरकार परिवहन विभाग के बसों के बेड़े को बढ़ाने में कोई दिलचस्पी नहीं ले रही है.. राज्य में इस वक्त परिवहन विभाग के पास मैदानी पर्वती जिलों के लिए मात्र 1237 बसे हैं जिनमें से कई खस्ताहाल हालत पर गैराज में खड़ी है, जबकि दयनीय हालत के चलते पहले ही 268 बसों की नीलामी हो चुकी है, ऐसे लगातार उत्तराखंड में भारी संख्या में पर्यटकों के आवाजाही के मुताबिक परिवहन विभाग को कम से कम 1500 से 2000 बसों के जरूरत महसूस की जा रही है लेकिन भारी मांग के बावजूद सरकार बसों के बेड़े को बढ़ाने के लिए राजी नहीं है।

बाइट- दिनेश गोसाई प्रदेश उपाध्यक्ष, पर्वतीय रोडवेज कर्मचारी परिषद




Conclusion:प्रतिवर्ष उत्तराखंड में पर्यटकों की भारी संख्या में आवाजाही बढ़ोतरी के बावजूद व्यवस्थाओं पर सरकार का ध्यान नहीं:

उधर कश्मीर में मौजूदा हालात के कारण देशभर के अलग-अलग राज्यों से पर्यटक उत्तराखंड में पहुंच रहे हैं पहाड़ों की रानी मसूरी में पहले के मुकाबले अब 12 महीने पर्यटकों की आवाजाही लगी रहती है इसके बावजूद उत्तराखंड सरकार बसों के व्यवस्थित संचालन के साथ साथ मसूरी में जाम जैसी स्थिति से निपटने के लिए कोई धरातल पर कार्य होता नहीं दिख रहा है। ऐसे में उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के साथ साथ अन्य पर्यटक स्थलों में पटाखों को आवाजाही के साथ साथ कई तरह की समस्याओं से जूझना पड़ रहा है।

परिवहन विभाग के संचालन कमी के चलते प्राइवेट वाहनों की चोरी से डग्गेमारी चरम पर

उधर उत्तराखंड परिवहन विभाग में भारी बसों की कमी के चलते अन्य राज्यों के प्राइवेट बसों व टैक्सियों की डग्गेमारी होने वाले सरकार को करोड़ों का नुकसान राजस्व नुकसान अलग से देखने को मिल रहा है।
Last Updated : Jun 6, 2019, 12:01 PM IST

For All Latest Updates

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.