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जागर सम्राट पद्मश्री प्रीतम भरतवाण का हुआ सम्मान, कहा उत्तराखंड की लोक संस्कृति हिमालय की तरह ऊंची

जागर सम्राट प्रीतम भरतवाण का कहना है कि उत्तराखंड की लोक संस्कृति और लोक कलाएं बुलंदियां छू रही हैं. उत्तराखंड की लोक पारंपरिक विधाएं हमेशा अनमोल रहेंगी.

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Published : May 19, 2019, 6:16 AM IST

प्रीतम भरतवाण

देहरादूनः जागर सम्राट के नाम से विख्यात पद्मश्री प्रीतम भरतवाण का कहना है कि उत्तराखंड की लोक संस्कृति और पारंपरिक विधाएं हिमालय की तरह ऊंची हैं. जिसको कोई डिगा नहीं सकता है. दरअसल प्रेस क्लब में भारतीय कला कुंज की ओर से आयोजित अभिनंदन समारोह में प्रीतम भरतवाण को सम्मानित किया गया.

पद्मश्री प्रीतम भरतवाण का सम्मान किया गया.

वहीं जागर सम्राट प्रीतम भरतवाण ने एक सवाल के जवाब में कहा कि उत्तराखंड की लोक संस्कृति और लोक कलाएं बुलंदियां छू रही हैं. उन्होंने उत्तराखंडी संस्कृति की तुलना हिमालय से करते हुए कहा कि हिमालय ऊंचाइयों को छूता है. उत्तराखंड की लोक पारंपरिक विधाएं और संस्कृति हमेशा अनमोल रहेंगी और इस पर कभी किसी तरह की आंच नहीं आ सकती है.

यह भी पढ़ेंः देश में गंगा की स्थिति ICU मरीज की तरहः गौतम राधाकृष्णन

साझा प्रयासों से आयोजित इस कार्यक्रम में सम्मान पाकर उन्हें अच्छा लग रहा है. प्रीतम भरतवाण का कहना है कि कोई भी सम्मान जिम्मेदारी को बढ़ा देता है पहाड़ की लोक संस्कृति प्रति जो भी उदार भाव रखते हैं उन्हें वे हृदय की गहराइयों से धन्यवाद देते हैं.


गौरतलब है कि प्रीतम भरतवाण देश में ही नहीं विदेशों में भी अपनी प्रस्तुतियां देते रहते हैं और यही कारण रहा कि सम्मान समारोह में अमेरिका के ओपन विश्वविद्यालय में संगीत विभागाध्यक्ष प्रोफेसर स्टीफन भी मौजूद रहे.

देहरादूनः जागर सम्राट के नाम से विख्यात पद्मश्री प्रीतम भरतवाण का कहना है कि उत्तराखंड की लोक संस्कृति और पारंपरिक विधाएं हिमालय की तरह ऊंची हैं. जिसको कोई डिगा नहीं सकता है. दरअसल प्रेस क्लब में भारतीय कला कुंज की ओर से आयोजित अभिनंदन समारोह में प्रीतम भरतवाण को सम्मानित किया गया.

पद्मश्री प्रीतम भरतवाण का सम्मान किया गया.

वहीं जागर सम्राट प्रीतम भरतवाण ने एक सवाल के जवाब में कहा कि उत्तराखंड की लोक संस्कृति और लोक कलाएं बुलंदियां छू रही हैं. उन्होंने उत्तराखंडी संस्कृति की तुलना हिमालय से करते हुए कहा कि हिमालय ऊंचाइयों को छूता है. उत्तराखंड की लोक पारंपरिक विधाएं और संस्कृति हमेशा अनमोल रहेंगी और इस पर कभी किसी तरह की आंच नहीं आ सकती है.

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साझा प्रयासों से आयोजित इस कार्यक्रम में सम्मान पाकर उन्हें अच्छा लग रहा है. प्रीतम भरतवाण का कहना है कि कोई भी सम्मान जिम्मेदारी को बढ़ा देता है पहाड़ की लोक संस्कृति प्रति जो भी उदार भाव रखते हैं उन्हें वे हृदय की गहराइयों से धन्यवाद देते हैं.


गौरतलब है कि प्रीतम भरतवाण देश में ही नहीं विदेशों में भी अपनी प्रस्तुतियां देते रहते हैं और यही कारण रहा कि सम्मान समारोह में अमेरिका के ओपन विश्वविद्यालय में संगीत विभागाध्यक्ष प्रोफेसर स्टीफन भी मौजूद रहे.

Intro: जागर सम्राट के नाम से विख्यात पद्मश्री प्रीतम भरतवाण का कहना है कि उत्तराखंड की लोक संस्कृति और पारंपरिक विधाएं हिमालय की तरह ऊंची है, जिसको कोई डिगा नहीं सकता है। दरअसल शुक्रवार को प्रेस क्लब मे भारतीय कला कुंज की ओर से आयोजित अभिनंदन समारोह में प्रीतम भरतवाण को सम्मानित किया गया।


Body:वहीं जागर सम्राट प्रीतम भरतवाण ने एक सवाल के जवाब में कहा कि उत्तराखंड की लोक संस्कृति और लोक कलाएं बुलंदियां छू रही है, उन्होंने उत्तराखंडी संस्कृति की तुलना हिमालय से करते हुए कहा कि हिमालय कभी बिग नहीं सकता है क्योंकि हिमालय ऊचाइयों को छूता है, उत्तराखंड की लोक पारंपरिक विधाएं और संस्कृति हमेशा अछूर्णिय है और इस पर कभी किसी तरह की आंच नहीं आ सकती है। साझा प्रयासों से आयोजित इस कार्यक्रम में सम्मान पाकर उन्हें अच्छा लग रहा है, प्रीतम भरतवाण का कहना है कि कोई भी सम्मान जिम्मेदारी को बढ़ा देता है पहाड़ की लोक संस्कृति प्रति जो भी उदार भाव रखते हैं उन्हें वे हृदय की गहराईयों से धन्यवाद देता है।

बाईट-प्रीतम भरतवाण,जागर सम्राट






Conclusion: गोर है कि प्रीतम भरतवाण देश में ही नहीं विदेशों में भी अपनी प्रस्तुतियां देते रहते हैं और यही कारण रहा कि सम्मान समारोह में अमेरिका के ओपन विश्वविद्यालय में संगीत विभागाध्यक्ष प्रोफेसर स्टीफन भी मौजूद रहे।

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